मण्डल के जिलो में ECCE प्रशिक्षण की तैयारी शुरू, मास्टर ट्रेनर द्वारा होगा आंगनवाडी वर्करो का प्रशिक्षण
आंगनवाडी न्यूज़
बांदा नयी शिक्षा नीति के तहत ecce की कवायद शुरू करने के लिए चित्रकूट धाम मंडल में प्राथमिक विद्यालयों में संचालित आंगनबाड़ी केंद्र की कार्यकर्ताओं को विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। जिससे आंगनवाडी पांच वर्ष तक के बच्चों में दिव्यांगता की पहचान कर उन्हें शिक्षा से जोड़ सकें और उन्हें शासन से मिलने वाली समस्त योजनाओं का लाभ दिला सकें। जिला व ब्लाक स्तरीय प्रशिक्षण के लिए शासन की तरफ से पांच लाख रुपये अवमुक्त किए हैं। चित्रकूट धाम मंडल के चारों जनपदों में प्राथमिक स्कूलों में 3354 आंगनबाड़ी केंद्र संचालित हो रहे हैं। मंडल के बांदा में 1284, चित्रकूट में 537, हमीरपुर में 1056 और महोबा में 477 आंगनबाड़ी केंद्र प्रशिक्षण के लिए चयनित किए गए हैं। सामेकित शिक्षा अभियान के तहत इन आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को ब्लाक स्तर पर प्रशिक्षण दिया जाएगा। ताकि यह अपने गांव व वार्ड में पांच वर्ष तक के बच्चों को शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ सकें। साथ ही बच्चों में दिव्यांगता की पहचान करके उन्हें चिकित्सकीय व अन्य सपोर्ट सेवाओं के लिए चिह्नित कर सकें। पहले राज्य स्तरीय प्रशिक्षण होगा। इसमें जनपद से दो प्रतिभागी जिला समन्वयक समेकित शिक्षा तथा एक विशेष शिक्षक शामिल होंगे। इनका प्रशिक्षण प्रयागराज में 9 जनवरी को होगा। राज्य स्तर पर प्रशिक्षित प्रशिक्षक यहां जिला स्तर पर प्रति विकास खंड तीन मास्टर ट्रेनर्स को ट्रेनिंग देंगे। फिर ये मास्टर ट्रेनर (BLT) ब्लोक स्तर पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को विशेष प्रशिक्षण देंगे।
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जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी रामपाल सिंह ने बताया कि प्रयागराज में प्रशिक्षण के लिए जिला समन्वयकों को भेजा जा रहा है। इसके बाद जल्द ही जिला स्तर पर मास्टर ट्रेनरों को प्रशिक्षित किया जाएगा। ये मास्टर ट्रेनर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित करेंगे। ताकि जिले के आंगनबाड़ी केंद्रों की व्यवस्थाओं में सुधार किया जा सके
परियोजना अधिकारी का पद रिक्त होने से हो रही मनमानी
जालौन जनपद में बाल विकास एवं पुष्टाहार परियोजना अधिकारी (CDPO) का पद लगभग डेढ़ माह से रिक्त है। पद खाली होने के कारण इस परियोजना का संचालन ठीक ढंग से नहीं होपा रहा है। खाली पड़े पद को भरने की मांग समाजसेवियों ने डीएम से की है। बाल विकास परियोजना का लाभ लाभार्थियों तक पहुंचाने के लिए विकास खंड की सभी ग्राम पंचायतों में आंगनबाड़ी केंद्र संचालित हो रहे हैं। विकास खंड
में 180 केंद्र संचालित हैं जिनमें 132 केंद्र संपूर्ण व 48 केंद्र मिनी हैं। 62 ग्राम पंचायतों में संचालित इन केंद्रों के संचालन कराने का दायित्व परियोजना अधिकारी का है। स्थानीय कार्यालय में पदस्थ परियोजना अधिकारी अंकिता वर्मा इंटर कालेज में प्रवक्ता पद पर नियुक्त होने के बाद 28 नवंबर को यह पद छोड़ दिया था। अंकिता वर्मा के इस्तीफा देने के बाद से यह पद खाली है। डेढ़ माह होने को है पर अभी तक परियोजना अधिकारी की नियुक्ति नहीं हुई है। मुख्य सेविका नीता निरंजन अपने दायित्वों के साथ परियोजना अधिकारी का दायित्व भी देख रही हैं।परियोजना अधिकारी का पद रिक्त होने के कारण आंगनबाड़ी केंद्रों का संचालन प्रभावित हो रहा है जिसके कारण केंद्रों का संचालन केंद्र प्रभारी व सहायिका मनमर्जी से करने लगी हैं।
कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए निगरानी समिति का गठन शुरू
मथुरा प्रदेश में कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए जिला पंचायतराज विभाग भी अपनी गतिविधिया बढ़ा रहा है विभाग द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में कोविड निगरानी समितियां गठित करने के निर्देश जारी किए गए हैं। प्रदेश शासन के अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने पत्र जारी कर जिला अधिकारी को निर्देश दिए है जिसके कारण डीएम ने नवनीत सिंह चहल, सीडीओ नितिन गौड़ व डीपीआरओ किरण चौधरी ने अधीनस्थों को आवश्यक दिशा निर्देश देकर जल्द ही समितियां गठित कर उन्हें सक्रिय करने के आदेश दिए हैं।
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कोविड संक्रमण के लगातार बढ़ते जा रहे संक्रमण के कारण प्रदेश सरकार द्वारा आवश्यक कदम उठाये जा रहे है। इसकी रोकथाम को जहां सरकार द्वारा वैक्सीनेशन किया जा रहा है। वहीं दूसरी ओर अब ग्रामीण क्षेत्रों में संक्रमण की रोकथाम के लिए निगरानी समितियों के गठन की प्रक्रिया आरंभ कर दी है। इसके अनुसार प्रत्येक ग्राम पंचायत में ग्राम प्रधान की अध्यक्षता में निगरानी समिति गठित की जानी है। इसमें पंचायत सहायक सचिव एवं ग्राम पंचायत सचिव, आशा कार्यकर्ती, आंगनबाड़ी कार्यकत्री, राशन डीलर, लेखपाल, रोजगार सेवक, स्वछाग्रही, मंगल दल के सदस्य एवं चौकीदार सदस्य होंगे। समिति द्वारा कोरोना पॉजिटिव को स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रदत्त मेडिकल किट वितरण, बाहर से आने वाले व्यक्ति की थर्मल स्कैनिंग, पल्स ऑक्सीमीटर से स्क्रीनिंग एवं प्रशासन को सूचना देना होगा। वहीं समितियों पर आर्थिक कमजोर या निर्धन व्यक्ति को कोविड-19 प्रोटोकॉल के तहत विभिन्न आर्थिक मदद और सुविधाएं उपलब्ध कराने की भी जिम्मेदारी होगी। डीपीआरओ किरन चौधरी ने बताया कि सभी ग्राम पंचायतों में समितियों के पुनर्गठन के निर्देश दे दिए हैं। जल्द ही समितियां संचालित होकर कार्य में जुट जाएंगी। इसके साथ ही उन्होंने बताया विधानसभा चुनाव के समितियों द्वारा विशेष प्रकार की तैयारियां करनी हैं। इसमें कोई लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी। ग्रामीण क्षेत्रों में वैक्सीनेशन के लिए भी विशेष प्रचार-प्रसार कराया जा रहा है।