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आंगनवाडी केन्द्रों के लाभार्थियों को मिलने वाले राशन में हुआ बदलाव

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भदोही जिले के ज्ञानपुर क्षेत्र में  स्वास्थ्य विभाग के तमाम प्रयास के बावजूद कुपोषित व अतिकुपोषित बच्चों की संख्या बढ़ती जा रही है। गर्भवती महिलाओं को पर्याप्त मात्रा में पौष्टिक आहार न मिलने से यह समस्या बढती जा रही है। जिला अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड के ऊपर बने पोषण पुनर्वास केंद्र में इन दिनों सात अति कुपोषित बच्चों का इलाज चल रहा है।

चिकित्सक डा. रोहित शर्मा ने बताया कि पौष्टिक आहार की कमी से बच्चे कुपोषण का शिकार हो जा रहे हैं। मार्च माह में 14 तो फरवरी माह में सात समेत कुल 21 बच्चे दो माह में मिले हैं। जबकि सात अतिकुपोषित बच्चों का उपचार चल रहा है। दो दर्जन से ज्यादा बच्चे स्वस्थ होने पर छोड़ दिए गए हैं। पोषण पुनर्वास केंद्र में बच्चों के साथ माताओं के रहने की भी व्यवस्था की गई है।

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अवगत हो कि पोषण पुनर्वास केंद्र में कुपोषित व अतिकुपोषित बच्चों को नि:शुल्क भर्ती किया जाता है। बच्चों के खाने की व्यवस्था चिकित्सकीय परामर्श के अनुसार की जाती है। बच्चों को हर दवा नि:शुल्क मुहैया कराया जाता है। कुपोषित बच्चो के साथ मां को स्वास्थ विभाग द्वारा दोनों टाइम भोजन की व्यवस्था होती है। बच्चे के लिए दूध, दवा व जरूरी पौष्टिक आहार नि:शुल्क मिलता है। बच्चों की सुविधा का विशेष ख्याल रखा जाता है।

कुपोषित बच्चो की 14 दिन की दिनचर्या

पोषण पुनर्वास केंद्र में रखे गए कुपोषित व अतिकुपोषित बच्चों को चौदह दिन तक इलाज के साथ साथ बेहतर देखभाल की जाती है। पहले दिन स्वच्छ वातावरण में बच्चा रहता है। दूसरे दिन टीकाकरण होता। तीसरे दिन छोटे बच्चों की पोषण संबंधित देखभाल होता है। चौथे दिन बच्चों में कुपोषण का कारण पता होता है। पांचवें दिन बीमार बच्चों की देखभाल होती है। छठवें दिन भोजन बनाने का सही तरीका बताया जाता है। सातवें दिन घरेलू संसाधनों का प्रयोग कर पोषित भोजन बनाने की विधि बताई जाती है। आठवें दिन स्तनपान संबंधित सही व्यवहार। नौवें दिन ऊपरी आहार संबंधित व्यवहार, दसवें दिन बलात्क क्रियाओं द्वारा संवेदी व भावनात्मक विकास, 11वें दिन मां की देखभाल व परिवार नियोजन, 12 वें वजन की महत्ता व वृद्धि निगरानी, 13वें दिन पोषण पुर्नवास केंद्र से डिस्चार्ज के बाद फालोअप व गृह स्तरीय देखभाल एवं 14वें दिन फालोअप सत्रों की पुनरावृत्ति की जानकारी दी जाती है।

आंगनवाडी केन्द्रों के लाभार्थियों को गेंहू की जगह मिलेगा दलिया

बागपत  जनपद के आंगनबाड़ी केंद्रों के लाभार्थी गर्भवती महिलाओं व छह माह से तीन साल तक के बच्चों को वितरण किये जाने वाले ड्राई राशन में गेहूं नहीं मिलेगा। अब इस माह से उन्हें गेहूं के स्थान पर एक किलो का दलिया का पैकेट दिया जाएगा। इस दलिया का पैकेट स्वयं सहायता समूह की महिलाएं क्षेत्र के बाल विकास विकास परियोजना अधिकारी कार्यालय से उठान कर आंगनवाडी वर्करो को उपलब्ध कराएंगी जिससे आंगनवाडी कार्यकत्री इन दलिया के पैकेट को गर्भवती महिलाओं व छह माह से तीन साल तक के बच्चों को वितरण करेंगी

जिले में कुल 1338 आंगनबाड़ी केन्द्रों की संख्या हैं। इन आंगनवाडी केंद्रों पर 1300 से अधिक आंगनबाड़ी कार्यकत्रियां व् उनके साथ सहायिका की नियुक्ति है। और इन आंगनवाडी केन्द्रों पर छह माह से तीन साल तक के बच्चों की संख्या करीब 27 हजार और गर्भवती महिलाएं भी 27 हजार पंजीकृत हैं । शासन के निर्देश पर बाल एवं पुष्टाहार विभाग द्वारा पंजीकृत गर्भवती महिलाओं व बच्चों को ड्राई राशन का वितरण किया जाता है।

वर्तमान समय में गर्भवती महिला को एक-एक किलो दाल, चावल, गेहूं व आधा किलो तेल मिल रहा है । इसी तरह बच्चों को आधा-आधा किलो चावल, दाल, गेहूं दिया जा रहा है जिसमे कुपोषित व अतिकुपोषित की अलग अलग श्रेणी के अनुसार राशन दिया जाता है । आंगनवाडी केन्द्रों पर वितरण किये जाने गेहूं और चावल को कोटेदार से उठान कर आंगनवाडी वर्करो द्वारा वितरण किया जाता है । जबकि दाल व तेल को सीडीपीओ कार्यालय से उठान कर स्वयं सहायता समूह द्वारा आंगनवाडी वर्करो को उपलब्ध किया जाता है चूँकि ड्राई राशन में बदलाव किया गया है इसीलिए इस बार कोटेदार द्वारा किसी भी आंगनवाडी वर्करो को गेहूं नहीं दिया जाएगा। अब गेंहू के स्थान पर दलिया का पैकेट मिलेगा और उसका आंगनवाडी केन्द्रों के लाभार्थियों को वितरण किया जायेगा ।

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