सुपरवाइजर बोली…शमशान घाट भी सरकारी भवन, यहां भी हो सकता है पोषाहार वितरण
आंगनवाड़ी न्यूज
कभी कभी सरकारी विभागो के कर्मचारी या अधिकारी बिना सोचे समझे ऐसे शब्द बोल देते है जिसका कोई औचित्य नहीं होता और न ही उसका कोई अर्थ होता है। ऐसा ही एक मामला बाल विकास विभाग मे कार्यरत एक मुख्य सेविका का आया है।
बस्ती जिले मे गौर क्षेत्र के कोठवा गांव के अंतर्गत प्राथमिक विधालय में अतिरिक्त कक्ष में आंगनबाड़ी केंद्र का संचालन किया जाता है। इसी गाँव मे एक शमशान घाट भी है।
शनिवार को सुपरवाइजर गीता सिंह आंगनवाड़ी केंद्र पर न जाकर श्मशान घाट पर पोषाहार का वितरण कराने पहुंच गयी। पोषाहार वितरण की सूचना मिलते ही ग्रामीण केन्द्रो के पंजीकृत लाभार्थियो को लेकर पहुंच गए।
श्मशान घाट पर पोषाहार लेने के लिए पहुचे ग्रामीणों ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया। ग्रामीणो ने सुपरवाइजर गीता सिंह से कहा कि जब स्कूल के अतिरिक्त कक्ष में आंगनबाड़ी केंद्र संचालित होता है तो श्मशान घाट पर पोषाहार का वितरण क्यों किया जा रहा है। श्मशान घाट पर बाल पोषाहार का वितरण करने से ग्रामीणों में ज्यादा नाराजगी है।
ग्रामीणो के सवाल पर सुपरवाइजर गीता सिंह ने कहा कि ये शमशान घाट भी सरकारी भवन है तो यहा वितरण क्यो नहीं किया जा सकता। इसके बाद ग्रामीणों ने बच्चो को मिलने वाले चावल और दाल, और दलिया के वितरण के बारे में पूछा तो उन्होंने बताया कि कोटेदार द्वारा राशन मुहैया नहीं कराया जा रहा है। राशन मिलने के बाद वितरण किया जायेगा।
ग्रामीणों के विरोध के बाद भी शमशान घाट को सरकारी भवन बताकर मुख्य सेविका द्वारा राशन का वितरण किया गया। इसके बाद नाराज ग्रामीणों ने सीडीपीओ गौर से इसकी लिखित शिकायत पत्र देकर मामले की जांच कराकर दोषियों के विरुद्ध कार्यवाही करने की मांग की है।
इस सम्बंध मे सीडीपीओ गौर बलराम सिंह ने बताया ग्रामीणो द्वारा शिकायती पत्र मिला है। श्मशान घाट पर पोषाहार वितरण करना गलत है। इस बारे मे सुपरवाइजर गीता सिंह को स्पष्टीकरण नोटिस जारी किया जाएगा।