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आंगनवाड़ी वर्करो के पांच माह से लंबित मानदेय पर रिजेक्ट खातों को अपडेट करने के संबंध में निदेशालय से जिलो की लिस्ट जारी

आंगनवाडी न्यूज़

उत्तरप्रदेश के अलग अलग जिलो में बेंक और विभाग की आपसी तकनीकी समस्या के कारण पांच माह से आंगनवाडी वर्कर मानदेय के लिए तरस रही है जिससे इनके घर की आर्थिक स्थिति पर बहुत बड़ा असर पड़ रहा है विशेषज्ञों की माने तो ग्रामीण क्षेत्रों की बेंको के आपसी विलय के कारण ये समस्या पैदा हो गयी है बेंक खातो की डिजिट में बदलाव के कारण मानदेय खातो में नही आ रहा है जबकि आंगनवाडी वर्करो के pfms अकाउंट में मानदेय शो हो रहा है लेकिन ये मानदेय बैंक खातो में ट्रान्सफर नही हो रहा है इससे प्रदेश की एक बड़ी आंगनवाडी वर्करो की संख्या पर बहुत बड़ा असर हुआ है जिसमे बहुत से जिलो की आंगनवाडी त्रस्त है

इसको लेकर बाल विकास विभाग निदेशालय की और से आदेश जारी किया गया है इस आदेश में लंबित मानदेय वाली आंगनवाड़ी वर्करो के जिले प्रदर्शित किए गए है चूँकि प्रदेश में एक बड़ी संख्या में आंगनवाडी वर्करो के खातो में मानदेय नही आ रहा था जिसको लेकर बाल विकास विभाग द्वारा जिले वार सूची जारी की है आंगनवाडी वर्करो का मानदेय वित्त विभाग द्वारा pfms पर डाला जा रहा था लेकिन बेंक खातो से मेल न होने के कारण pfms पोर्टल द्वारा रिजेक्ट किया जा रहा था मानदेय से वंचित सबसे ज्यादा संख्या पूर्वांचल की आंगनवाडी वर्करो की है इन आंगनवाडी वर्करो का मानदेय पूर्वांचल बेंक, यू पी ग्रामीण बैंक , विजया बैंक में है लेकिन इन बेंको का विलय होने के कारण तकनीकी समस्या उत्पन्न हो गयी और आंगनवाडी वर्करो को मानदेय के लिए पांच से वंचित होना पड़ रहा है

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लंबित-मानदेय-के-सम्बंध-में

लखीमपुर-खीरी  लंबित मानदेय की आस में ज्ञापन और अर्जियां देकर 500 आंगनवाडी कार्यकत्रियों की उम्मीदें अब टूट चुकी है बाल विकास विभाग द्वारा आंगनवाडी कार्यकत्रियों व सहायिकाओं के मानदेय का भुगतान बेंक खातों में पीएफएमएस से भेजा जाता है । लेकिन पिछले कुछ माह से लगातार मानदेय नहीं मिल रहा है । मानदेय की समस्या को लेकर आंगनवाडी कार्यकत्रियां ब्लॉक, जिला मुख्यालय तक चक्कर लगा रहीं है ।

नवंबर माह से आंगनवाडी वर्करो का मानदेय लंबित है इन पांच महीने का जो मानदेय नहीं मिल रहा है इन आंगनवाडी वर्करो का क्या कसूर है जो बिना वजह इने मानदेय के दर दर भटकना पड़ रहा है वर्तमान समय में इतनी महंगाई के एक माह भी बिना वेतन के नहीं रहा जा सकता लेकिन विभाग की गलतियों की वजह सेपांच माह से वेतन को तरसना पड़ रहा है

अब उसी मानदेय को पाने के लिए जिले भर की करीब 500 आंगनवाडी कार्यकत्रियां लगातार चक्कर लगा रही है लंबित मानदेय की फाइलें हर महीने ब्लॉक से लेकर जिला मुख्यालय और निदेशालय तक दौड़ती है। लेकिन अभी तक नतीजा कोई नहीं निकल रहा है। ब्लॉक व जिला मुख्यालय के अफसर तकनीकी समस्या बताकर फाइल आगे बढ़ाने की बात कह कर अपना पल्ला झाड़ रहे है

लगातार ज्ञापन देने के बाद अधिकारियो द्वारा आंगनवाडी कार्यकत्रियों के एकाउंट नम्बर, बैंक आईएफएस कोड भी लिए गये है क्योंकि अधिकारियो को भी लगा कि शायद फीडिंग के दौरान आईएमएस कोड गलत हो गया। जिले के अफसरों ने संज्ञान लिया और इनके आईएफएस कोड सही कराकर आगे का मानदेय शुरू कराया जाये लेकिन इसके बाबजूद भी आंगनवाडी वर्करो के खातो में मानदेय ट्रान्सफर नही हो रहा है

उत्तरप्रदेश के 15 जिलो में आंगनवाडी केन्द्रों के लिए राशन प्लांट के बजट को मिली स्वीकृति

उत्तरप्रदेश सरकार द्वारा पश्चिमी यूपी के बिजनौर आगरा, अलीगढ़, समेत अम्बेडकरनगर, आजमगढ़, बागपत, बहराइच, बलरामपुर, बस्ती, फतेहपुर, गोरखपुर, हरदोई, खीरी, सिद्धार्थनगर एवं सोनभद्र के विकास खंडों ड्राई राशन के उत्पादन प्रोजेक्ट संचालित किये जायेंगे जिसमे बिजनौर समेत 15 जिलों में रेसीपी बेस्ड राशन के निर्माण और वितरण को हरी झंडी मिल गई है। इन जिलों के लिए उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन को 44 करोड़ के अग्रिम भुगतान को राज्यपाल की स्वीकृति मिल गयी है।

डिप्टी कमिश्नर एनआरएलएम ज्ञान सिंह के अनुसार बिजनौर में स्योहारा, नूरपुर, अफजलगढ़, नजीबाबाद, मोहम्मदपुर देवमल, कोतवाली में छह इकाईयां पोषाहार बनाने के लिए स्थापित की जा रही हैं। इसमें स्योहारा की इकाई लगभग बनकर तैयार है। अन्य इकाई भी जल्दी काम शुरू कर देंगी। आंगनवाडी केन्द्रों पर वितरण होने वाले पोषाहार बनाने से लेकर आंगनबाड़ी केंद्रों तक पहुंचाने की जिम्मेदारी समूह की महिलाओं की होंगी। एक इकाई पर लगभग 300 महिलाओं को रोजगार मिलेगा।

र्तमान समय तक आंगनबाड़ी केंद्रों पर बच्चों व महिलाओं को वितरित होने वाले ड्राई राशन की प्रदेश स्तर पर ही आपूर्ति होती थी, लेकिन अब जिले में ही इनके उत्पादन की योजना को लागू किया जा रहा है। महिला स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से इनका निर्माण कराया जाएगा। इन प्लांट पर उत्पादन का उद्देश्य त बाल विकास सेवा (आईसीडीएस) के तहत पोषक आहार की जरूरत को पूरा करना भी है, वहीं इस योजना से महिला स्वयं सहायता समूहों को उद्यमी बनने में मदद मिलेगी। इससे पहले भी कई जिलो में पोषाहार उत्पादन के प्लांट बनकर राशन का उत्पादन कर रहे है

संयुक्त सचिव, उत्तर प्रदेश शासन महावीर प्रसाद गौतम की ओर से निदेशक, बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार को भेजे निर्देशों के अनुसार आईसीडीसीएस योजना के तहत विकास खंडों में माइक्रोएंटरप्राइजेज द्वारा आंगनबाड़ी केंद्रों पर रेसिपी बेस्ड टेक होम राशन के उत्पादन एवं वितरण के लिए उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन को अग्रिम धनराशि के भुगतान को राज्यपाल की स्वीकृति मिल गयी है।

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