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तीन सहायता समूह ने आंगनवाड़ी केंद्रों की दाल की हजम, लाखो रुपए का हुआ भ्रष्टाचार

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हाथरस जनपद मे दो सालों से सात गांव के आंगनबाडी केन्द्रो के बच्चो को स्वय सहायता समूह की वजह से चने की दाल नहीं मिल रही है। शासन द्वारा दो साल पहले समूहों को केन्द्रो पर पोषाहार पहुचने के लिए 22 हजार रुपये जारी किये गए थे लेकिन इस समूह द्वारा पोषाहार नहीं भेजा गया लेकिन अब मामले की जांच पड़ताल की जा रही है।

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इस बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार को देखते हुए बाल विकास विभाग सात गांवों के आंगनबाडी केंद्रो पर पोषाहार वितरण की जांच शुरू कर दी है। कुछ दिन पूर्व एडीओ आइएसवी ने आंगनबाडी केंद्रों पर पहुंचकर रिकॉर्ड की जांच की तो शुरुवाती जांच में यह घपला लगभग एक लाख 54 हजार का माना गया है। अगर जिला प्रशासन जिले के सभी आंगनवाड़ी केन्द्रों की जांच करे तो यह भ्रष्टाचार खुलकर सामने आ जाएगा ।

एडीओ आइएसवी को जांच में पता चला कि जिले मे चल रहे तीन स्वयं सहायता समूह ने हाजीपुर, गढ़ी बलना, गढ़ी धारऊ, ग्वारऊ कला, कैमार के आंगनबाड़ी केन्द्रों पर बच्चो को चना की दाल भेजी ही नही है। जबकि शासन द्वारा इसके लिये 22-22 हजार रुपये दिए थे। समूह द्वारा दाल न भेजने से आंगनवाड़ी केन्द्रो के बच्चों को चना की दाल का वितरण ही नही हुआ। शासन द्वारा 9 अप्रैल 2021 को बहुजन स्वयं सहायता समूह को पैसा स्थानांतरित कर दिया गया था । उसके बाद इसी पैसे को सात जनवरी 2022 को तीसरे स्वयं सहायता समूह को दे दिया गया। दाल वितरण न होने को लेकर आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों का आरोप है कि इस समूह ने पैसा आने के बाद भी आंगनवाड़ी केंद्रों पर दाल नहीं पहुचाई जिसके कारण बच्चों को चने की दाल का वितरण नही हुआ ।

सीडीपीओ धर्मेन्द्र उपाध्याय ने बताया कि वर्ष 2021 में जिले के कई क्षेत्रो मे राशन न मिलने से दिक्कत आई थी। उस समय कुछ आंगनवाड़ी केन्द्रों के लिये पैसा नहीं आया था। लेकिन अब सभी आंगनवाड़ी केन्द्रो पर पुष्टाहार का वितरण हो रहा है। शासन द्वारा नामित नेफिड संस्था द्वारा आंगनवाड़ी केन्द्रो पर राशन उपलब्ध कराया जा रहा है।

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फतेहपुर शासन द्वारा आंगनबाड़ी केन्द्रों पर चलने वाली सभी गतिविधियां को ऑनलाइन करने के लिए जिले की आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को स्मार्ट फोन का वितरण किया गया था। शासन के आदेशानुसार पोषण ट्रेकर एप पर कुपोषित बच्चों सहित आंगनवाड़ी केन्द्रो के सभी लाभार्थियो का पूरा डाटा ऑनलाइन कराया जाना था। लेकिन अभी भी जिले की बहुत सी आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को इस एप के फंगशन समझ नही आ रहे है जिससे लाभार्थियो का डाटा फीड नही हो रहा हैं।

केंद्र सरकार द्वारा पोषण ट्रेकर एप लॉन्च होने के बाद प्रदेश सरकार ने आंगनबाड़ी वर्करो के सभी कार्यों को ऑनलाइन करने के लिए जिले की लगभग 2230 आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को स्मार्ट फोन वितरित किया था। इस स्मार्ट फोन से बच्चों के पुष्टाहार और देखभाल,शिक्षा ,स्वास्थ्य समेत आंगनबाड़ी केन्द्रो से संचालित होने वाली सभी योजनाओं को एप के माध्यम क्रियावनय किया जाना था इसके लिए जिले मे ब्लॉक स्तर से आंगनवाड़ी वर्करो को प्रशिक्षित भी किया गया था। लेकिन अभी भी जिले की कई आंगनबाड़ी कार्यकत्रियां को मोबाइल चलाना नहीं आ रहा और किसी को ऑनलाइन डाटा फीड करना नहीं आ रहा है। बहुत से आंगनवाड़ी इसके लिए वह सम्बन्धित विद्यालय के शिक्षकों की मदद ले रही हैं या फिर ग्राम प्रधान की सहायता से डाटा फीड करा रही हैं। एप पर आ रही समस्याओ को देखते हुए आंगनवाड़ी वर्करो को सीखने मे अभी समय लग सकता है जिससे लाभार्थियो का डाटा शत प्रतिशत फीडिंग होने मे देर लग सकती है

जिले के खजुहा, विजयीपुर और बहुआ ब्लाक की आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के साथ ऐसी समस्या अधिक हो रही है। जिस कारण आनलाइन डाटा फीड होने में जिला पिछड़ रहा है। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि एप से संबन्धित सभी जानकारी वर्करो को दी जा रही है

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