डीपीओ ने की छापेमारी दो सुपरवाइजर के खिलाफ दी तहरीर
पोषाहार वितरण न कराए जाने व आंगनवाड़ी द्वारा लाभार्थियों को वितरण की घटना को गलत तरीके से मीडिया में प्रसारित कराए जाने की सूचना अधिकारियों द्वारा आती है लेकिन जब ये अधिकारी ही भ्रष्टाचार करते है तब इन घटनाओं को मीडिया व अधिकारियों द्वारा दबाया जाता है
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कन्नौज बाल विकास परियोजना तालग्राम में दो मुख्य सेविका द्वारा पोषाहार का घपला संज्ञान में आया है जिसमे सुपरवाइजर संगीता शुक्ला व एक अन्य द्वारा पोषाहार के अभिलेखों में गड़बड़ी पाई गई है जिला अधिकारी के निर्देश द्वारा जिला कार्यक्रम अधिकारी ने आंगनवाड़ी केंद्रों के निरीक्षण पर सुपरवाइजर के पोषाहार अभिलेखों पर कमी पाए जाने पर एफ आई आर दर्ज कराई गई है
जनपद कन्नौज में आंगनवाड़ी केंद्रों पर पोषाहार वितरण में भ्रष्टाचार की शिकायत काफी समय से चल रही थी इस धांधली को रोकने का मामला जिला अधिकारी के संज्ञान में आने पर उन्होंने जिला कार्यक्रम अधिकारी को सख्त निर्देश दिए गए थे
डीपीओ नीलम कटियार ने निर्देश मिलने पर इंदुइयागंज व तराई पुरवा के आंगनवाड़ी केंद्रों पर प्रभावी कार्यवाही करते हुए छापामारी की कार्यवाही की भ्रष्टाचार को खत्म करने की कवायद में जांच शुरू होने लगी तो इस जांच में बड़े बड़े खुलासे होने शुरू हो गए
आंगनवाड़ी कार्यकत्री सीमा देवी के रजिस्टर की जांच पड़ताल की गई तो केंद्रों के अभिलेखों और बाल विकास परियोजना तालग्राम के अभिलेखों के मिलान में काफी बड़ा अंतर मिला जिससे डीपीओ नीलम कटियार हैरत रह गई और उन्होंने प्रथम जांच में ही बड़ी सफलता हाथ लगी डीपीओ ने दो सुपरवाइजर को दोषी मानते हुए कोतवाली गुरसहायगंज में रिपोर्ट दर्ज कराई है
जिला कार्यक्रम अधिकारी नीलम कटियार द्वारा तालग्राम परियोजना के पोषाहार भंडार ग्रह के निरीक्षण के दौरान पाया कि अभिलेखों में और मौजूदा पोषाहार की संख्या में बहुत बड़ा अंतर है परियोजना कार्यालय को अभिलेखों द्वारा 10 व 12 फरवरी को क्रमश 2366 व 1241 पोषाहार की बोरी की प्राप्ति दर्ज थी लेकिन सत्यापन करने पर सिर्फ 1865 बोरी ही मिली जो एक बहुत बड़ा आश्चर्य जनक मामला है जिसमे दो मुख्य सेविका द्वारा भ्रष्टाचार की मिलीभगत सामने आई है सुपरवाइजर द्वारा भी कोई स्पस्ट जवाब नही दे सकी और न ही कोई कागजी कार्यवाही की बात स्पस्ट हो सकी इसीलिए डीपीओ ने उक्त दोनों मुख्य सेविकाओं के खिलाफ कोतवाली में तहरीर दी है और पूरे घटनाक्रम की विस्तृत जानकारी से जिला अधिकारी को अवगत कराया गया है
बाल विकास सेवा व पुष्टाहार के अंतर्गत कार्यरत आंगनवाड़ी वर्करों का सेवाकाल बढ़ाने के लिए अब उनकी कार्यक्षमता पर तय होगी
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग करते हुए मुख्य सचिव और निदेशक द्वारा जारी किए गए निर्देश पर अब आंगनवाड़ी वर्करों के प्रदर्शन की क्षमता उनके एम पी आर (मासिक प्रगति रिपोर्ट) और परफॉर्मेंस लिंक्ड इंसेंटिव(पी एल आई) पर निर्भर होगी
मासिक रिपोर्ट द्वारा किये गए कार्य जैसे ग्रह भ्रमण ,बच्चो की उपस्थिति पंजिका बच्चो के साथ कराए गए शिक्षण कार्य व अन्य गतिविधियों के आधार पर तय की जाएगी जबकि पी आई एल में आंगनवाड़ी की कार्य क्षमता उसके द्वारा कराए गए टीकाकरण, पोषाहार वितरण ,सुपोषण मेला के अंतर्गत अपने क्षेत्रों के कुपोषित बच्चो को सुपोषित श्रेणी में लाने पर तय की जाएगी
इस समीक्षा के आधार पर अब आंगनवाड़ी वर्करों की नॉकरी आसान नही होगी इससे आंगनवाड़ी पर उनके कार्य का भार अधिक बढ़ सकता है आंगनवाड़ी केंद्रों पर कार्यरत आंगनवाड़ी वर्करों में सबसे पहले 50 वर्ष पर कर चुकी आंगनवाड़ी वर्करों की कार्यक्षमता का मूल्यांकन किया जायेगा और इसकी रिपोर्ट शासन को भेजा जाएगा रिपोर्ट के आधार पर ही सेवाकाल बढ़ाया या समाप्त किया जायेगा
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