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आंगनवाड़ी को मोहरा बनाकर होती है अवैध वसूली

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भदोही जनपद मे शासन के निर्देश पर गांव के आंगनबाड़ी केंद्रों पर ही नौनिहालों के आधार कार्ड बनाने की सुविधा शुरु की जा रही है जिससे केन्द्रो पर पंजीकृत बच्चो को पोषाहार से वंचित नहीं होना पड़ेगा। इसके लिए आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों को प्रशिक्षित किया जा रहा है।

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शासन के नए आदेशानुसार अब स्कूलों व आंगनवाड़ी केन्द्रो में नामांकन के लिए आधार कार्ड को अनिवार्य कर दिया गया है। अब बिना आधार कार्ड के किसी को शासन की सुविधा का लाभ नहीं मिलेगा एक से लेकर पांच साल के छोटे बच्चों के आधार कार्ड न होने से अभिभावकों को सबसे ज्यादा दिक्कतें हो रही हैं।

जिला कार्यक्रम अधिकारी मंजू मौर्य ने बताया कि बाल विकास विभाग द्वारा इस समय जिले में 1357 केन्द्रों का संचालन किया जा रहा है। इन केन्द्रो पर बहुत से बच्चो का आधार कार्ड नहीं बना है इसीलिए अब आंगनबाड़ी केन्द्रों पर पढ़ने वाले जिले के लगभग एक लाख 60 हजार बच्चों के अभिभावकों को बैंक व डाघकर के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे इसके लिए आंगनबाड़ी केन्द्रों पर आधार कार्ड बनाने की सुविधा शुरू की जा रही है। वर्तमान समय मे जिले की नौ परियोजनाओं में तीन परियोजना पर आधार कार्ड बनाए जा रहे है

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बच्चों का आधार कार्ड बनवाने के लिए अभिभावकों को बच्चे का जन्म प्रमाण पत्र या प्रसव के बाद अस्पताल से डिस्चार्ज लेटर लाना होगा। और साथ मे माता या पिता में से किसी एक के आधार कार्ड की भी जरुरत पड़ेगी। पांच साल से कम उम्र के बच्चों का बायोमैट्रिक न करके बच्चे के आधार कार्ड को उनके माता-पिता के आधार कार्ड से जोड़ दिया जाता है । पांच साल के बच्चों के 10 उंगलियों के फिंगरप्रिंट, रेटिना स्कैन और फोटोग्राफ को केंद्र पर जाकर देना होगा।

आंगनवाड़ी को मोहरा बनाकर होती है अवैध वसूली

बागपत बाल विकास विभाग मे मानदेय पर कार्यरत आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों पर अवैध वसूली की खबरे आए दिन आती रहती है इस बारे मे बहुत सी सुपरवाईजर समेत आला अधिकारियों पर कार्यवाही भी हुई है लेकिन इस अवैध वसूली पर रोक नहीं लग रही है इस संबंध मे जिले की आंगनवाड़ी वर्करो ने सोमवार को विभागीय अधिकारी पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए जिला कलक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया। इन आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों का कहना है कि ये अधिकारी उनसे अन्य मदो मे आने वाले पैसे की अवैध वसूली करती है। आंगनवाड़ी वर्करो से हर माह पैसा दिए जाने का दबाव बनाया जाता है। पैसा न दिये जाने पर सेवा समाप्ती व केन्द्रो के निरीक्षण की धमकी दी जाती है

आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों का कहना है कि अब विभागीय अधिकारी सीधे पेसे की मांग न करके आंगनवाड़ी को ही मोहरा बनाकर पैसे की मांग की जाती है इसके लिए क्षेत्र की एक आंगनबाड़ी कार्यकत्री को अपना एजेंट बनाकर सभी कार्यकत्रियों से पैसा की उगाही की जाती है। उस एजेंट को भी कुछ हिस्सा दिया जाता है जिससे वो आंगनवाड़ी इन भ्रष्ट अधिकारियों की चापलूसी ज्यादा करती है

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आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों ने जिलाधिकारी को ज्ञापन देते हुए इस अवैध वसूली की जांच करते हुए को इन अधिकारियों पर कड़ी कार्यवाही की मांग की है। कार्यकत्रियों का कहना है कि उनके पास इस अवैध वसूली के संबंध मे पैसा मांगने की ऑडियो भी मौजूद है। अगर कोई कार्यकत्री पैसा नहीं देती है तो उसका मानदेय रोकने के साथ साथ अलग अलग धमकी मिलती है। आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों को अपनी समस्याओ को उठाने के कारण बहुत सी आंगनबाड़ी का 7 माह का मानदेय रोक दिया गया है जिसके कारण उन्हें पारिवारिक समस्याओ का सामना करना पड़ रहा है। इसीलिए अब आंगनवाड़ी वर्करो ने निर्णय लिया है कि यदि इन भ्रस्ट अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं होती है तो वह भूख हड़ताल पर बेठने को मजबूर होंगी

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