बेसिक स्कूलों में अब आंगनवाडी केन्द्रों के बच्चो को भी मिलेगा मिड डे मिल का खाना
आंगनवाडी न्यूज़
जनपद बुलंदशहर के डीपीओ ने बताया कि जिले के 16 ब्लॉक में 3,968 आंगनबाड़ी केन्द्रों के पीएम पोषण योजना में शिक्षा ग्रहण करने वाले तीन से छह वर्ष तक के 52 हजार बच्चे बच्चे लाभावान्तित होंगे कोविड की वजह से अभी आंगनबाड़ी बंद चल रहे हैं। आज चार अगस्त से आंगनबाड़ी केंद्र सप्ताह में सोमवार और बृहस्पतिवार को खोलने के आदेश दिए हैं। आंगनबाड़ी पूरी तरह से खुल जाएंगे तो फिर इस योजना पर कार्य होगा।
जिला कार्यक्रम अधिकारी हरिओम वाजपेयी ने बताया है कि पीएम पोषण मिशन योजना को कैबिनेट में पास कर दिया गया है। इसी माह से योजना लागू होने की उम्मीद है। अब आंगनवाडी केन्द्रों के बच्चों को खाने में मिड डे मील दिया जाएगा। राज्य सरकार से योजना की गाइड लाइन का आदेश आते ही इसे शुरू किया जाएगा।
अवगत हो कि इससे पहले केवल बेसिक शिक्षा विभाग के बच्चों को मिड डे मील दिया जाता था। केंद्र सरकार ने इस नयी योजना से सभी बच्चों को मिड डे मील देने का फैसला लिया है।आंगनबाड़ी केंद्रों पर पढ़ने वाले बच्चों को अब पीएम पोषण योजना के अंतर्गत मिड डे मील का स्वाद मिलेगा। मिड डे मील योजना को पीएम पोषण नाम से जाना जाएगा। इसी माह पोषण योजना लागू होने की उम्मीद है। पीएम पोषण योजना की गाइड लाइन आने के बाद ही विभाग इस पर कार्य करेगा।
आंगनबाड़ी केंद्रों पर पढ़ने वाले बच्चों को केवल पौष्टिक आहार दिया जाता है। बेसिक शिक्षा विभाग के स्कूलों की बात करें तो मध्यान्ह् भोजन प्राधिकरण की तरफ से बच्चों को मिड डे मील में अलग-अलग मैन्यू के हिसाब से उन्हें खाना दिया जाता है। मगर अब केंद्र सरकार ने आंगनबाड़ी केंद्रों पर पढ़ाई करने वाले बच्चों को भी प्रधानमंत्री पोषण योजना के अंतर्गत मिड डे मील देने का फैसला लिया है। अब इन बच्चों को भी पका पकाया भोजन दिया जाएगा। बच्चों को कुपोषण से मुक्ति के लिए पौष्टिक तत्वों वाला भोजन दिया जायेगा केंद्र सरकार ने अभी योजना को हरी झंडी दी है, और इसी माह से यह योजना प्रदेश के सभी जिलों में लागू हो जाएगी। केंद्र व राज्य सरकार दोनों योजना को संचालित करेंगे। योजना की गाइड लाइन आने के बाद ही बाल पुष्टाहार विभाग इस पर कार्य शुरू करेगा। फिलहाल बुलंदशहर जिले में योजना को लेकर जिले में कार्य शुरू हो गया है
भीषण गंदगी और जर्जर अवस्था में बने आंगनवाडी केंद्र में आने को मजबूर नौनिहाल
बाराबंकी कोविड काल में बंद हुई आंगनबाड़ी केंद्र अब सप्ताह में दो दिन सोमवार व वृहस्पतिवार को खुलने के निर्देश दिए गए हैं। चार अक्टूबर को पहले दिन केंद्र खोलने को लेकर एक दिन पूर्व केंद्रों की सफाई, रंग रोगन कराया जाना था। सोमवार को केंद्रों पर बच्चों को लुभाने के लिए गुब्बारे व रंगोली बनाई जाए। बच्चों को सोशल डिस्टेंस में बैठाने के निर्देश है। हिन्दुस्तान की टीम ने रविवार को कई केंद्रों का जायजा लिया जिसमें अधिकांश आंगनबाड़ी केंद्रों पर रविवार को कोई तैयारियां नहीं दिखी।परिसर को देखने से ही लग रहा था कि गत दिनों में हुई बरसात के कारण दीवारों पर काई जमी हुई है आसपास बिखरा पड़ा गोबर का ढेर और मल मूत्र यह कहानी स्वयं बता रहा था कि जिम्मेदारों ने अभी तक केंद्रों की सुध नहीं ली है। आंगनबाड़ी केंद्र के पास कूड़े करकट के ढेर तो आम बात थी। केवल दादरा ही नहीं बल्कि क्षेत्र के हैदरपुरवा मजरे जलालपुर के आंगनबाड़ी केंद्र का जायजा लिया गया तो यहां तो चौकाने वाला नजारा देखने को मिला केन्द्र के सटाकर ही मवेशी बांधे मिले आसपास उगी घास और गन्दगी से वातावरण दूषित मिला आंगनबाड़ी केंद्रों पर अभी तक सफाई ना होने से यह साफ हो गया है कि उच्चाधिकारियों व शासन का निर्देश भी जिम्मेदारों को नींद से नहीं जगा सका है
सिरौली गौसपुर में आंगनबाड़ी केंन्द्र कोटवाधाम में साफ सफाई की गई। किन्तु केन्द्र में साज सज्जा जैसी व्यवस्थायें नहीं दिखीं। इस केन्द्र पर नियुक्त आंगनबाड़ी कार्यकत्री सुशीला तिवारी सफाई करते मिलीं। केन्द्र के बगल में संचालित प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाचार्य निजामुद्दीन अपने स्तर से विद्यालय के साथ आंगनबाड़ी केंन्द्र की साफ सफाई पर विशेष रुप से ध्यान रखने की बात कही। रविवार की छुट्टी होने के बाद भी आंगनबाड़ी केन्द्र की सफाई हो रही थी। साज सज्जा के कार्य के बारे में कार्यकत्री ने कहा कि सोमवार सुबह को बाकी कार्य कराकर बच्चों को बैठाया जाएगा।
सफदरगंज के आंगनबाड़ी परिसर में जलभराव व कीचड़ के कारण भीषण गंदगी व चारों ओर फैली गंदगी के बीच गोबर की भरमार शौचालय की सीट वगैरह तक क्षतिग्रस्त और चोक हो चुकी है । रंग रोगन तो दूर आंगनबाड़ी भवन के अंदर कूड़ा करकट पड़ा हुआ है। न कोई तैयारी और न ही कोई जिम्मेदारी का एहसास। शासन ने चार अक्टूबर से आंगनबाड़ी केंद्रों के संचालन का फैसला लिया है।यह आंगनबाड़ी केंद्र सोमवार और गुरुवार को संचालित होंगे। इसको लेकर बाल विकास विभाग द्वारा ही नहीं बल्कि जिलाधिकारी द्वारा भी सख्त निर्देश जारी किए गए हैं कि आंगनबाड़ी केंद्रों को साफ सुथरा कर लिया जाए जिससे 4 तारीख को इनका संचालन ठीक ढंग से शुरू हो सके। निर्देशों में यह भी कहा गया है कि आंगनबाड़ी केंद्रों पर रंगोली बनाई जाए और गुब्बारों से आकर्षक बनाते हुए अभिभावकों को भी प्रेरित किया जाए।
रामपुर जिला कार्यक्रम अधिकारी राजेश कुमार के अनुसार पोषण किट आंगनबाडी कार्यकत्री को उपलब्ध कराया जायेगा तथा आंगनबाडी कार्यकत्री का यह दायित्व होगा कि वह नियमित खुराक के अनुसार उन बच्चों को अपने समक्ष खिलायें तथा परिवार को बच्चे की नियमित बेहतर देखभाल हेतु आवश्यक पोषण हस्तक्षेप के साथ प्रेरित करें। मासिक रूप से वजन लम्बाई में हुयी वृद्धि का आंकलन कर प्रगति रिपोर्ट क्षेत्रीय मुख्य सेविका के माध्यम से बाल विकास परियोजना अधिकारी को उपलब्ध करायें। बाल विकास परियोजना अधिकारी द्वारा उक्त रिपोर्ट जिला कार्यक्रम अधिकारी से साझा की जायेगी।
किसी भी स्तर पर समस्या व सुझाव हेतु जनपद स्तर पर संचालित पोषण वार रूम (0595-2355207) खोला गया है। जिला कार्यक्रम अधिकारी राजेश कुमार के अनुसार इन बच्चों की सतत् निगरानी की जायेगी तथा ग्राम में आयोजित ग्रामीण स्वास्थ्य एवं स्वच्छता एवं पोषण दिवस पर अनिवार्य रूप से इन बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा किया जायेगा। चिन्हित बच्चों में किसी प्रकार की जटिलता पाये जाने पर तत्काल स्वास्थ्य विभाग को सूचित किया जायेगा तथा पोषण पुनर्वास केन्द्र में भर्ती कराया जायेगा। विद्यालयों से नामित बाल सखा के द्वारा रोस्टर अनुसार परिवारों का भ्रमण कर आवश्यक परामर्श सहयोग प्रदान किया जायेगा।
अतिकुपोषण के दायरे में आ चुके दो हजार से ज्यादा बच्चों को कुपोषण के दायरे से बाहर निकालने के लिए उन तक पोषण किट सीधे पहुंचाई जाएंगी। पोषण किट का वितरण जल्द ही शुरू करने की तैयारी की जा रही है। इन पर निगरानी रखने के लिए भी प्रशासन ने अपने स्तर से कवायद तेज कर दी है। महिला एवं बाल कल्याण विभाग द्वारा संभव अभियान के तहत कराए गए सर्वे में 2168 गम्भीर अतिकुपोषित बच्चे चिन्हित किये गये हैं। इन बच्चों को कुपोषण की श्रेणी से बाहर लाने के लिए तैयारियां शुरूकर दी गई हैं। कुपोषण उन्मूलन हेतु जनपद स्तर पर सुपोषित रामपुर- एक पहल अभियान का संचालन आरम्भ किया गया है तथा इस हेतु कन्सेप्ट नोट भी तैयार किया गया है, जिसमें किशोरी बालिका, गर्भवती, धात्री माता एवं कुपोषित बच्चों के पोषण प्रबन्धन हेतु कार्य योजना तैयार की गयी है। जिसके अनुसार कार्य किया जाना है। इसी संदर्भ में जनपद में चिन्हित गम्भीर अतिकुपोषित बच्चों हेतु दैनिक आहार के साथ-साथ अतिरिक्त आहार के रूप में कृषक उत्पादक संगठन के माध्यम से तैयार पोषण किट उपलब्ध कराने का निर्णय लिया गया। उक्त पोषण किट से न सिर्फ इन चिन्हित बच्चों को आवश्यक पोषक तत्वों की पूर्ति होगी बल्कि शीघ्र ही कुपोषण की जद से निकालने में मदद मिलेगी।पोषण किट की व्यवस्था जिला कार्यक्रम अधिकारी द्वारा कृषक उत्पादन संगठन के माध्यम से करायी जायेगी। एफपीओ द्वारा ग्राम पंचायतवार चिन्हित सैम बच्चों के विवरण के अनुसार किट उपलब्ध करायी जायेगी। किट की प्राप्ति आंगनबाडी कार्यकत्री एवं ग्राम प्रधान द्वारा संयुक्त रूप से की जायेगी। इस विषय पर विस्तृत जानकारी एवं कार्य करने के सम्बन्ध में पूर्व में ग्राम प्रधानों हेतु आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला में भी दी जा चुकी है।
फर्रुखाबाद आंगनबाड़ी कार्यकर्त्री, मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्त्री और सहायिका की नौकरी पाने को आवेदन करने वालों की होड़ मची है। अभी तक विभाग को करीब तीन हजार आवेदन मिल चुके हैं। भर्ती प्रक्रिया में सर्वाधिक आवेदन ग्रामीण क्षेत्रों से आ रहे हैं। अब जबकि आवेदन की अंतिम तारीख नजदीक आ रही है तो आवेदन की संख्या में भी बढ़ोत्तरी हो रही है।
आंगनबाड़ी भर्ती प्रक्रिया में सर्वाधिक पद ग्रामीण क्षेत्रों में रिक्त हैं। मोम्मदाबाद परियोजना में 116, बढ़पुर में 81 और नवाबगंज में 82 पद रिक्त हैं। इसके अलावा अन्य परियोजनाओं में भी पद रिक्त हैं। आंगनबाड़ी भर्ती लंबे समय बाद हो रही हे। इस कारण लंबे समय से प्रतीक्षा कर रहीं महिलाओं में आवेदन करने की होड़ मची है। कार्यकर्त्री की भर्ती में लोग जुगाड़बाजी के भी रास्ते तलाश रहे हैं। विभागीय लोगों के अलावा सत्तारुढ़ दल के लोगों से संपर्क साधा जा रहा है। किसी न किसी तरीेके से चयन हो सके। आनलाइन आवेदन के बाद चयन प्रकिय्रा के लिए बकायदा समिति बनाई गई है। इस प्रक्रिया में विधवा , तलाकशुदा को सबसे पहली प्राथमिकता रहेगी। गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन करने वाली महिलाओं को भी वरीयता दी जाएगी। विधवा और तलाकशुदा महिलाओं को वरीयता दिए जाने के बाद भी बड़ी संख्या में शादीशुदा और गैर शादीशुदा महिलाएं और युवतियां भी आवेदन कर रही हैं। आंगनबाड़ी भर्ती को आवेदन करने की अंतिम तारीख चार अक्तूबर थी इसके बाद शासन के निर्देशों के अनुसार भर्ती की प्रक्रिया पूर्ण की जाएगी