आंगनवाड़ी प्रमोशन में हो रहा भ्रष्टाचार का खेल,पुरानी सूचियों से नाम हुए गायब
आंगनवाड़ी न्यूज़
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बाल विकास सेवा पुष्टाहार विभाग उत्तरप्रदेश में आंगनवाड़ी से सुपरवाइजर की पदोन्नति में बड़ा भ्रष्टाचार सामने आ रहा है कम अंकों वाली आंगनवाड़ी वर्करो के नाम नई सूची में डालकर डाल दिये गए है जबकि पुरानी सूचियों में इन आंगनवाड़ी वर्करो के नाम नही थे जिन आंगनवाड़ी वर्करो के नाम पुरानी सूची में थे वो नाम नई सूचियों से गायब है
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शासन के निर्देश पर 2018 में आंगनवाड़ी पदोन्नति की प्रक्रिया शुरू की गई थी जिसमे शासन ने जिन आंगनवाड़ी का 10 वर्ष का सेवाकाल पूर्ण और 50 वर्ष से अधिक आयु न हो की पात्रता रखी थी इस संबंध में जिला स्तरीय अधिकारियों ने ऐसी आंगनवाड़ी वर्करो के नाम शासन को भेजे थे इस सूची के आधार पर पात्र आंगनवाड़ी वर्करो के अभिलेखों का सत्यापन 2021 में कराया गया था अब अंतरिम सूची का चयन शासन को करना था
शासन द्वारा आदेश जारी होने के बाद 2023 में अंतरिम सूची में चयनित आंगनवाड़ी वर्करो के नाम नई सूची बनाकर सत्यापन की कार्यवाही शुरू हो चुकी है लेकिन जिन आंगनवाड़ी वर्कर के नाम पुरानी सूची में भी नही थे अब नई सूची में उन आंगनवाड़ी वर्करो के नाम फीड कर दिए गए है जबकि नई सूची से पुरानी सूची में अंकित नामो को हटा दिया गया है जिन नई सूची में आंगनवाड़ी का नाम फीड किया गया है वो पात्रता तो रखती है लेकिन उन आंगनवाड़ी के मेरिट के आधार पर बाहर की गई आंगनवाड़ी के नम्बरों से कम अंक रखती है
शासन ने पात्रता के साथ हाईस्कूल, इंटर,ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन के नम्बरो के आधार पर सूची तैयार की है जिसमे हर सेवाकाल वर्ष का एक नम्बर दिया है साथ ही शिक्षा में हाईस्कूल से पोस्ट ग्रेजुएशन तक प्रथम डिवीजन के तीन अंक दिए है
जनपद पीलीभीत के बीसलपुर ब्लॉक की आंगनवाड़ी रामसुमरनी के साथ भी घोर अन्याय किया जा रहा है रामसुमरनी ने बाल विकास विभाग में वर्ष 1992 में आंगनवाड़ी कार्यकत्री के पद पर नियुक्ति पाई थी साथ ही इनका ग्रेजुएशन पूर्ण हो चुका था चूंकि राम सुमरनी ने हाईस्कूल से इंटर तक दूसरी डिवीजन से पास किया था इस कारण इनको 4 अंक प्राप्त हुए और ग्रेजुएशन में थर्ड डिवीजन थी जिस कारण इन्हें सिर्फ एक अंक मिला इनका नाम पुरानी सूची में भी शामिल था लेकिन नई सूची जारी होने के बाद इनका और साथ ही एक और आंगनवाड़ी का नाम नई सूची से हटा दिया गया लेकिन सबसे बड़ी हैरत करने वाली बात रही कि एक सिर्फ इंटर पास आंगनवाड़ी वर्कर का नाम नई सूची में डाल दिया गया
पुरानी सूची में आया था नाम
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नई सूची से गायब किया नाम
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अब आंगनवाड़ी राम सुमरनी न्याय मिलने की आस में दर दर भटक रही है लिस्ट में नाम न होने के कारण वो जिला कार्यक्रम अधिकारी से मिली लेकिन डीपीओ ने भी कोई जानकारी न होने की बात कहकर अपना पल्ला झाड़ लिया है साथ ही सीडीपीओ से भी कोई सहयोग नही मिला है लेकिन रामसुमरनी ने हार न मानते हुए इसकी शिकायत जिला अधिकारी से लिखित की है और मुख्यमंत्री पोर्टल पर भी शिकायत दर्ज कराई है आंगनवाड़ी का कहना है कि अगर मुझे न्याय न मिला तो हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ेगा
आंगनवाड़ी द्वारा दी गयी शिकायत
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ये सिर्फ आंगनवाड़ी का मामला नही है आंगनवाड़ी पदोन्नति का खेल हर जिले में चल रहा है कुछ आंगनवाड़ी नसीब का खेल समझकर शांत हो गयी है लेकिन बहुत सी आंगनवाड़ी अभी समय को देखकर शांत है लेकिन जल्द ही भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रही ये आंगनवाड़ी भी न्याय की आस में कोर्ट जा सकती है