कुपोषण दूर करने वाली पोषण वाटिका हो गई कुपोषित,जिम्मेदार डकार गए पैसा
आंगनवाड़ी न्यूज

उत्तरप्रदेश मे शासन के निर्देश पर बच्चो और महिलाओ का कुपोषण दूर करने के लिए स्कूलो मे पोषण वाटिका बनाने के निर्देश जारी किए गए थे। इस पोषण वाटिका मे उगाई गयी पोष्टिक सब्जियों से कुपोषित बच्चो और महिलाओ को सुपोषण किया जायेगा।
आजमगढ़ जिले के परिषदीय विद्यालयों में पोषण वाटिका बनाने की योजना खुद कुपोषित पड़ी है। जिले के 660 परिषदीय स्कूलों में कुपोषण दूर करने के लिए सब्जियां उगाने के लिए पोषण वाटिका बनाई गयी थी। इस वाटिका मे उगने वाली सब्जियों को मिड डे मील में प्रयोग किया जाना था। लेकिन अब तक पोषण वाटिका तैयार ही नहीं हो सकी है।
वर्तमान समय मे जिले मे संचालित कुल 2706 परिषदीय विद्यालयो मे 2.80 लाख से अधिक बच्चे पंजीकृत हैं। वर्ष 2020-21 में शासन द्वारा परिषदीय विद्यालयों में पोषण वाटिका स्थापित कर हरी सब्जियां उगाने के निर्देश जारी किए गए थे। जिससे मिड डे मील तैयार के लिए बच्चों को स्कूल परिसर में ही ताजी और पौष्टिक सब्जियां उपलब्ध कराई जा सके और।
ऐसे विद्यालय जिनमें चहारदीवारी का निर्माण हुआ हो उन स्कूलो मे पोषण वाटिका तैयार करने के लिए चिन्हित किया गया था। इसके लिये जिले में 660 विद्यालयों को पोषण वाटिका बनाने के लिए चिन्हित किया गया था।
इसके लिये बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा विद्यालयों मे पोषण वाटिका तैयार करने के लिए पांच-पांच हजार रुपये की धनराशि भी भेजी गई। लेकिन ग्राम प्रधानों और प्रधानाध्यापकों की लापरवाही कहे या पैसे का घोटाला जिसकी वजह से इन पोषण वाटिका को तैयार नहीं किया जा सका।
विद्यालयों में स्थापित पोषण वाटिका में कई प्रमुख सब्जियों का उत्पादन किया जाना था। जिनमे भिंडी, पालक, लौकी, करेला, खीरा, कद्दू, तरबूज, खरबूजा, बैगन, शलजम, गाजर, मूली, टमाटर, मटर, मिर्च, पत्ता गोभी, फूल गोभी, पालक, सरसों, मेथी, सोया, धनिया, शिमला मिर्च, लहसुन, चुकंदर, शलजम, गाजर, मूली, भिंडी, बैगन, सेम, प्याज, तोरई आदि को उगाया जाना था।
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