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मुजफ्फरनगर जिले के बाल विकास विभाग मे कार्यरत आंगनबाडी कार्यकत्रियों और सहायिकाओं ने जिला प्रशासन द्वारा लिखित परीक्षा के आदेश को लेकर विरोध जताया है। बुधवार को स्थानीय आंगनवाड़ी यूनियन की जिलाध्यक्ष के नेतृत्व में सैकड़ों आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों ने कलक्ट्रेट पहुंच विरोध प्रदर्शन किया।
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आंगनवाड़ी यूनियन का कहना है कि जिले के प्रभारी जिला कार्यक्रम अधिकारी संतोष कुमार शर्मा के द्वारा एक आदेश जारी किया गया है। जिसमें जिलाधिकारी और मुख्य विकास अधिकारी द्वारा निर्देशित आदेश द्वारा अवगत कराया गया है कि केन्द्रो के बच्चो को पढ़ाने के लिए सभी कार्यकत्रियों को लिखित परीक्षा देनी होगी। इसके लिए जनपद मुजफ्फरगनर की सभी आंगनबाड़ी कार्यकत्री को तैयार रहना है ये परीक्षा का स्तर कक्षा 5 तक के सेलेबस के आधार पर होगी जोकि बिलकुल अनुचित है।
बाल विकास विभाग मे आंगनबाड़ी की नियुक्ति पूर्व शिक्षा के रूप में होती है जिसके लिए लिखित परीक्षा नियुक्ति से पहले ली जाती है लेकिन अब जो आंगनवाड़ी जिनकी उम्र 45 वर्ष से ऊपर हो चुकी है वो आंगनवाड़ी परीक्षा केसे दे सकती है। ये आंगनवाड़ी इस विभाग मे 20 से 22 वर्ष तक कार्य कर चुकी है और विभाग इनसे परीक्षा ले रहा है ये सिर्फ आंगनवाड़ी वर्करो को नौकरी से बाहर निकालने का तरीका है।
इन आंगनबाड़ी कार्यकत्री की 20 वर्ष साल पहले नियुक्ति की गयी थी उस समय विभाग द्वारा इनकी नियुक्ति के लिए शेक्षिक योग्यता 05 से 08 वी कक्षा तक मांगी जाती थी। उसके बाद बाल विकास विभाग द्वारा 2010 में इन आंगनवाड़ी की नियुक्ति के लिए शैक्षिक योग्यता 10 वीं तक कर दी गयी थी और अब विभाग ने 2023 मे आंगनबाड़ी के सभी पदों पर इंटर पास पर ही नियुक्ति निर्धारित कर दी है।
जनपद मुजफ्फरनगर में सैकड़ों 8वीं व 10वीं पास सहायिकायें आंगनबाड़ी कार्यकत्री के केंद्र को चार्ज पर संभाल रही हैं नियमो मे बदलाव का हवाला देकर इन सहायिकाओ को उनका प्रमोशन करने से भी मना कर दिया गया है। ये विभाग द्वारा शोषण किया जा रहा है इसके लिए इन आंगनवाड़ी वर्करो का परीक्षा देने के संबंध मे विरोध किया जा रहा है।