आंगनवाड़ी केंद्रों को मॉडर्न केंद्र बनाने की हकीकत
कैसे बनेंगे मॉडर्न आंगनवाड़ी केंद्र
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कल 28 जुलाई को कानपुर के छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय में आयोजित कार्यक्रम में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 75 आंगनबाड़ियों को खेलकूद का सामान, मेज-कुर्सी, किताबें आदि वितरित तो कर दी, लेकिन इससे जनपद कानपुर की आंगनवाडी कार्यकत्रियों की समस्या और बढ़ गई है। एक कमरे के इन केंद्रों में पहले से ही बच्चों को पढ़ाने की जगह नहीं है, अब ये सामग्रियां संभालना उनके लिए सुविधा एक चुनौती बन गई है। आंगनवाडी वर्करो का कहना है कि एक कमरे में 100-100 बच्चों को पढ़ाएं या इस सामग्रियां को रखें।
पुरे जिले में कुल 2134 आंगनबाड़ी केंद्र हैं। जिसमे 567 आंगनवाडी केंद्र शहरी क्षेत्र में हैं। इनमें से 509 ऐसे केंद्र हैं, जो किराये के एक कमरे में कई सालों से चल रहे हैं। ऐसे में बच्चों के लिए न तो खेलने की जगह है और न ही बैठने की। इनमे 58 केंद्र ऐसे हैं, जो प्राथमिक स्कूल में संचालित हैं।अभी तक बच्चे जमीन पर ही बैठकर पढ़ाई करते थे। अब सरकार ने कुर्सी, मेज और खेलकूद का सामान दे दिया है। इनको व्यवस्थित कैसे करें अधिकांश आंगनबाड़ी में 100 से अधिक बच्चे बच्चे पंजीकृत हैं।
ग्रामीण क्षेत्रों के आंगनबाड़ी केंद्रों में मेज, कुर्सी, खेलकूद की व्यवस्था के लिए वर्ष 2020 में सरकार ने अलग से दो कमरों के केंद्रों का निर्माण कराने के निर्देश दिए थे। वित्तीय वर्ष 2020 में 69 केंद्र अलग-अलग ब्लाकों में बनाए जाने थे, जो अभी तक नहीं बन सके। वहीं वित्तीय वर्ष 2021 में 28 और केंद्रों का निर्माण स्वीकृत हुआ, इनका भी काम अभी तक शुरू नहीं हुआ। जब से आंगनबाड़ी केंद्र खोले गए हैं, तब से पुरानी व्यवस्था ही चली आ रही है। ग्रामीण क्षेत्रों में अलग से केंद्र बनाने का काम चल रहा है। इसी तरह शहर के भी आंगनबाड़ी केंद्रों को विस्तार दिया जाएगा,
जनपद अमरोहा में भी आंगनवाडी केन्द्रों की कायापलट हुई शुरू
राज्यपाल द्वारा राज्य के आंगनवाडी केन्द्रों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है इस कड़ी में अब जनपद अमरोहा में भी आंगनबाड़ी केंद्रों को स्मार्ट बनाने की कवायद शुरू हो गई है। बच्चों को बैठने के लिए कुर्सी और मेज की खेप आ गई है। इसके अलावा प्लास्टिक के घोड़े भी हैं। ताकि बच्चों का आंगनबाड़ी केंद्रों में ठहराव हो सके। विशेष बात यह है कि प्लास्टिक की सामग्री पर icds छपा हुआ है। जिससे खिलोनो को पहचानने में आसानी रहे।
फिलहाल आंगनबाड़ी केंद्रों का संचालन बंद हैं। प्रत्येक केंद्र में 10 हजार रुपये की लागत से कुर्सी, मेज, टेबल और घोड़े की आपूर्ति की गयी है आंगनबाड़ी केंद्रों को मॉडल बनाये जाने के लिए 10,000 रुपये की लागत से प्लास्टिक के कुर्सी, मेज, टेबल और प्लास्टिक के घोड़े खरीदे गए हैं।सभी सामानों की खरीदारी जेम पोर्टल से हुई है।इसमें कुल 28 लाख रुपये का भुगतान किया गया है
पहले चरण में 272 आंगनबाड़ी केंद्रों को मॉडल बनाया गया है। इसमें एक सेंटर टेबल, कुर्सी बड़ी दो पीस, स्टूल तीन, छोटी कुर्सी 15 पीस, छोटे टेबल तीन और एक प्लास्टिक का घोड़ा शामिल है।
अब राज्य परियोजना निदेशक के इस आदेश पर भी गौर करते है
जनपद- फतेहपुर, फिरोजाबाद, गौतमबुद्धनगर, गाजियाबाद, गाजीपर, गोण्डा, गोरखपुर, हमीरपुर, हापुङ, हरदोई, हाथरस, जालौन, जौनपुर, झांसी, कन्नौज, कानपुर देहात, कानपुर नगर, कासगंज, कौशाम्बी, कुशीनगर, लखीमपुर खीरी, ललितपुर, लखनऊ, महाराजगंज एवं महोबा, उ0प्र0
पत्रांक : प्री-प्राइमरी शिक्षा/
/2021-22 दिनांकः- 2-जुलाई /2021
विषय: भारत सरकार के महत्वाकांक्षी कार्यक्रम निपुर्ण भारत मिशन एवं राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के परिप्रेक्ष्य में स्कूल रेडीनेस कार्यक्रम के संचालन हेतु राज्य स्तरीय संदर्भ समूह (एस0आर0जी0) के क्षमता संवर्द्धन/अभिमुखीकरण के संदर्भ में।
कृपया उपर्युक्त विषयक एन०ई०पी0 2020 में प्रदत्त दिशा निर्देशों के अंतर्गत कक्षा 1 हेतु स्कूल रेडीनेस कार्यक्रम संचालित किया जाना है। उक्त कार्यक्रम हेतु प्रत्येक प्राथमिक विद्यालय एवं कम्पोजिट विद्यालय (प्राथमिक अनुभाग द्वारा) के कक्षा 1 के शिक्षकों का उन्मुखीकरण किया जाना है। राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद् एवं यूनिसेफ के सहयोग से स्कूल रेडीनेस हेतु कक्षा-1 एवं बालवाटिका/ Colocated आंगनबाडी केन्द्र (आयुवर्ग 5-6) में नामाकित छात्रों के विद्यालयी तैयारी संबंधित मॉडयूल तैयार किया गया है। संदर्भित उन्मुखीकरण हेतु प्रस्ताव वार्षिक कार्ययोजना एवं बजट 2021-22 में प्रस्तुत किया गया है, जिसके पी०ए०बी0 मिनट्स प्रतिक्षित है।
आप अवगत है कि वर्ष 2020-21 में आंगनबाडी कार्यकत्रियों के प्रशिक्षण हेतु राज्य संदर्भ समूह का गठन किया जा चुका है। उक्तानुसार गठित संदर्भ समूह से स्टेट रिसोर्स ग्रुप के सदस्य (एस0आर0जी0) एवं डायट मेंटर की सूची संलग्न की जा रही है। सूची के अनुसार नामित सदस्यों को स्कूल रेडीनेस के अंतर्गत राज्य स्तरीय संदर्भ समूह के दो निम्सीय प्रशिक्षण में उपलब्ध करायी जा रही जूम लिंक द्वारा ऑनलाइन प्रतिभाग किया जाना अपेक्षित है। तदकम मानिर्देशित किया जाता है कि संलग्न सूची से नामित एस0आर0जी0 एवं डायट मेटर्स को निर्धारित तिथि एवं समय पर अनिवार्यतः प्रतिभाग कराना सुनिश्चित करें।
(नोट:–सूची के अनुसार नामित सदस्य के स्थानांतरण अथवा लबे अवकाश आदि अपरिहार्य स्थितियों में प्रतिस्थानी को नामित किया जा सकता है। उक्तानुसार प्रतिस्थानी की सूचना प्रशिक्षण के पूर्व सुश्री अकिता गुप्ता, प्रतिनिधि यूनिसेफ 0004805580 एवं श्री अदीय बशर, प्रतिनिधि, यूनिसेफ -8286386736 को उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया जाये।)
(विजय किरन आनन्द)
महानिदेशक, स्कूल शिक्षा, उ0प्र0 1
पृष्ठांकन संख्याः-प्री-प्राइमरी शिक्षा/207 /2021-22 लखनऊ, तददिनॉक ।
प्रतिलिपि निम्नलिखित को सूचनार्थ एवं आवश्यक कार्यवाही हेतु प्रेषित।
- प्रमुख सचिव, बाल विकास एवं पुष्टाहार उ0प्र0 शासन।
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गोंडा में दाल के पेकेट में निकले कीड़े
एक तरफ जंहा सुखा राशन से सरकार कुपोषण दूर करने की कवायद तेज करती जा रही है वंही अधिकारियो की लापरवाही की वजह से इस योजना में पलीता लग रहा है बेलसर ब्लॉक के सोनौली मोहम्मदपुर ग्राम पंचायत के अंतर्गत सीतामइया स्वयं सहायता समूह को 14 सेंटरों पर ड्राई राशन वितरण करने के लिए चने की दाल, छोटी दाल और रिफाइंड दिया गया है। स्वयं सहायता समूह की सचिव सोनी सिंह ने बताया कि बुधवार को सोनौली मोहम्मदपुर ग्राम पंचायत व पूरेसंत मजरे में वितरण करने के लिए चने की दाल का बोरा खोला गया तो उसमें कीड़े मकोड़े मिले। जिसको लेकर स्वयं सहायता समूह की सचिव ने आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों और ब्लॉक के उच्चाधिकारियों को सूचित किया गया है। उन्होंने बताया कि बोरे की तीन पैकेट में कीड़े मिले थे। कुल 14 सेंटरों में से दो सेंटर मुकुंदपुर व बरौली में वितरित किया गया है। सीडीपीओ वंदना ने बताया कि इसकी जानकारी नहीं है, आंगनबाड़ी से जानकारी ली जाएगी। ब्लॉक मिशन प्रबंधक राकेश ने बताया कि बारिश की वजह से गोदाम में बोरा भीग गया होगा। इस कारण नमी की वजह से राशन में कीड़े पड़ सकते है