शहरी क्षेत्रो और मिनी आंगनवाड़ी केन्द्रो पर हॉट कुक्ड योजना फ़ेल, नए दिशा निर्देश का इंतजार
कानपुर जिले मे लगभग 2134 आंगनबाड़ी केंद्र संचालित किए जाते है जिनमे 35 हजार पंजीकृत आंगनबाड़ी केंद्रों के बच्चो को हॉट कुक्ड योजना का लाभ नहीं मिल रहा हैं। सरकार द्वारा इन बच्चों को कार्यकत्री की मदद से आंगनबाड़ी केन्द्रो मे अक्षर ज्ञान समेत अन्य गतिविधियो को सीखा रही है साथ ही इन केन्द्रो पर पोषणयुक्त गर्म भोजन भी दे रही है।
जिले में सिर्फ 954 आंगनबाड़ी केंद्रों में हॉट कुक्ड योजना के तहत खाना दिया जा रहा है। लेकिन बाकी आंगनवाड़ी केन्द्रो पर सरकारी सिस्टम की लापरवाही के चलते ये बच्चे हॉट कुक्ड योजना से वंचित है। सरकारी व्यवस्था राम भरोसे चल रही है।
अब से पूर्व जिले मे शहरी क्षेत्र के 567 बेसिक शिक्षा के स्कूलों में चल रहे आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों को एनजीओ से खाना मिलता था। लेकिन अब यूपी सरकार ने आंगनबाड़ी में हॉट कुक्ड योजना के तहत इन केन्द्रो पर गर्म भोजन पकाने की व्यवस्था कर दी है।
जिसके कारण इन आंगनबाड़ी केंद्र के बच्चों के समक्ष भोजन का संकट खड़ा हो गया है। जिले के बाल विकास विभाग ने शासन को गर्म भोजन के संबंध मे एक प्रस्ताव भेजा है, जिसमें इन बच्चों को हॉट कुक्ड भोजन परोसने के संबंध में दिशा-निर्देश मांगे गए हैं। इससे पहले भी निदेशालय द्वारा इस सम्बंध मे गाइड लाइंस जारी कर चुका है लेकिन धरातल पर बहुत सी समस्याए खड़ी हो गयी है अब निदेशालय द्वारा नए दिशा-निर्देश का इंतजार किया जा रहा है।
आखिर क्या है बड़ी समस्या ?
शहरी क्षेत्रो और मिनी आंगनवाड़ी केन्द्रो के बच्चो को गरम भोजन भोजन देने मे सबसे बड़ी समस्याए आ रही है। शहरी क्षेत्रो के नॉन लोकेटेड केन्द्रो पर गर्म भोजन बनाने के संसाधनो की भरी कमी है। शासन द्वारा सभासदो या नगर पालिका को इसकी व्यवस्था करने के निर्देश दिये गए थे लेकिन अधिकतर कोई भी जन प्रतिनिधि रुचि नहीं ले रहा है और न ही कोई व्यवस्था कर रहा है।
अब मिनी केन्द्रो की बात करे तो जिले में 112 मिनी आंगनबाड़ी केंद्र संचालित हैं। लेकिन इन केन्द्रो की भी हालत खस्ता है। क्योंकि अधिकतर मिनी केंद्र पर आंगनबाड़ी कार्यकत्री और सहायिका की नियुक्ति नहीं है। और कही सहायिका है तो आंगनबाड़ी कार्यकत्री नहीं है। जिसके कारण गर्म भोजन बनाना संभव नहीं है।
सरकार निर्देश के अनुसार आंगनबाड़ी कार्यकत्री बच्चों को पढ़ाने का काम करेगी और सहायिका खाना बनाएगी। ऐसे मे अगर रिक्त पदों पर कार्यकत्री और सहायिका की नियुक्ति नहीं होती है। तो कौन खाना बनाएगा और कौन इन बच्चो को पढ़ाएगा।
जिला कार्यक्रम अधिकारी डीपी सिंह का कहना है कि जिले के आंगनबाड़ी केंद्रों में लगभग 50 हजार बच्चे पंजीकृत हैं। लेकिन अभी जिले में सिर्फ 954 आंगनबाड़ी केंद्रों में हॉट कुक्ड भोजन दिया जा रहा है। शहरी क्षेत्र के 567 आंगनबाड़ी केंद्रों में हॉटकुक्ड योजना की समस्या आ रही है इसके लिए शासन से दिशा-निर्देश मिलने का इंतजार है। साथ ही मिनी केंद्रों में वर्करो की बड़ी कमी है जिसकी वजह से बच्चो को गर्म भोजन देने मे समस्या आ रही है।