आंगनवाड़ी ग्रेजुवेटी मामले मे सुप्रीम कोर्ट का आदेश
आंगनवाड़ी न्यूज
आंगनवाड़ी वर्करों को ग्रेजुवेटी देने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने उत्तरप्रदेश हाईकोर्ट के आदेश को बरकरार रखा है। अब इस मामले में बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग की निदेशक को बड़ी राहत मिली है।
यूपी हाईकोर्ट ने 7 अगस्त को जारी आदेश में विभाग की निदेशक पर कोर्ट की अवमानना मामले में कोई कार्यवाही न करने के संबंध में आदेश जारी किए थे। जिससे ये मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने भी हाईकोर्ट के आदेश पर अपनी सहमति दी है।
क्या है मामला ??
यूपी में आंगनवाड़ी वर्करों को ग्रेजुवेटी दिए जाने को लेकर आंगनवाड़ी कार्यकत्री कोकिला शर्मा और आंगनवाड़ी कार्यकत्री मनीषा कनौजिया (महिला आंगनवाड़ी कर्मचारी संघ) ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी।
इनका कहना था कि गुजरात की आंगनवाड़ी वर्कर द्वारा दायर याचिका में सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों को ग्रेजुबेटी देने का आदेश जारी किया है। इसीलिए यूपी की आंगनवाड़ी वर्करों को भी इस आदेश के अनुसार ग्रेजुवेटी का लाभ मिलना चाहिए।
उत्तरप्रदेश हाईकोर्ट ने 26 नवंबर को दिए गए अपने ऐतिहासिक फैसले में प्रदेश की लगभग पौने चार लाख आंगनवाड़ी वर्करों को बड़ी राहत दी। हाईकोर्ट के फैसले के अनुसार आंगनवाड़ी वर्करों को ग्रेजुवेटी का लाभ मिलना चाहिए साथ ही इनके मानदेय में बढ़ोत्तरी को लेकर विचार करना चाहिए।
ग्रेजुवेटी मामले में एक और याचिका मनीषा कनौजिया द्वारा दायर की गई थी इसका फैसला भी 26 नवम्बर को दिए गए फैसले के आधार पर आंगनवाड़ी वर्करों के पक्ष में दे दिया गया हाईकोर्ट ने उत्तरप्रदेश सरकार को 4 माह का समय देते हुए ये याचिका बंद कर दी।
लेकिन यूपी सरकार ने 4 माह बीतने के बाद भी आंगनवाड़ी वर्करों को ग्रेजुवेटी का लाभ नहीं दिया। 30 मार्च 2024 को रिटायर होने वाली आंगनवाड़ी वर्करों को उम्मीद थी कि इस बार हमे खाली हाथ रिटायर नहीं होना पड़ेगा। लेकिन सरकार कुछ भी देने के मूड में नहीं थी। चूंकि लोकसभा चुनाव नजदीक था और सरकार नहीं चाहती थी कि चुनावी मौसम को देखते हुए सरकार कोई कदम उठाए लेकिन जैसे ही लोकसभा चुनाव खत्म हुए यूपी सरकार हाईकोर्ट के फैसले के जवाब में डबल बेंच चली गई।
चार माह बीतने के बाद सरकार द्वारा ग्रेजुवेटी न दिए जाने के कारण कोर्ट के आदेश की अवमानना को लेकर 24 मई 2024 मे हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी गई। इसके बाद 7 अगस्त को हाईकौर्ट ने बाल विकास विभाग की निदेशक और अन्य पर कोई कार्यवाही करने से मना कर दिया। ये मामला सुप्रीम कोर्ट चला गया जहा पर सुप्रीम कोर्ट ने याचिका कर्ता से नोटिस मांगा है अब याचिका कर्ता को अपना जवाब दाखिल करना होगा।
वही आंगनवाड़ी ग्रेजुवेटी मामले मे सरकार के डबल बेंच मे जाने को लेकर आंगनवाड़ी वर्करो और सरकार के बीच लड़ाई लंबी चलने की आंशंका जताई जा रही है एक तरफ यूपी सरकार ग्रेजुवेटी देने के पक्ष मे बिल्कुल भी नहीं है वही दूसरी और आंगनवाड़ी पक्षकार पूरी तरह लड़ने के लिए तैयार है।