रायबरेली जनपद के जगतपुर क्षेत्र मे जिंदा इंसान को मृत घोषित करने का मामला प्रकाश मे आया है जंहा क्षेत्र के लेखपाल ने बाल विकास विभाग मे मानदेय ले रही आंगनबाड़ी कार्यकत्री को ही मृतक घोषित कर दिया। अब आंगनवाड़ी को अपना जिंदा होने का सबूत लेकर अधिकारियों के चक्कर काटने पड़ रहे है। आंगनवाड़ी का बाल विकास विभाग मे रोजाना उपस्थिती और आंगनवाड़ी केंद्र का खोलना इसका पुख्ता प्रमाण भी है लेकिन फिर भी अधिकारी भी उसकी नहीं सुन रहे हैं। जबकि आंगनवाड़ी को कागजों पर मृत घोषित करने के बाद अब आंगनवाड़ी कार्यकत्री को अब अपना जिंदा होने का प्रमाण लेकर घूमना पड़ रहा है लेकिन सच्चाई आने के बाद लेखपाल को आंगनवाड़ी मृत घोषित करना बहुत महंगा पड़ सकता है।
बताते चले कि जगतपुर थाना क्षेत्र के टांघन गांव निवासी आंगनवाड़ी सुनीता की शादी 2007 में तेज कुमार के साथ हुई थी। लेकिन शादी के छह माह बाद ही तेज कुमार को जहरीले सांप ने काट लिया था। जिससे उनकी मौत हो गई थी। अब राजस्व विभाग मे कार्यरत क्षेत्रीय लेखपाल पंकज वर्मा ने 2021 मे जीवित आंगनवाड़ी सुनीता को मृतक दिखाकर जमीन की वसीयत सुनीता के जेठ रमेश, विमलेश, दीपक, विनीत के नाम पर कर दी ।
इसकी जानकारी सुनीता को नहीं थी लेकिन जब आंगनबाड़ी सुनीता को पता चला कि उसकी जमीन से गंगा एक्सप्रेसवे निकल रहा है लेकिन उसका वसीयत मे नाम नहीं है तो उसके नीचे से जमीन खिसक गयी जमीन लेने के लिए आंगनवाड़ी सुनीता ने अधिकारियों के चक्कर काटने शुरू कर दिये तो पता चला कि लेखपाल की रिपोर्ट के आधार पर सुनीता की मृत्यु हो चुकी है की चौखट पर दस्तक देना शुरू किया लेकिन किसी ने उसकी नहीं सुनी, उसे मुआवजा भी नहीं मिला।
इस बारे मे जब परिवार से पूछा गया तो सुनीता के जेठ रमेश कुमार, विमलेश कुमार, विनीत का कहना था कि गंगा एक्सप्रेस में जो शासन से मुआवजा मिला था उसमें सभी को बराबर बराबर दिया गया है जिसमे सुनीता का भी चौथा हिस्सा दिया गया है ।
लेकिन इस मामले मे गंगा एक्सप्रेस-वे के अधिकारियों की कहानी बिल्कुल अलग है उनका कहना है कि जब जमीन कि वसीयत पर सुनीता का नाम ही नहीं है तो उसे मुआवजा कैसे दिया जाए। इनके अनुसार सुनीता को मुआवजा दिया ही नहीं गया
लेकिन जब ऊंचाहार के एसडीएम सिद्धार्थ चौधरी से इस बाबत पूछा तो उन्होने बताया कि कार्यरत आंगनवाड़ी को मृत घोषित करने का मामला बहुत गंभीर है । एक जीवित महिला को मृतक दिखाकर वसीयत करने वाले लेखपाल के खिलाफ जांच कराकर सख्त कार्यवाही की जाएगी।