आंगनवाडी प्री प्राईमरी न्यूज़

शिक्षकों की व्यवस्था न होने तक आंगनवाड़ी होंगी वैकल्पिक शिक्षक

परिषदीय स्कूलों में 3 वर्ष से 5 वर्षों के बच्चो को प्री प्राइमरी में दाखिला दिया जाएगा,बेसिक शिक्षा निदेशक ने की गाईड लाइन जारी,आंगनवाड़ी होंगी शिक्षण कार्य से मुक्त

उत्तरप्रदेश के परिषदीय स्कूलों में आगामी सत्र में तीन वर्ष से पांच वर्ष तक के बच्चो को  प्राइवेट स्कूलों की तरह प्री प्राइमरी में एडमिशन दिया जाएगा और प्राथमिक विद्यालय व उच्च प्राथमिक विद्यालयों को अंग्रेजी माध्यम से संचालित करने की कार्यवाही शुरू की जा रही है

ज्ञात हो कि अब तक इन नॉनिहालो को  प्री प्राइमरी की शिक्षा  (3 वर्ष से 5 वर्ष )सिर्फ निजी स्कूलों में ही मिलती है प्राथमिक विद्यालय में कक्षा 1 से ही एडमिशन मिलता है और बच्चे की उम्र  पांच वर्ष होना भी जरूरी है अभी तक ये शिक्षण कार्य आंगनवाड़ी केंद्रों में होता है

मानव संसाधन मंत्रालय की तरफ से नई शिक्षा नीति लागू की जा रही है जिसमे आंगनवाड़ी वर्करों को शिक्षण कार्य से मुक्त करने के लिए प्राथमिक विद्यालयों में प्री प्राइमरी कक्षाएं चलाने की योजना है क्योकि संबंधित मंत्रालय को भेजी गई रिपोर्ट में आंगनवाड़ी के शिक्षण कार्य से आंगनवाड़ी केंद्रों पर होने वाली गतिविधियों में अवरोध हो रहा था बच्चो को पुष्टाहार वितरण,टीकाकरण, गर्भवती की नियमित जांच,कुपोषण दूर करने आदि कार्यो में लिप्त होने के कारण इन बच्चो का शिक्षण कार्य प्रभावित हो रहा था रिपोर्ट में मालूम हुआ कि आंगनवाड़ी केंद्रों पर पढ़ने वाले  बच्चो की शैक्षणिक योग्यता बहुत ही निम्म स्तर की है


आंगनवाड़ी वर्करों की अनदेखी शासन पर भारी पड़ सकती है सूबे में अध्यापकों की भारी कमी के चलते आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों को ही प्री प्राइमरी का  वैकल्पिक शिक्षण कार्य दिया जा सकता है

केंद्र सरकार द्वारा नई शिक्षा नीति के तहत अब 3 वर्ष से 5 वर्ष के बच्चो को  आंगनवाड़ी केंद्रों पर  प्री प्राइमरी के तहत शिक्षा दी जाएगी उत्तरप्रदेश शासन ने खाका तैयार करके जुलाई में बच्चो के एडमिशन की तैयारी पूर्ण कर ली है आंगनवाड़ी केंद्रों पर मेज,बेंच,कुर्सी आदि अन्य सामान के लिए बजट आवंटित कर दिया गया है
आंगनवाड़ी कार्यकत्री केंद्र के लिए 10 हजार और मिनी आंगनवाड़ी केंद्र के लिए 7 हजार रुपए प्रति केंद्र के लिए शासन की तरफ से धनराशि स्वीकृत की गई है

एनुवल स्टेटस ऑफ एजुकेशन की रिपोर्ट के अनुसार 3 वर्ष से 5 वर्ष के बच्चे आंगनवाड़ी केंद्रों की अपेक्षा प्राइवेट स्कूलों में शिक्षा प्राप्त करते है रिपोर्ट को देखते हुए शासन की तरफ से इन नॉनिहालो के हित मे आंगनवाड़ी केंद्रों में बदलाव किए गए है
इन्ही बदलाव के साथ अब आंगनवाड़ी केंद्रों में प्रयोग किये जाने वाली किताबो के पाठ्यक्रम में भी बदलाव किए जाएंगे पहले इन किताबो में शुरुआती एक्टिविटी के विषय मे जो पाठ्यक्रम होते थे अब इनमें प्री प्राइमरी पाठ्यक्रम के तहत शिक्षा दी  जाएगी इसके लिए शासन से सहमति बन गई है

किन केंद्रों में होगी पहले प्री प्राइमरी की व्यवस्था

शासन की नीतियों के आधार पर अभी यही आशंका है कि पहले उन आंगनवाड़ी केंद्रों को लिया जा रहा है जो आंगनवाड़ी केंद्र प्राथमिक विद्यालय परिसर में चलाए जा रहे है  उसके बाद सरकारी भवन व निजी भवनों में चल रहे केंद्रों की कायापलट की जाएगी

आंगनवाड़ी केंद्रों पर कार्यकत्रियों की भूमिका
प्राप्त जानकारी के अनुसार आंगनवाड़ी केंद्रों पर शिक्षकों की तैनाती पर अभी संशय बरकार है चूंकि प्रदेश अभी प्राथमिक, उच्च प्राथमिक, बेसिक विद्यालय में शिक्षकों की कमी के चलते जूझ रहा है और इसके लिए अभी कोई भर्ती या अध्यापकों की वैकल्पिक व्यवस्था नही हुई है
एस. सी.ई. आर.टी. अभी विभागीय अधिकारियों व  कर्मचारी को मास्टर ट्रेनर के आधार पर नियुक्त करेगा
और यही ट्रेनर आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों को बच्चो के शिक्षण कार्य के लिए प्रशिक्षण देंगे जिससे शासन द्वारा शिक्षकों की व्यवस्था न होने तक आंगनवाड़ी वैकल्पिक शिक्षक का कार्य करेंगी आंगनवाड़ी केंद्रों के लिए शिक्षकों की पात्रता संबंधी प्रस्ताव शासन को भेजा जा रहा है

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