हाटकुक्ड योजना संचालन मे बर्तन बने सबसे बड़ी बाधा
हॉट कूक्ड योजना
प्रदेश मे योगी सरकार ने आंगनवाड़ी केन्द्रो पर हॉट कूक्ड योजना को दुबारा शुरू करने के लिए बड़े ज़ोर शोर प्रचार किया था इस योजना का उद्देश्य आंगनवाड़ी केन्द्रो पर बच्चो को गर्म पका पकाया भोजन देने का था लेकिन ये योजना कुछ ही दिनो मे धड़ाम हो गयी। जिसके कारण आंगनवाड़ी केन्द्रो पर कार्यकत्री को बड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
इस योजना का फ्लॉप होना शासन के नियमो और बजट का समय से न आना बड़ी वजह बना। खासकर शहरी क्षेत्रो मे भोजन बनाने और बर्तनो की समुचित व्यवस्था न करना था। शहरी क्षेत्रो मे शासन द्वारा बनाए गए नियमो मे दूसरे विभागो पर निर्भरता ज्यादा की गयी थी। खाना बनाने और खिलाने के लिए बर्तनो और अन्य संसाधन को उपलब्ध कराने के लिए सिर्फ सहयोग के लिए कहा गया था। इसकी ज़िम्मेदारी विशेष विभाग को नहीं दी गयी।
रायबरेली जिले के जिला कार्यक्रम अधिकारी विनय कुमार सिंह ने शहर क्षेत्रो के आंगनबाड़ी केन्द्रो पर हॉट कूक्ड योजना की स्थिति का जायजा लिया। इसके लिए केंद्र स्वराज नगर के आंगनवाड़ी केंद्र का निरीक्षण किया। इस निरीक्षण मे आंगनवाड़ी केंद्र पर बच्चे हॉट कुक्ड खा रहे थे लेकिन बच्चो के खाने के लिए बर्तनों की व्यवस्था नहीं थी।
इस केंद्र पर बच्चो के खाने की व्यवस्था का आलम ये था कि बच्चे छोटी छोटी कटोरियों में खाना खा रहे थे। जिसको देखकर डीपीओ ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहायिका पर कड़ी नाराजगी जताई। इसके बाद आंगनवाड़ी से जवाब तलब करने को कहा और बच्चों के लिए बर्तनों की उचित व्यवस्था सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया है।
अगर ग्रामीण क्षेत्रो के केन्द्रो की बात की जाए तो इन केन्द्रो पर भी हालत बदतर है। आंगनवाड़ी वर्करो का कहना है कि हॉट कूक्ड योजना के लिए समय से बजट नहीं आता। सिर्फ एक या दो बार बजट आया है बाकी हम अपनी जेब से खाना खिलाते है या स्कूल द्वारा मिड डे मील का खाना खा लेते है।
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