बायोमेट्रिक सिस्टम से राशन वितरण के लिए आंगनवाड़ी वर्करों का प्रशिक्षण
आंगनवाड़ी न्यूज

आंगनबाड़ी केंद्रों में गर्भवती,धात्री महिलाओ और बच्चों को कुपोषण से दूर करने के लिए सरकार निशुल्क पुष्टाहार का वितरण करती है लेकिन इस राशन मे गड़बड़ी की शिकायत ज्यादा आती है इसके लिए शासन ने पुष्टाहार को ज्यादा पारदर्शी ढंग से वितरण करने के लिए नई व्यवस्था लागू की है।
बाल विकास विभाग द्वारा आंगनबाड़ी केन्द्रों पर पुष्टाहार वितरण प्रणाली को और अधिक पारदर्शी बनाने के लिए विभागीय पोर्टल पोषण ट्रेकर की मदद ली जा रही है। इस पोषण ट्रैकर एप मे सभी लाभार्थियों का बायोमेट्रिक सिस्टम से चेहरे, आधार नम्बर एवं मोबाइल नम्बर की फीडिंग का कार्य किया जा रहा है। इसके बाद सभी लाभार्थियों के चेहरे का पोषण ट्रेकर एप द्वारा सत्यापन के बाद ही पुष्टाहार प्रदान किया जाएगा।
मथुरा जिले मे संचालित 2363 आंगनबाड़ी केन्द्रों पर पंजीकृत सभी लाभार्थियों की एप पर फीडिंग एवं सत्यापन का कार्य पूरा किया जा चुका है। इसके बाद सभी लाभार्थियों को पोषाहार का वितरण आधार ओटीपी एवं चेहरों का सत्यापन करके ही प्रदान किया जाएगा।
इन आंगनवाड़ी केन्द्रो पर हर माह पंजीकृत प्रत्येक बच्चे को 1.5 किग्रा गेहूं व दलिया, 1.5 किग्रा चावल, 2 किग्रा चना एवं 500 ग्राम सोयाबीन का तेल जबकि गर्भवती महिला को एक-एक किलोग्राम राशन का वितरण किया जाता है।
पोषण ट्रेकर पर पंजीकृत सभी लाभार्थियों के आधार व मोबाइल फीडिंग कार्य लगभग पूरा हो चुका है इसके साथ ही पिछले हफ्ते जिले की सभी सीडीपीओ और मुख्य सेविका को भी प्रशिक्षित किया जा चुका है। अब जल्द ही जिले की सभी आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को ट्रेनिंग दी जाएगी। ट्रेनिग पूरी होने के बाद अगले तीन-चार माह बाद चेहरा सत्यापन एवं आधार ओटीपी से राशन वितरण शुरू कर दिया जायेगा।
वर्तमान समय मे बाल विकास द्वारा संचालित कुल 2363 आंगनबाड़ी केन्द्रों पर के सापेक्ष 1950 आंगनबाड़ी कार्यकत्रियां ही नियुक्त है। जिले मे भर्ती प्रक्रिया के लिए ऑनलाइन आवेदन आए है जल्द ही नयी आंगनवाड़ी की नियुक्ति होने वाली है।
जबकि जिले मे सुपरवाईजर के 83 पदो के सापेक्ष मात्र 25 सुपरवाईजर ही नियुक्त है जबकि सीडीपीओ के 11 पदों के सापेक्ष मात्र दो ही बाल विकास परियोजना अधिकारी नियुक्त हैं। विभागीय कार्यालयो मे लिपिक एवं चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों की भी कमी चल रही है।