आंगनवाड़ी केंद्रों के लाभार्थियों को बायोमेट्रिक से मिलेगा राशन,शासन ने किया आदेश जारी
आंगनवाड़ी न्यूज
सरकार आंगनबाड़ी केन्द्रो पर पोषहार वितरण में फर्जीवाड़ा रोकने के लिए बायोमेट्रिक व्यवस्था लागू करने जा रही है इसके लिए सभी परियोजनाओं व आंगनबाड़ी केंद्रों पर ईपॉस मशीन स्थापित किए जाएंगे। इसके लिए उप्र डेवलपमेंट सिस्टम कॉरपोरेशन (यूपीडेस्को) को कार्यदायी संस्था नामित किया गया है। इससे संबंधित प्रस्ताव को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है।अब आंगनवाड़ी केन्द्रो पर भी ई-पॉस मशीन पर अंगूठा लगाने के बाद कुपोषित बच्चे और गर्भवती-धात्री महिलाओं को पोषाहार मिल सकेगा। इस संबंध मे शासन द्वारा जनपद बरेली के 2857 आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए ई-पॉस मशीन दी जाएंगी ।
जनपद बरेली शहर के बंद 52 आंगनबाड़ी केन्द्रो पर करीब 2900 कुपोषित बच्चे और 650 गर्भवती-धात्री महिलाओं के पोषाहार के बंदरबांट की बात सामने आई थी। इस मामले को लेकर कमिश्नर ने गड़बड़ी की जांच जेडीसी और डीसी फूड की संयुक्त कमेटी से कराई थी। कमेटी की जांच में बंद आंगनबाड़ी केंद्रों पर पंजीकरण दिखाकर कागजों में पोषाहार वितरण करने का खेल सामने आया था। प्रभारी डीपीओ और सीडीपीओ को गड़बड़ी का दोषी मानते हुए कार्रवाई के लिए शासन को कमिश्नर ने रिपोर्ट भेजी थी।
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डीपीओ कृष्ण चंद्र ने बताया कि आंगनवाड़ी केन्द्रो के लाभार्थियो को बायोमेट्रिक द्वारा राशन दिया जाएगा इस ई-पॉस व्यवस्था के लागू होने से पारदर्शिता आएगी। अभी जिले मे बायोमेट्रिक ई-पॉस आने का इंतजार है
आंगनवाड़ी केन्द्रो पर ई-पॉस के लिए शासन के दिशा निर्देश
14 से 18 वर्ष आयु की किशोरी बालिकायें तथा गर्भवती एवं धात्री महिलायें स्वयं बायोमीट्रिक ऑथेन्टिकेशन हेतु सक्षम हैं, अत: उनके द्वारा आधार बेस्ड सत्यापन करते हुये पोषाहार प्राप्त किया जायेगा।
06 माह से 06 वर्ष के बच्चों के स्वयं के द्वारा पोषाहार न प्राप्त करते हुये उनके अभिभावकों द्वारा ही व्यवहारिक रूप से पोषाहार प्राप्त किया जाता है । अत: व्यवहारिक दृष्टिकोण को दृष्टिगत रखते हुये उन बच्चों के माता अथवा पिता के आधार बेस्ड बायोमीट्रिक ऑथेन्टिकेशन की व्यवस्था स्थापित की जायेगी । इस सम्बन्ध में आदेश जारी होने के उपरान्त विस्तृत दिशा-निर्देश निदेशक, बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार द्वारा उत्तर प्रदेश डेवलपमेंट सिस्टम कारपोरेशन लिमिटेड (यूपीडेस्को) को एक सप्ताह में उपलब्ध कराया जायेगा ।
शासन द्वारा जारी बायोमेट्रिक आदेश देखने के लिए क्लिक करे
चयनित होने वाले सिस्टम इन्टीग्रेटर संस्थाओं को ई-पॉस मशीन सॉफ्टवेयर एप्लीकेशन, आइरिश आइडेन्टिफिकेशन, फील्ड लेवल मैनपावर, तकनीकी मैनपावर, मोबाइल सिम उपलब्ध कराने होंगे। साथ ही इन सभी का 03 वर्षो तक रख-रखाव भी करना होगा। यह परियोजना प्रस्तर-2 में दिये गये मॉडल्स के अन्तर्गत सिस्टम इंटीग्रेटर आधारित BOO (Build, Own, Operate) मॉडल पर संचालित किया जाना है। उक्त परआने वाले व्ययभार के सम्बन्ध में यूपीडेस्को से दरें प्राप्त होने के उपरान्त वित्तीय उपाशय का आंकलन सम्भव होगा ।
ई-पॉस मशीन की बिड प्रक्रिया में विभिन्न कम्पोनेन्ट यथा – हार्डवेयर, सॉफ्टवेयर आदि सम्मिलित होंगे, जिसमें एक से अधिक सिस्टम इंटीग्रेटर्स का भी चयन संभावित है । ई-पॉस मशीन की बिड प्रक्रिया में मल्टीपल कम्पोनेन्ट सम्मिलित होने के कारण इसे जेम पोर्टल के माध्यम से किया जाना संभव नहीं होगा। अत: प्रदेश की बाल विकास परियोजनाओं में आपूर्ति किये जा रहे पोषाहार वितरण के सत्यापन के लिये ई-पॉस मशीनों की स्थापना व संचालन हेतु कार्यदायी संस्था द्वारा आर०एफ०पी० तैयार करके प्री-बिड आमंत्रित की जायेगी। प्री-बिड में प्राप्त बिडर्स के सुझावों के आलोक में आर०एफ०पी०को अन्तिम रूप दिया जायेगा।
यूपीडेस्को द्वारा तैयार आर0एफ0पी0 को राज्य सरकार के वित्तीय एवं प्रशासनिक हितों को दृष्टिगत रखते हुये मूल्यांकन एवं विश्लेषण करते हुये स्पष्ट संस्तुति सहित शासन को अग्रेसित करने निम्नवत् समिति गठित की जाती है :-
- निदेशक, बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार, उ0प्र0, लखनऊअध्यक्ष
- अपर निदेशक (वित्त), बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार, उ0प्र0 लखनऊ -सदस्य
- संयुक्त सचिव / उप सचिव, बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग
- वित्त विभाग द्वारा नामित प्रतिनिधि (संयुक्त सचिव से अनिम्न)
- आई0टी0 एवं इलेक्ट्रानिक्स विभाग द्वारा नामित प्रतिनिधि
- उप निदेशक (निदेशक, बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार द्वारा नामित) -सदस्य सचिव
लाभार्थियों की संख्या के आधार पर ई-पॉस मशीन के माध्यम से किये जाने वाले ट्रांजेक्शन्स की संख्या बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार निदेशालय द्वारा यूपीडेस्को को उपलब्ध कराई जाएगी
अवगत हो कि अभी तक लाभार्थियों को वितरित किए जा रहे पोषाहार के सत्यापन के लिए मैनुअल व्यवस्था लागू है। तमाम जिलों में लाभार्थियों की वितरण में बड़े पैमाने पर धांधली किए जाने के कई मामले सामने भी आते रहते हैं। ऐसी ही शिकायतों के आधार 02 पर पिछले दिनों कई जिलों के अधिकारियों व आंगनबाड़ी कर्मियों पर कार्रवाई भी की गई थी।
सरकार के इस फैसले से जहां वास्तविक लाभार्थियों को तय मात्रा के मुताबिक पोषाहार उपलब्ध कराने में मदद मिलेगी, वहीं किसी भी स्तर पर होने वाली धांधली को भी रोका जा सकेगा। प्रस्ताव के मुताबिक ईपॉस मशीनों की स्थापना और ईपॉस मशीन पर आने वाला खर्च राज्य सरकार वहन करेगी।