आंगनवाड़ी केंद्रों पर प्री प्राइमरी शिक्षा को लेकर गतिविधियां हुई तेज
आंगनवाड़ी प्री प्राइमरी न्यूज
आंगनवाड़ी केंद्रों पर पंजीकृत बच्चो को अब सिर्फ पोषाहार नही शिक्षा भी मिलेगी। केंद्र सरकार द्वारा नई शिक्षा नीति मे आंगनवाड़ी केंद्रों को प्ले स्कूल की मान्यता मिल चुकी है इसके लिए अब विभाग द्वारा कार्यवाही शुरू कर दी गई है।
आंगनवाड़ी केंद्रों को प्ले स्कूल की मान्यता देने की शुरुवात 2020 मे हुई थी । केंद्र सरकार ने नई शिक्षा नीति लागू करते हुए आंगनवाड़ी केंद्रों को प्री प्राइमरी का दर्जा दिया था। लेकिन कोरोना महामारी के चलते इस नीति को लागू नही किया जा सका।
उत्तरप्रदेश के आंगनवाड़ी केंद्रों पर बच्चो को शिक्षा देने के उद्देश्य से शिक्षा विभाग द्वारा राज्य के अधिकतर जिलों की आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों को शाला पूर्व शिक्षा के तहत चार दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया था। इस प्रशिक्षण के बाद उनको प्रमाण पत्र भी वितरित किए गए। विभाग का कहना था कि पहले को लोकेटेड आंगनवाड़ी केंद्रों पर बच्चो को प्री प्राइमरी के तहत शिक्षा दी जायेगी।
आंगनवाड़ी केंद्रों के बच्चो को उच्च शिक्षा और गतिविधियों की जानकारी देने के लिए विभाग द्वारा दिए गए स्मार्टफोन में दीक्षा एप को डाला गया है । साथ ही आंगनवाड़ी वर्करों को प्रशिक्षित करने के लिए स्मार्टफोन में मॉड्यूल भी दिए गए है। इन मॉड्यूल को सफलतापूर्वक पूर्ण करने के बाद कार्यकत्री को एक सर्टिफिकेट भी दिया जाता है।जिससे ये पता चल सके कि आंगनवाड़ी कार्यकत्री ने अपना प्रशिक्षण पूरा कर लिया है।
बाल विकास विभाग और शिक्षा विभाग द्वारा समय समय पर मॉड्यूल्स पूर्ण करने के संबन्ध में नियमित आदेश जारी हो रहे है। लेकिन जिला स्तर पर कर्मचारी और अधिकारियों की कमी के चलते ये योजना धरातल पर नही आ सकी है ।
आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों को एप द्वारा मॉड्यूल्स पूरा करने के संबन्ध में 2023 मे आदेश जारी किए गए थे लेकिन अभी भी अधिकतर जिलों में आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों द्वारा मॉड्यूल्स को पूरा नहीं किया गया है।
देखा जाए तो इस कार्य में सबसे बड़ी समस्या विभाग के रिक्त पदो की आ रही है हर जिले में कार्यकत्रियों,मुख्य सेविका के पद अधिक संख्या में रिक्त है साथ ही बाल विकास विभाग में कार्य की संख्या बढ़ती जा रही है जिसकी वजह से सभी कार्य पूर्ण नही हो रहे है।
जनपद गोंडा के डीपीओ द्वारा जारी एक आदेश के अनुसार अभी भी जिले में उन कार्यकत्रियों की संख्या बहुत ज्यादा है जिन आंगनवाड़ी ने इन मॉड्यूल को पूरा नहीं किया है। इस संबंध में डीपीओ ने सभी परियोजनाओं के सीडीपीओ को कार्यकत्री द्वारा मॉड्यूल को पूरा करने के निर्देश दिए है।