आंगनवाड़ी न्यूज़सिद्धार्थनगर

कुपोषित बच्चो की संख्या बढ़ने का जिम्मेदार कौन ? सरकारी राशन की पोल खुली

सरकार कुपोषित और अति कुपोषित नवजात बच्चों को कुपोषण मुक्त करने के लिए आंगनवाड़ी केन्द्रो के माध्यम से राशन का वितरण करती है। लेकिन कुपोषित बच्चो की संख्या मे कोई कमी नजर नहीं आ रही है।

अगर हकीकत देखी जाये तो राशन की गुणवत्ता से लेकर जिले के अधिकारियों की बड़ी लापरवाही सामने आ रही है।

सिद्धार्थनगर जिले में आंगनवाड़ी वर्करो द्वारा दर्ज पोषण ट्रेकर एप्लिकेशन मे लगभग 16 399 कुपोषित बच्चो की संख्या सामने आई है जिसमे चार हजार बच्चे अतिकुपोषित की श्रेणी मे हैं।

अब इन आंकड़ों को देखने से पता चलता है कि जिले मे कुपोषण की क्या स्थिति है। जिले में अति कुपोषित 3861 और कुपोषित बच्चों की संख्या 12538 है।

बाल विकास विभाग और स्वास्थ्य विभाग द्वारा बच्चो के कुपोषण और मृत्यु दर में कमी लाने के लिए स्वास्थ्य केन्द्रो और आंगनवाड़ी केन्द्रो पर टीकाकरन से लेकर सरकार जन्म लेने बाद उन्हें टीके के साथ ही पौष्टिक राशन की सेवाए आंगनबाड़ी वर्करो और आशा कार्यकर्ता के माध्यम से दी जा रही है।

आशा और आंगनबाड़ी की मदद से बच्चो के खून की जांच के साथ साथ कुपोषित और अति कुपोषित बच्चो को पौष्टिक वितरण किया जाता है जिससे बच्चे सामान्य बच्चों की तरह से स्वस्थ हो सकें। साथ ही समय समय पर अलग अलग कार्यक्रम के माध्यम से बच्चो और अभिभावकों को कुपोषण के प्रति जागरूक किया जाता है।

जिले के मेडिकल कॉलेज से संबद्ध संयुक्त जिला अस्पताल पर बने एनआरसी में कुपोषित बच्चो को 14 दिन रखा जाता है। यहां पर इन बच्चो की नियमित जांच, वजन की माप और नियमित पौष्टिक खाना दिया जाता है।

लेकिन जिले में विभाग के अधिकारियों की लापरवाही के चलते बच्चों को कुपोषित से सुपोषित करना बड़ी समस्या बन गयी है।पोषित होने में बाधा बन रही है।

Aanganwadi Uttarpradesh

आंगनवाड़ी उत्तरप्रदेश एक गैर सरकारी न्यूज वेबसाइट हैं जिसका मुख्य उद्देश्य केंद्र सरकार द्वारा संचालित बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग के अंतर्गत कार्यरत कर्मचारियों की गतिविधियों ,सेवाओ एवं निदेशालय द्वारा जारी आदेश की सूचना प्रदान करना है यह एक गैर सरकारी वेबसाइट है और आंगनवाड़ी उत्तरप्रदेश द्वारा डाली गई सूचना एवं न्यूज़ विभाग द्वारा जारी किए गए आदेशों पर निर्भर होती है वेबसाइट पर डाली गई सूचना के लिए कई लोगो द्वारा गठित टीम कार्य करती है

Related Articles

error: Content is protected !!