बाल विकास मे बाबू सीडीपीओ,मुख्य सेविका और आंगनवाड़ी की भारी कमी,डीपीओ खुद करते है लेटर टाइप
आंगनवाड़ी न्यूज़
केंद्र सरकार और राज्य सरकार द्वारा गर्भवती, धात्री महिलाओ और बच्चो के टिकाकरण, कुपोषण संबंधी और ड्राई राशन वितरण के लिए अरबों रुपये का बजट तो जारी करती है लेकिन जिस बाल विकास विभाग द्वारा सरकारी योजनाओ से लाभ प्रदान किया जाता है उस विभाग मे कर्मचारी की संख्या बहुत कम है जिससे योजनाए लाभार्थी को मिल रही है।
जिले की गर्भवती व धात्री महिलाओ और 6 वर्ष तक के बच्चों के कुपोषण और अन्य समस्याओ का रिकॉर्ड आईसीडीएस विभाग के पास होता है लेकिन आंगनवाड़ी वर्करो और विभागीय अधिकारियों की कमी की वजह से बाल विकास विभाग खुद कुपोषित हुए पड़े है।
शाहजहांपुर जिले मे कर्मचारियो की कमी कए आलम है कि पिछले डेढ़ साल से विभाग के पास न तो लिपिक नियुक्त है और न ही आंगनवाड़ी वर्करो पर्याप्त संख्या है साथ ही इन केन्द्रो की निगरानी और आंगनबाड़ी कार्यकत्री की देखरेख करने वाली सुपरवाइजर मौजूद हैं।
जिले की सभी परियोजनाओ मे बाल विकास विभाग के सीडीपीओ की भी नियुक्ति नहीं हुई है अधिकांश सीडीपीओ के पद रिक्त पड़े है। जिले मे जो सीडीपीओ नियुक्त है उन्ही से बाबू (लिपिक) का काम लिया जा रहा है। डीपीओ द्वारा अगर कोई आदेश जारी करना होता है तो ये काम भी डीपीओ को को खुद करना पड़ता है। देखा जाए तो विभाग के सारे काम खानापूर्ति से चलाये जा रहे है।
सीडीपीओ के रिक्त पदो की स्थिति
जिले के 15 ब्लॉक तथा एक नगर क्षेत्र में सीडीपीओ के कुल 16 प्रस्तावित है लेकिन वर्तमान समय मे बाल विकास विभाग मे 16 ब्लॉक के सापेक्ष मात्र 5 सीडीपीओ ही नियुक्त है जिले मे 11 बाल विकास परियोजना अधिकारी के पद रिक्त पड़े हैं। जिन ब्लॉक मे पद रिक्त पड़े है उन ब्लॉक मे अन्य कर्मियों को चार्ज देकर काम चलाया जा रहा है जिसका खामियाजा आंगनवाड़ी को चक्कर काटने के कारण भुगतना पड़ता है।
सुपरवाईजर के रिक्त पदो की स्थिति
जिले में मुख्य सेविका के करीब 102 पद प्रस्तावित है जिसमे मात्र 25 पदो पर ही मुख्य सेविका कार्यरत हैंजबकि 77 पद रिक्त चल रहे है अधिकांश मुख्य सेविका के रिटायरमेंट होने के कारण पद रिक्त पड़े हैं।
ब्लॉक और डीपीओ कार्यालय मे कनिष्ठ सहायक के पद भी रिक्त पड़े हैं। डीपीओ कार्यालय में कार्य कर रहे बाबुओ को तकनीकी ज्ञान नहीं है इनसे कंप्यूटर का माउस भी पकड़ा नहीं जाता ये सिर्फ रजिस्टर पर ऑफलाइन कार्य करते है।
डीपीओ ने विभागीय कार्य का संचालन करने के लिए रिक्त पदो पर भर्ती के लिए कई बार उच्च अधिकारियों को पत्र भेजा,है साथ ही डीएम के माध्यम से भी निदेशक को पत्र भेजा गया था लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई है। जिले की 2197 आंगनबाड़ी कार्यकत्री की समस्याएं और शिकायतों का समाधान करने के लिए जिला कार्यक्रम अधिकारी को खुद ही देखना पड़ता है।
जिले के बाल विकास विभाग के कुल रिक्त पदो की संख्या
सीडीपीओ 16 में 5 कार्यरत और 11 पद रिक्त हैं मुख्य सेविका 102 में 25 कार्यरत और 77 पद रिक्त पद हैं प्रधान सहायक में 11 में 4 कार्यरत और 7 पद रिक्त हैं कनिष्ठ सहायक के 2 पद रिक्त हैं वाहन चालक के 4 पद रिक्त हैं चतुर्थ श्रेणी के 17 में 5 कार्यरत और 12 पद रिक्त पद हैं