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यूपी शासन ने पदोन्नति को लेकर प्रक्रिया तेज की, मई तक मांगी रिपोर्ट

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उत्तरप्रदेश में आंगनवाडी से सुपरवाइजर पर पदोन्नति की आस देख रही हजारो आंगनवाडी वर्करो के लिए खुशखबरी हो सकती है वर्ष 2022-23 के लिए मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने पदोन्नति के लिए राज्य के सभी करमचारी के चयन की प्रक्रिया 30 सितंबर तक समय सीमा तय कर दी है। सरकारी सेवाओं में पदोन्नति से भरे जाने वाले पदों में अफसरों की लेटलतीफी नहीं चलेगी। इसमें विलंब होने पर जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ स्पष्टीकरण जारी होगा।


मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने पदोन्नति को लेकर महत्वपूर्ण शासनादेश जारी किया है शासनादेश के अनुसार पदोन्नति द्वारा भरे जाने वाले पदों के लिए पूरे चयन वर्ष में चयन की बैठकें होती रहती हैं। इससे पदोन्नति के पदों को भरने में विलंब होता है जिससे सरकारी काम भी प्रभावित होता है। वर्ष 2018 में बाल विकास द्वारा आंगनवाडी से सुपरवाइजर के पदों पर परमोशन की प्रक्रिया शुरू की गयी थी लेकिन 4 वर्ष बीतने के बाद भी स्थिति जस की तस है

उत्तरप्रदेश शासन द्वारा पदोन्नति के सम्बंद में जारी आदेश पढने के लिए क्लिक करे

मुख्य सचिव ने निर्देश दिया है कि जो भी पद पदोन्नति से भरे जाने हैं, उनकी गिनती कर ली जाए। विभागाध्यक्ष और विभागाध्यक्ष से ठीक एक पंक्ति के नीचे के जिन पदों पर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में चयन समिति बनाकर कार्मिक विभाग के माध्यम से पदोन्नति दी जानी है, उनका प्रस्ताव निर्धारित प्रारूप पर 31 जुलाई, 2022 तक अवश्य उपलब्ध करा दिया जाए। देरी से प्रस्ताव भेजने पर अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव और सचिव में से जो भी जिम्मेदार होगा, उसे स्पष्टीकरण देना होगा।

उत्तर प्रदेश सचिवालय संघ ने मुख्य सचिव को पत्र लिखकर कहा है कि समीक्षा अधिकारियों की पदोन्नति से भरे जाने वाले अनुभाग अधिकारियों के 250 पद रिक्त हैं। इन पर चयन वर्ष 2017-18 से चयन प्रक्रिया ठप है। सचिव ओंकार नाथ तिवारी द्वारा कहा गया है कि उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बाद भी प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ी है। 2017 से पदोन्नति के पात्र समीक्षा अधिकारी बिना पदोन्नति पाए सेवानिवृत्त होते जा रहे हैं।

प्रदेश में अगले दो साल में 25 हजार सक्षम आंगनवाडी केन्द्रों का होगा निर्माण

उत्तरप्रदेश की योगी सरकार प्रदेश की 50 हजार आंगनबाड़ी केन्द्रों को सक्षम आंगनबाड़ी के रूप में विकसित करने जा रही है सरकार पहले चरण में अगले दो साल में 25 हजार आंगनवाडी केन्द्रों को सक्षम आंगनवाडी केन्द्रों का नाम देते हुए मॉडल आंगनवाडी केंद्र बनाने जा रही है इसके बाद बचे 25 हजार केन्द्रों को अगले पांच सालों में मॉडल आंगनवाडी केंद्र के रूप में विकसित करेगी ।

बाल विकास व पुष्टाहार विभाग द्वारा तय किये गये प्रस्तावों को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सामने रख दिया है इन प्रस्तावों में अगले पांच सालों के अंदर प्रदेश में 50 हजार सक्षम आंगनबाड़ी केन्द्र बनाये जायेंग ये आंगनवाडी केन्द्रों बचे हुए केन्द्रों के लिए एक रोल मोडल का कार्य करेंगे इन आंगनवाडी केन्द्रों पर सभी आधारभूत सुविधाएं होंगी जिसमे ऑडियो वीडियो उपकरण होंगे जिससे बच्चों को यहां अक्षर व अंक ज्ञान हो सके और सौर ऊर्जा के माध्यम से बिजली का इंतजाम होगा। यहां स्कूल प्री किट समेत पढ़ाई-लिखाई के भी बेहतर इंतजाम होंगे ओर रंगाई-पुताई के साथ बाला (बिल्डिंग एज़ लर्निंग ऐड) पेंटिंग व टाइल्स से सुसज्जित आकर्षित करेंगे

उत्तरप्रदेश में लगभग आंगनवाडी केन्द्रों की संख्या 189432 हैं। इस बड़ी केन्द्रों की संख्या में मात्र 43 हजार आंगनवाडी केन्द्रों के पास स्वयं के भवन है बाकी एक लाख से ज्यादा केन्द्र प्राथमिक स्कूलों के भवन और 27333 केन्द्र पंचायत भवनों में हैं। सबसे ज्यादा दुखद स्थिति 13 हजार किराए के भवनों की हैं। इन आंगनवाडी केन्द्रों में विजली की व्यवस्था मात्र 68 फीसदी ही हैं 32 फीसदी आंगनवाडी केन्द्रों में बिजली न होने के कारण अंधेरे में है।

इन नए सक्षम आंगनबाड़ी केन्द्रों में बिजली समेत शौचालय, पेयजल समेत अन्य व्यवस्थाएं होंगी। प्रदेश सरकार अगले 100 दिनों में लगभग एक हजार आंगनबाड़ी केन्द्रों के भवनों का लोकार्पण करेगी और अगले पांच सालों में पांच हजार भवन भी बनाएगी ताकि वहां बेहतर सुविधाएं दी जा सकें।

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