आंगनवाडी केंद्रो पर आई किताबे, शिक्षण कार्य होंगे तेज
आंगनवाड़ी खबर
अमेठी जनपद मे आंगनवाड़ी केन्द्रो के बच्चों को प्री प्राइमरी की शिक्षा देने के लिए 732 स्कूलों में लर्निंग सेंटर स्थापित किए गए हैं। साथ ही इन केन्द्रो पर तीन प्रकार की पुस्तकें भी भेज दी गई हैं। बाकी शिक्षण कार्य में प्रयोग होने वाली अन्य किट के लिए भी शासन द्वारा बजट उपलब्ध कराया गया है।
बाल विकास विभाग और शिक्षा विभाग द्वारा आंगनवाड़ी केन्द्रो के बच्चों को प्राथमिक शिक्षा के लिए तैयार करने हेतु रेडीनेस प्रोग्राम भी चलाया जा रहा है। सरकार ने छह वर्ष से कम उम्र के बच्चो को प्री प्राइमरी की शिक्षा देने के लिए बाल वाटिका के नाम से योजना तैयार की है।
इस बाल वाटिका योजना के अंतर्गत आंगनबाड़ी केंद्रों में नामांकित बच्चों को परिषदीय स्कूलों की शिक्षकों द्वारा ही तैयार किया जाएगा। जिले के कुल 1570 परिषदीय स्कूलों में 1259 परिषदीय स्कूल ऐसे हैं जहां आंगनबाड़ी केंद्र एक ही परिसर में स्थित है। इनमें से बाल वाटिका योजना के लिए 732 स्कूलों का चयन किया गया है।
चयनित किए गए इन स्कूलों में एक लर्निंग सेंटर की स्थापना की गई है। प्री प्राइमरी में शिक्षण करने के लिए शिक्षकों को स्कूल रेडीनेस की ट्रेनिंग भी दी गई है। बच्चो को पढ़ाने के लिए विभाग द्वारा इन लर्निंग सेंटरों पर तीन प्रकार की पुस्तकें भी भेजी गई हैं। इन पुस्तकों का नाम चहक, परिकलन और कलांकुर है। लर्निंग किट खरीदने के लिए शासन से अतिरिक्त बजट जारी किया गया है।
अमेठी जनपद के बीएसए संजय तिवारी का कहना है कि स्कूल रेडीनेस कार्यक्रम के अंतर्गत हमारा आंगन हमारा बच्चे और अन्य कार्यक्रमों से प्री प्राइमरी के बच्चों को स्कूल से जोड़ा जा रहा है। इस वर्ष चयनित किए गए 732 स्कूलों में लर्निंग सेंटर स्थापित कर बच्चों को शिक्षित किया जा रहा है।