रिटायर होने पर आंगनवाड़ी को मिलेंगे सवा लाख, 2023 तक का मांगा डाटा
आंगनवाड़ी खुशखबरी
मध्यप्रदेश : प्रदेश के बाल विकास विभाग मे कार्यरत आंगनवाड़ी वर्करों को अब खाली हाथ रिटायर नही होना पड़ेगा। अब आंगनवाड़ी वर्करों को सम्मान की दृष्टि से एक मुश्त धनराशि दी जाएगी।
बाल विकास विभाग में कार्य करने वाली आंगनवाड़ी वर्करों को अब तक खाली हाथ रिटायर कर दिया जाता है। 62 वर्ष तक बच्चो की देखभाल करने वाली और बीएलओ,शासन के अन्य महत्वपूर्ण किए जाने वाले सर्वे आदि कार्यों को आंगनवाड़ी वर्करों द्वारा किया जाता है। लेकिन सेवा समाप्ति के बाद इनको कोई धनराशि नही दी जाती है।
इस सम्बंध में आंगनवाड़ी यूनियनों द्वारा लगातार मांगे उठाई जाती रही है लेकिन अभी तक सरकार इनके बारे में कोई कदम नहीं उठाया है। जबकि आंगनवाड़ी वर्करों को शासन के सभी महत्वपूर्ण कार्य करने के बाद भी कर्मचारी की किसी भी श्रेणी में भी नही माना जाता है इन्हे सिर्फ समाजसेवी अल्पकर्मी के तौर एक सम्मान के रूप में मानदेय दिया जाता है।
प्रदेश के सतना जिले के परियोजना अधिकारी पुनीत शर्मा द्वारा जारी आदेशानुसार 62 वर्ष पूर्ण कर चुकी रिटायर आंगनवाड़ी वर्करों का डाटा मांगा गया है। इस आदेश के अनुसार 28 जून 2023 तक रिटायर हुई आंगनवाड़ी वर्करों को एक मुश्त धनराशि दी जायेगी।
सेवानिवृत्त हुई आंगनवाड़ी वर्करों को अलग अलग श्रेणी में शासन द्वारा आर्थिक धनराशि दी जायेगी। पहले जून 2023 तक रिटायर हुई आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों को 1,25000 रुपए और मिनी आंगनवाड़ी वर्कर को 100000 रुपए दिए जायेंगे। साथ ही 1 जुलाई 2023 के बाद होने वाली रिटायर आंगनवाड़ी का डाटा भी मांगा गया है।