
बाल विकास विभाग मे आंगनवाड़ी केन्द्रो पर पंजीकृत बच्चो और महिलाओ को कुपोषण दूर करने के लिए पोषाहार दिया जाता है। इस पोषाहार की आपूर्ति ग्रामीण क्षेत्रो मे बाल विकास परियोजना कार्यालय से आंगनवाड़ी केन्द्रो पर की जाती है।
परियोजना कार्यालय से आंगनवाड़ी केन्द्रो पर पहुचाने की ज़िम्मेदारी राष्ट्रीय आजीविका मिशन समूह की होती है। इस समूह की महिलाए कार्यालय से राशन का उठान कर केन्द्रो पर उपलब्ध कराती है इसके लिए इन्हे कमीशन दिया जाता है लेकिन ये समूह की महिलाए राशन का उठान कर अपने घर मे रख लेती है जिससे केन्द्रो के बच्चो को राशन नहीं मिल रहा है।
संभल जिले के पंवासा ब्लॉक की ग्राम पंचायत सिसौना के मजरा देवरी औरंगाबाद में पोषाहार से वंचित महिलाओं ने प्रदर्शन करते हुए आरोप लगाया कि गांव में गर्भवती महिलाओं और बच्चों को पुष्टाहार का वितरण नहीं किया जा रहा है। इसकी पूर्ण जिम्मेदार स्वयं सहायता समूह की महिलाए राशन का उठान कर आंगनबाड़ी केंद्र पर आपूर्ति न करके अपने घरों में रख रही है जिससे केन्द्रो के लाभार्थियो को राशन नहीं मिल रहा हैं।
प्रदर्शन कर रही महिलाओ का कहना है कि राशन न मिलने की कई बार बाल विकास की सीडीपीओ नीता सैनी को लिखित शिकायतें दी जा चुकी हैं साथ ही जिले के जिला कार्यक्रम अधिकारी को भी फोन के माध्यम से अवगत कराया गया है लेकिन अभी तक कोई ठोस कार्यवाही नहीं की गयी है।
विरोध प्रदर्शन करने वाली महिलाओ का कहना है कि ये समूह की महिलाए राशन सीडीपीओ कार्यालय से राशन का उठान तो जल्दी कर लेती है लेकिन इस राशन को आंगनवाड़ी केन्द्रो पर न पहुचा कर अपने ही घर मे रख लेती है। बच्चे और महिलाए आंगनवाड़ी केन्द्रो पर राशन मिलने का इंतजार करते रहते है जिसके कारण बेवजह आंगनवाड़ी कार्यकत्री से झड़प होती रहती है। इन महिलाओ की मांग है कि इन समूह की महिलाओ पर सख्त कार्यवाही होनी चाहिए।
इस संबंध मे जिले के जिला कार्यक्रम अधिकारी महेश कुमार का कहना है कि सिसौना में पुष्टाहार वितरण में गड़बड़ी की सूचना मिली है। इस मामले की जल्द जांच कराई जाएगी इसमे जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी।