फर्रुखाबाद बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग द्वारा जारी स्वस्थ बालक बालिका स्पर्धा अभियान के लिए सीडीपीओ को शहर और ग्रामीण क्षेत्रों की जिम्मेदारी दी गयी है। इस अभियान के अंतर्गत आंगनबाड़ी कार्यकर्त्री और सहायिका बच्चों की लम्बाई और वजन की माप लेंगी। इस अभियान में आंगनवाडी वर्करो के साथ सामुदायिक गतिशीलता बढ़ाने के लिए पंचायत के सदस्य एनजीओ और मातृ समूह को भी सहयेाग देना होगा इस अभियान के लिए आंगनबाड़ी केंद्र, पंचायत भवन, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में विशेष कैंप लगाये जायेंगे। शहरी क्षेत्र में इस अभियान का दारोमदार नगर निकाय का रहेगा इस अभियान में अभिभावक भी विभाग द्वारा जारी एप्लीकेशन पर अपने बच्चों की लंबाई, ऊंचाई फीड कर सकते है । फीडिंग में बच्चे की रिपोर्ट स्वस्थ की आती है तो इसका प्रमाण पत्र स्वत: जनरेट हो जाएगा और इस प्रमाण पत्र को अभिभावक डाउनलोड भी कर सकते हैं।
स्वस्थ बालक, बालिका स्पर्धा अभियान के लिए विभाग हुआ तैयार
बाल विकास पुष्टाहार विभाग द्वारा जारी स्वस्थ बालक, बालिका स्पर्धा अभियान के आदेश में बच्चों के पोषण स्तर में सुधार के लिए विभाग पूर्ण तैयार है। विभागीय आदेश के अनुसार इस अभियान के माध्यम से बच्चों के पोषण स्तर में सुधार लाने व स्वस्थ बच्चे पहचाने की कवायद होगी। इस अभियान को सुचारू रूप से चलाने व इसकी निगरानी करने के लिए विभागीय अधिकारी स्तर से माइक्रो प्लान भी तैयार किया गया है। अभियान को लेकर आंगनवाडी वर्करो की भी जवाबदेही सुनिश्चित की गयी है।
स्वस्थ बालक बालिका स्पर्धा अभियान के रजिस्ट्रेशन से लेकर सभी जानकारी के लिए क्लिक करे
फरुखाबाद जनपद में लगभग सवा लाख बच्चे आंगनबाड़ी केंद्रों में पंजीकृत है। इस अभियान से पूर्व आंगनबाड़ी केंद्रो के माध्यम से समय समय पर बच्चों के पोषण स्तर में सुधार की कोशिश की जा रही थी । लेकिन इस स्वस्थ भारत बालक बालिका स्पर्धा अभियान के माध्यम से अभिभावकों के बीच में आपसी सामंजस्य में बढ़ावा पर जोर दिया जा रहा है । इस अभियान के माध्यम से 0 से 6 वर्ष तक के बच्चों के पोषण स्तर में सुधार लाने, स्वस्थ बच्चे पर कुपोषित बच्चे की तुलना मेे ज्यादा ध्यान देने पर भी फोकस रहेगा। यह अभियान 21 मार्च से 27 अप्रैल तक चलाया जायेगा। इस अभियान में बच्चों की वृद्धि और विकास की निरंतर निगरानी करते हुए कुपोषण की पहचान होगी। आंगनवाडी कार्यकत्रियो द्वारा केन्द्रों में पंजीकृत बच्चों की लंबाई, ऊ चाई की माप लेते हुए नाटापन, दुबलापन, कम वजन के बच्चे की पहचान करते हुए डाटा बेस तैयार किया जा रहा है । इस अभियान में पंजीकृत बच्चों के अलावा आंगनबाड़ी केंद्रों के बाहर के बच्चे भी शामिल होंगे।
विद्यालयों में चल रहे आंगनबाड़ी केन्द्रों के होंगे अपने भवन
विधानसभा चुनाव के कारण आचार संहिता लगने से जो आंगनबाड़ी केंद्र स्वीकृत होने के बाद भी नहीं बन पा रहे थे अब उन आंगनबाड़ी केंद्रों का निर्माण शुरू होने की कवायद शुरू हो गयी है। फरुखाबाद जिले में शासन द्वारा 24 नये आंगनबाड़ी केंद्रों की स्वीकृति प्रदान की गयी है। यह आंगनवाडी केंद्र पांच ब्लाकों में बनाए जाएंगे। केन्द्रों के निर्माण के लिए संस्था भी चयनित की जा चुकी है।
आंगनवाडी केन्द्रों के बच्चे और विधालय के बच्चे एक ही भवन में संचालन से कई तरह की समस्या आती थी कि प्राथमिक विद्यालयों में निरीक्षण के समय जांच कर्ता टीम के लिए सबसे ज्यादा यह अंदाजा लगाना मुश्किल होता था कि कौन से बच्चे आंगनबाड़ी केंद्र के हैं और कौन से बच्चे परिषदीय विद्यालयों के हैं।
जिले में स्वीकृत 24 नये आंगनबाड़ी केन्द्रों का निर्माण जल्द शुरू होगा इन आंगनवाडी केन्द्रों का निर्माण मनरेगा, बाल विकास और पंचायती राज के माध्यम किया जायेगा यह आंगनबाड़ी केंद्र अभी तक परिषदीय विद्यालयों में संचालित हो रहे हैं। आंगनवाडी केन्द्रों के अपना भवन होने से आंगनवाडी कार्यकत्रियो और सहायिकाओं को भी आसानी होगी और इन केंद्रों का संचालन विधिवत रूप से होगा आंगनवाडी वर्करो को अपने रजिस्टर खेल कूद का सामान आदि रखने को लेकर भी स्कूलों में बहुत तरह की समस्या आती है दिक्कतें हो रही हैं। भवन के तैयार होने से इन सभी समस्याओ से छुटकारा मिल जायेगा
ग्राम पंचायतों में नए आंगनबाड़ी केंद्र बनने की लगभग कुल लागत 7.52 लाख रुपए आएगी। इन केन्द्रों के निर्माण में मनरेगा का 4.46 लाख, बाल विकास पुष्टाहार का 2 लाख रुपया, पंचायती राज का 1.06 लाख रुपये अंश होगा। अब सिर्फ धनराशि हस्तांतरित होने का इन्तजार है सभी विभागों की स्वीकृति प्रदान हो चुकी है बजट मिलते ही इन आंगनवाडी केंडो का करने निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा।
जिला कार्यक्रम अधिकारी भारत प्रसाद आचार संहिता के कारण आंगनबाड़ी केंद्रो का निर्माण नहीं हो पा रहा था। अब जल्द ही जनपद के छह ब्लाकों में आंगनवाडी भवनों का निर्माण शुरू कराया जाएगा। केंद्रों की गुणवत्ता बेहतर रखने के निर्देश दिए गए हैं।