आंगनवाडी केन्द्रों पर दिया जाने वाला फोर्टीफाइड चावल हानिकारक नहीं
हरदोई जनपद के डीपीओ द्वारा बाल विकास परियोजना कार्यालय व आंगनबाड़ी केंद्रोंका निरिक्षण किया इस निरीक्षण में आंगनवाडी केन्द्रों व परियोजना कार्यालय में अनियमितताएं मिली है। डीपीओ ने कहा बाल विकास पुष्टाहार विभाग के कर्मचारी व अधिकारी अपनी जिम्मेदारी ठीक ढंग से नहीं निभा रहे हैं। जिसके कारण कछौना के सीडीपीओ को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है जबकि आंगनवाडी केंद्र पर अनुपस्थित आंगनवाडी कार्यकत्री का एक दिन का वेतन काटने का निर्देश दिए गये है।
जिले के जिला कार्यक्रम अधिकारी बुद्धि मिश्रा ने सुबह 11 बजे बघौली चौराहा स्थित प्राथमिक विद्यालय में संचालित किया जा रहा आंगनबाड़ी केंद्र का निरीक्षण किया। इस आंगनबाड़ी केंद्र पर ताला लटक रहा था। वंही डीपीओ द्वारा आंगनबाड़ी केंद्र सुन्नी के निरीक्षण में आंगनवाडी केंद्र खुला हुआ था। बढती गर्मी के चलते आंगनवाडी केंद्र पर मात्र सात बच्चे ही उपस्थित थे। लेकिन इस आंगनवाडी केंद्र पर आवश्यक अभिलेख व पंजिकाएं नहीं थी । इस मामले में सुपरवाइजर का कार्य संतोषजनक न पाए जाने पर नोटिस जारी किया गया है
डीपीओ द्वारा बाल विकास कार्यालय कछौना के निरीक्षण में सीडीपीओ अपने कार्यालय में उपस्थित नही थे । साथ ही अन्य कार्य भी संतोषजनक नही थे। सीडीपीओ की लापरवाही के चलते विभागीय योजनाएं भी प्रभावित हो रही हैं। इसीलिए डीपीओ ने बिना अनुमति व किसी पूर्व सुचना दिए कार्यालय छोड़ने पर सीडीपीओ को अनुपस्थित मानते हुए वेतन रोकने का निर्देश दे दिए ।
आंगनवाडी केन्द्रों पर फोर्टीफाइड चावल वितरण के गुण बताये
सोनभद्र के पंचायत भवन नेमना में वर्ड फूड प्रोग्राम की टीम के सदस्य श्रीकेश और दिव्या ने ग्रामीणों को जानकारी दी कि फोर्टीफाइड चावल के विषय में फोर्टीकेशन का मतलब टेक्नोलॉजी के माध्यम से खाने में विटामिन और मिनरल्स के स्तर को बढ़ावा देना है।
टीम के सदस्यों ने बताया कि फोर्टीफाइट चावल बनाने के लिए पहले सामान्य चावल का पावडर बना कर उसमें सूक्ष्म पोषक तत्व मिलाते हैं। जैसे कि आयरन, फोलिक एसिड , विटामिन बी,विटामिन 12 जैसे तत्व को मिला कर बनाये जाते है उसके बाद उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा यह चावल सरकारी सस्ते गल्ले की दुकान और प्राथमिक विद्यालयों के लिए मिड डे मील में प्रयोग किये जाते है
वर्तमान में सरकार ने आंगनबाड़ी केंद्रों आने वाले लाभार्थियों को भी यह चावल देना शुरू कर दिया है जिसके सम्बंद में जल्द ही आदेश भी जारी किया गया है कुछ लोगो द्वारा इस चावल के पीछे भ्रांतियाँ फैलाई जा रही है कि यह चावल प्लास्टिक का है जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है जिसके कारण ग्रामीण प्लास्टिक चावल समझ कर फेंक देते हैं।। इसीलिए टीम के सदस्यों द्वारा इसी चावल का गुड़ के साथ खीर बना कर उपस्थित लोगों के साथ खुद भी खा कर भ्रांतियाँ दूर किया जा रहा है । जानकारी देने वाली टीम के साथ इस अवसर पर ग्राम प्रधान पति गनपत गुर्जर, प्रधान प्रतिनिधि राधेश्याम गुर्जर, पँचायत सहायक राधेश्याम प्रजापति, आंगनबाड़ी, कोटेदार , आशा कार्यकर्ती, रसोईयां, स्वयं सहायता समूह की महिलाएं सहित भारी संख्या में ग्रामीण उपस्थित थे।