आंगनवाड़ी केंद्रों पर मिल रही सेवाओं की होगी जांच,पहले चरण मे कई जिलों के 100 से ज्यादा केंद्र चयनित
आंगनबाड़ी केंद्रों के बच्चो को शासन द्वारा चलायी जा रही योजनाओ पर प्रो. राजेंद्र सिंह राज्य विश्वविद्यालय द्वारा अध्ययन किया जाएगा। इसमे बच्चो को केन्द्रो पर मिलने वाले पोषक आहार खेलकूद, शिक्षा, और स्वास्थ्य संबन्धित सेवाएं की जांच की जाएगी साथ ही इन योजनाओ से बच्चों में कितना फायदा हो रहा है इस पर भी अध्ययन किया जाएगा। अध्ययन करने के बाद इस रिपोर्ट को राज्यपाल के पास भेजा जाएगा।
प्रयागराज मंडल के चारों जिलों प्रयागराज, कौशांबी, प्रतापगढ़ और फतेहपुर में चरणबद्ध तरीके से अध्ययन करने के लिए प्रथम चरण में 100 आंगनबाड़ी केंद्रों को चिह्नित किया गया है। इनमे प्रयागराज के 35, प्रतापगढ़ के 30, कौशाम्बी के 25, फतेहपुर के 10 आंगनबाड़ी केंद्र शामिल हैं।
इसके लिए विश्वविद्यालय ने इसकी जिम्मेदारी समाज कार्य विभाग को दी है। प्रो. राजेंद्र सिंह के कुलपति प्रो. अखिलेश कुमार सिंह ने बताया कि पहले चरण में विश्वविद्यालय द्वारा गोद लिए गए आंगनबाड़ी केंद्रों का अध्ययन किया जाएगा ।
अध्ययन में इन केन्द्रो पर जांच की जाएगी कि आंगनबाड़ी केंद्र में क्या सुविधाएं थीं और वर्तमान में क्या सुविधाएं हैं। और इन केन्द्रो पर और क्या क्या बेहतर किया जा सकता है। कुलपति का कहना है कि चयनित किए गए केन्द्रो के बाद मंडल के सभी जिलों के आंगनवाड़ी केंद्रों का अध्ययन कार्य पूरा होने के बाद ये रिपोर्ट राज्यपाल को भेजी जाएगी।
कानपुर मे बढ़ी कुपोषण बच्चो की संख्या
कानपुर जिले मे कुपोषित बच्चों की संख्या बढ़ रही है। जिले मे कुपोषण के बढ़ते कारणो की जानकारी के लिए जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज का बालरोग विभाग छह माह से पांच साल तक के 400 बच्चों पर शोध करने जा रहा है। जिले के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. यशवंत राव द्वारा होने वाले शोध में शामिल बच्चों को तीन साल तक फॉलो किया जाएगा। इसके लिए सात करोड़ का बजट मेडिकल रिसर्च सेंटर को भेजा गया है। बजट की मंजूरी मिलते ही शोध शुरू कर दिया जाएगा।
डॉक्टर डॉ. राव के अनुसार बाल रोग विभाग के डॉक्टरों ने कुपोषण को दूर करने के लिए अमृत डायट बनाया है। इसके लिए टीम द्वारा अमृत डायट को बनाने का तरीका घर-घर जाकर बताया जाएगा।