आंगनवाडी केन्द्रों की गतिविधियाआंगनवाड़ी भर्तीकुपोषणविरोध,प्रदर्शन

आंगनवाड़ी के समर्थन में हजारो आंगनवाड़ी वर्करो ने किया थाने का घेराव,आंगनवाड़ी भर्ती में आई नई अपडेट

आंगनवाड़ी न्यूज़

कानपुर देहात के बाल विकास विभाग अधिकारियो द्वारा बच्चों व महिलाओं के कुपोषण को दूर करने के लिए अनेक प्रयास करने के दावे किये जाते है, परन्तु हकीकत में कुपोषण का आकड़ा कम होते दिखाई नहीं दे रहा है। जून माह में बाल विकास विभाग द्वारा कराये गये सर्वे के आधार मैथा ब्लॉक में जन्म लेने वाला हर आठवां बच्चा कुपोषण कर शिकार है। तथा काफी संख्या में महिलाएं भी कुपोषित है। सरकार लगातार कुपोषण की दूर करने का प्रयास करने के साथ अनेक योजनाओं के संचालन कर बाल विकास विभाग के माध्यम से महिलाओं की समय पर जांच कराने के साथ उनको जागरूक करने का प्रयास कर रही है। बच्चों को कुपोषण से मुक्त करने के लिए विभाग द्वारा प्रयास किये जा रहे है। किन्तु बाल विकास विभाग के कुपोषण के रोकने के प्रयास पूरी तरह विफल हो रहे है। बाल विकास विभाग द्वारा कराये गये ताजा सर्वे के आधार पर मैथा ब्लॉक में जन्म लेने वाला हर आठवां शिशु कुपोषण का शिकार है।

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ताजा सर्वे के आधार पर मैथा ब्लाक के 5 वर्ष तक के 16630 बच्चों में 14655 बच्चो का स्वास्थ्य परीक्षण में उम्र के आधार पर वजन किया गया। इसमें 1224 बच्चे कुपोषण के तथा 377 बच्चे अति कुपोषण का शिकार निकले। इससे 14655 बच्चों के किये गये स्वास्थ्य परीक्षण के आधार पर 1601 बच्चे केवल मैथा ब्लॉक में कुपोषण के शिकार है। इसके अतिरिक्त मैथा ब्लॉक क्षेत्र मे 105 महिलाएं अत्याधिक कमजोर होकर कुपोषित हो गई है।

कानपुर में कुपोषण की समस्या जस की तस

बाल विकास परियोजना अधिकारी मैथा की सुमनलता ने बताया कि सर्वे के आधार पर कुपोषित और अतिकुपोषित बच्चों की सूची विभागीय अधिकारियों के साथ प्रभारी चिकित्सा अधिकारी मैथा को भेज कर बच्चों के उपचार का आग्रह किया गया है। जल्द ही बच्चों की सेहत में सुधार आयेगा।

बहराइच ने स्तनपान को बढ़ावा देने हेतु हुई प्रतियोगिता

स्तनपान को बढ़ावा देने और बच्चों को सुपोषित बनाने के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चित्तौरा में हेल्दी बेबी शो प्रतियोगिता आयोजित हुई। आगा खान फाउंडेशन के सहयोग से आयोजित इस प्रतियोगिता में तीन माह से दो वर्ष तक के 15 बच्चे शामिल हुए। जिनका स्वास्थ्य और पोषणके अलग-अलग मानकों के अनुसार परीक्षण किया गया। कार्यक्रम में माताओं को दो साल तक के बच्चों के पालन-पोषण के बारे में जानकारी दी गई। सीएचसी अधीक्षक डॉ.कुंवर रितेश ने बताया कि बचपन में की गई देखभाल जीवन भर काम आती है। इसलिए दो साल तक के बच्चों के पालन पोषण पर विशेष ध्यान देना चाहिए। उन्होंने बताया कि जन्म के एक घंटे के अन्दर स्तनपान, छह माह पूरा होने तक केवल मां का दूध तथा दो साल तक स्तनपान जारी रखने से बच्चे में शारीरिक और मानसिक दोनों क्षमताओं का विकास होता है। इसके अलावा मां का दूध बच्चे को कोरोना सहित कई अन्य संक्रामक बीमारियों से लड़ने की ताकत देता है।


आंगनवाडी केन्द्रों पर मिलने वाला पुष्टाहार अब मशीनों से बनेगा

जनपद सुल्तानपुर में अब आंगनबाड़ी केंद्रों पर पंजीकृत करीब 2.20 लाख लाभार्थियों के लिए पोषाहार जिले में ही तैयार होगा। इसके लिए जिले के पांच ब्लॉक क्षेत्रों में करीब सवा तीन करोड़ रुपए की लागत से मशीनें लगेंगी। इन ब्लॉकों से 14 विकास खंडों के लाभार्थियों को पंजीरी की आपूर्ति होगी। मशीन स्थापना के लिए स्थान चिह्नित कर लिए गए हैं। आंगनबाड़ी केंद्रों पर पंजीकृत करीब दो लाख 20 हजार लाभार्थियों को अब जिले का बना पुष्टाहार मिलेगा। शासन के निर्देश पर इसके लिए राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन से पांच ब्लॉक क्षेत्रों में पांच प्रोजेक्ट लगाए जाएंगे। पांचों प्रोजेक्ट पर करीब सवा तीन करोड़ रुपये की मशीनें पंजीरी बनाने के लिए लगाई जाएगी। उत्पादन केंद्र से जिले के 14 विकास खंडों के लाभार्थियों को पंजीरी की आपूर्ति की जाएगी।

राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) के तहत प्रोजेक्ट स्थापना के लिए दूवेपुर ब्लॉक मुख्यालय के पास, लंभुआ कस्बा, धनपतगंज के देहली बाजार में प्राइवेट भवन को चिह्नित किया गया है। इसी तरह जयसिंहपुर के बगिया गांव व कादीपुर में मंगरवां के पास भवन को किराए पर लेने के लिए चिह्नित किया गया है। 14 विकास खंडों में पंजीरी आपूर्ति के लिए मध्य में पड़ने वाले पांच ब्लॉकों को मशीन स्थापना के लिए चिह्नित करते हुए

पुष्टाहार का संचालन महिला स्वयं सहायता समूह करेंगी। इस संबंध में महिला स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को प्रशिक्षण दिलाया जाएगा। पुष्टाहार का उत्पादन करके महिलाएं उसे बाल विकास परियोजना कार्यालय को उपलब्ध कराएंगी। इसके बाद जिला कार्यक्रम विभाग उसे आंगनबाड़ी केंद्रों पर पहुंचाएगा। जहां उसे बच्चों और गर्भवती महिलाओं को वितरित कर दिया जाएगा।

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भर्ती प्रक्रिया में आएगी तेजी

जनवरी 2021 से बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग में 53 हजार पदों पर चल रही आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के भर्ती का नोटिफिकेशन जारी हुए लगभग 7 माह हो चुके है लेकिन अभी तक मात्र 42 जनपदों में ही आवेदन प्रक्रिया संपन्न हो सकी है बाकी 33 जिलो में अभी तक विज्ञप्ति भी जारी नही हो सकी है इस संबंध में प्रमुख सचिव बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग वी हेकाली झिमोमी ने मंगलवार को सभी डीएम को निर्देश दिए हैं। जिन जिलों में भर्ती विज्ञापन जारी हो चुके हैं, उनमें 31 अगस्त तक और जिन जिलों में विज्ञापन जारी नहीं हुए हैं वहां 15 सितंबर तक भर्ती प्रक्रिया पूरी करने के निर्देश दिए गए हैं।अब तक मात्र 42 जिलों में ही भर्ती के लिए विज्ञापन जारी हो पाए हैं। शेष 33 जिलों में विज्ञापन तक जारी नहीं हुए हैं।

इन जिलों ने विज्ञापन नहीं जारी किया है
अलीगढ़, अमरोहा, औरैया, बहराइच, बरेली, बस्ती, भदोही, बलरामपुर, देवरिया, एटा, इटावा, फर्रुखाबाद, फतेहपुर, गौतमबुद्धनगर, गोरखपुर, हरदोई, जालौन, कानपुर देहात, कासगंज, कौशांबी, लखीमपुर, महराजगंज, मैनपुरी, मथुरा, मेरठ, मुजफ्फरनगर, पीलीभीत, संतकबीर नगर, शाहजहांपुर, श्रावस्ती, सिद्धार्थनगर, उन्नाव व बुलंदशहर जिले शामिल हैं।

आंगनवाडी ज्ञानमती के समर्थन में हजारो आंगनवाडी ने थाने को घेरा

सीतापुर में आंगनवाडी कार्यकत्री ज्ञानमती से मारपीट मामले में पुलिस कार्रवाई से नाराज आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने मंगलवार को थाने का घेराव कर नारेबाजी जताते हुए थाना परिसर में धरने पर बैठ गई। और बिसवां सीओ के आश्वासन के बाद ही मानी। बिसवां कोतवाली क्षेत्र के चन्द्रसेनी निवासी आंगनबाड़ी ज्ञानवती के साथ मारपीट, धमकाने का वीडियो वायरल होने होने के बाद पुलिस ने आरोपी के खिलाफ केस दर्ज किया था, लेकिन पुलिस कार्रवाई से असंतुष्ट कार्यकर्ताओं ने मंगलवार को लामबंद होकर थाने पहुंचकर हंगामा किया। पुलिस से आरोपी पर कार्रवाई की मांग को लेकर नारेबाजी करते हुए धरने पर बैठ गई। उनका आरोप है कि पुलिस ने वास्तविक घटना को लेकर कार्रवाई नहीं की है बल्कि हल्की धाराओं में केस दर्ज कर लिया है। सीओ बिसवां का कहना है कि पुलिस जांच कर रही है।

Aanganwadi Uttarpradesh

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