सुपरवाइजर का गोदाम से उठान के बाद पोषाहार मे अवैध वसूली का खेल
आंगनवाड़ी न्यूज
गोण्डा जनपद के मनकाकपुर ब्लॉक मे आंगनबाड़ी केन्द्रों पर लाभार्थियो को मिलने वाले राशन मे हर जगह बंदरबांटचल रही है। जिसकी वजह से बाल विकास विभाग द्वारा संचालित योजनाएं सही से लागू नहीं हो रही हैं।
मनकाकपुर ब्लाक मुख्यालय मे प्रतिमाह विभाग से ट्रकों में पोषाहार तो आता है लेकिन सभी लाभार्थियों को नहीं मिल पाता है। स्वय सहायता समूह की तरफ से बाल विकास परियोजना के गोदाम से उठान करने के बाद आंगनबाड़ी वर्करों को ड्राई राशन उपलब्ध कराता है। इसके बाद आंगनबाड़ी वर्कर द्वारा केन्द्रो के लाभार्थी 3 वर्ष, 3 से 6 वर्ष, गर्भवती महिलाओं, धात्री महिलाओं तथा कुपोषित बच्चों को पोषाहार वितरण कराया जाता है।
राशन मे सुपरवाइजरों का खेल केसे शुरू होता है
ड्राई राशन उठान करने वाली स्वय सहायता समूह की दर्जनों महिलाओं का कहना है कि गोदाम से ही राशन कटौती की शुरुवात हो जाती है। अगर राशन पूरा दिया जाता है तो उनसे नकद पेसे मांगे जाते है। इसके बाद फिर जब आंगनबाड़ी वर्कर राशन समूह से प्राप्त कर लेती हैं तो फिर सुपरवाइजरों की वसूली का खेल शुरू होता है। प्रति आंगनबाड़ी केन्द्र से एक हजार की वसूली की जाती है। जो आंगनवाड़ी दबंग होती है उन्हे छोड़ दिया जाता है बाकी अन्य केन्द्रो की आंगनवाड़ी से वसूली की जाती है।
यदि कोई आंगनबाड़ी मुंह खोलना चाहती है तो उसे परेशान किया जाता है। संविदा समाप्त करने की धमकी दी जाती है। केंद्र की बार बार चेकिंग की जाती है जिसके कारण कुछ आंगनवाड़ी कार्यकत्रियां मजबूरीवश रिश्वत देने को मजबूर हो जाती हैं।
आंगनबाड़ी केंद्रों पर बच्चों के पोषाहार में हो रही बंदरबांट की जांच के लिए जिला प्रशासन ने तीन सदस्यीय कमेटी का गठना किया है। जिसके बाबत जांच टीम ने मनकापुर पहुंचकर जांच भी शुरू कर दी है। इस पर सीडीओ एम अरुन्मौलि ने जांच के निर्देश दिए हैं। बाल विकास परियोजना कार्यालय पर सीडीओ रुपईडीह दुर्गेश कुमार गुप्ता व सीडीपीओ इटियाथोक नीतू रावत पहुंची। दोनों ने कार्यालय में स्टाक व वितरण रजिस्टर की जांच की है।
कुड़ासन ब्लॉक की जयभीम स्वयं सहायता की अध्यक्ष हेमा ने बताया कि परियोजना कार्यालय पर तैनात सुपरवाइजर ने अक्तूबर माह का पोषाहार दिया था लेकिन रजिस्टर पर बिना राशन दिए ही नवम्बर तथा दिसम्बर माह का हस्ताक्षर करा लिए गए थे और वो दो माह का राशन आज तक नहीं दिया गया है। इस संबंध में सीडीपीओ सुशील कुमार ने बताया कि राशन का उठान समूह की महिलाएं करती है। वितरण आंगनबाड़ी वर्कर करती है। जहां की शिकायतें मिलती जांच करके कार्रवाई की जाती है।
कुड़ासन की शिकायतकर्ता हेमादेवी, कार्यकत्रियों, ग्राम प्रधान का बयान आदि लेकर चली गयी। कुड़ासन की हेमादेवी का आरोप है कि उसको एक माह का राशन देकर दो माह का हस्ताक्षर उसके पति से सुपरवाइजर ने करवा लिया। इस वजह से वह गांव में वह गरीबों को पोषाहार नहीं बांट सकी।
इस संबंध मे डीएम, सीडीओ के साथ क्षेत्रीय सांसद कीर्तिवर्धन सिंह से भी शिकायत की जा चुकी की है । शिकायत को ध्यान मे रखते हुए सांसद ने जांच करके कार्रवाई के लिए परियोजना को निर्देश दिए थे लेकिन इस जांच का कोई असर नहीं हुआ । ब्लाक प्रमुख जगदेव से भी अध्यक्ष हेमा द्वारा शिकायत करते हुए आरोप लगाया गया था कि सुपरवाइजर ने दो माह का राशन रजिस्टर पर हस्ताक्षर बनवाने के बाद भी नहीं दिया है। ब्लाक प्रमुख ने पीड़ित महिला को न्याय दिलाने का भरोसा दिया है।
करनैलगंज तहसील इलाके में भी आंगनबाड़ी केन्द्रो की हालत खराब है। आंगनबाड़ी केन्द्र कादीपुर प्रथम व द्वितीय मे जांच के बाद पोल खुली कि यहां मार्च माह के बाद से पोषाहार ही नहीं आ पाया है।