आंगनवाड़ी के बच्चो की पढ़ाई के लिए कार्यकत्रियों का प्रशिक्षण
आंगनवाड़ी न्यूज
प्रदेश मे आंगनवाड़ी केन्द्रो पर तीन से छह वर्ष के बच्चों की पूर्व प्राथमिक शिक्षा के लिए प्रत्येक ब्लॉक में आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों के लिए क्षमता संवर्धन प्रशिक्षण शुरू कर दिये गए है। इस प्रशिक्षण के बाद आंगनवाड़ी केन्द्रो पर शिक्षा के नए अनुभव देखने के लिए मिलेंगे।
माता उन्मुखीकरण के सम्बन्ध मे जारी आदेश
सिद्धार्थनगर इसके लिए जिले के सदर बीआरसी से शुरुवात शुरू की जा रही है। इस प्रशिक्षण में सभी आंगनवाड़ी वर्करो को पूर्व प्राथमिक शिक्षा मे सरस, सरल, रोचक व बालोपयोगी बनाने के लिए चहक, परिकलन व कलांकुर आदि आकर्षक पुस्तकों द्वारा विशेषज्ञों व बाल मनोवैज्ञानिकों की टीम द्वारा तैयार करके अन्य बिंदुओं की जानकारी दी जा रही है।
नौगढ़ ब्लॉक संसाधन केंद्र में आयोजित तीन दिवसीय जनपद स्तरीय संदर्भदाता प्रशिक्षण दिया गया। इसमे जिला समन्वयक प्रशिक्षण अमित कुमार शुक्ल ने बताया कि प्री-प्राइमरी शिक्षा से संबंधित 52 सप्ताह की गतिविधियों पर आधारित कैलेंडर मैन्युअल पहल के आधार पर आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों को विशेष रूप से प्रशिक्षित किया जाना है।
वही प्रशिक्षक एसआरजी सदस्य अपूर्व श्रीवास्तव का कहना है कि पूर्व प्राथमिक शिक्षा को सरस, सरल, रोचक व बालोपयोगी बनाने के लिए चहक, परिकलन व कलांकुर आदि आकर्षक पुस्तकों को विशेषज्ञों एवं बाल मनोवैज्ञानिकों की टीम द्वारा तैयार किया गया है। इस संबंध मे प्रशिक्षक आनंद कुमार गौंड़ ने बाल वाटिका कैलेंडर निर्देशिका के संबंध में जानकारी दी।
सोनभद्र जनपद मे पोषण परामर्श पर आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों का प्रशिक्षण विकास भवन में आयोजित किया गया। इस प्रशिक्षण का आयोजन आईसीडीएस विभाग, यूनिसेफ एवं पीएचएफआई के सहयोग से किया गया है। इस प्रशिक्षण के माध्यम से आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को पोषण परामर्श पर प्रशिक्षित किया जा रहा है।
जिला कार्यक्रम अधिकारी राजीव सिंह का कहना है कि इस पोषण तश्तरी के माध्यम से गर्भवती/ पांच वर्ष से छोटे बच्चों के माता-पिता से उनके पिछले 24 घंटे मे किए गए खानपान के बारे में पूछा जाता हैं कि उन्होंने क्या, कब और कितनी बार खाया।
इस पोषण तश्तरी में पत्थर या गिट्टी के माध्यम से दर्शाते हुए पिछले 24 घंटे के भोजन का आकलन किया जाता है। पोषण तश्तरी कार्यक्रम का क्रियान्वयन जिले के चतरा, घोरावल, एवं राबर्ट्सगंज ब्लाकों में किया गया है। जिससे उनके द्वारा बताए गए पोषण आंकड़े मे सुधार हो रहा हैं।