आगामी लोक सभा चुनाव के लिए संविदा कर्मियों का मांगा डाटा,बीएलओ मानदेय आदेश
आंगनवाड़ी न्यूज
उत्तरप्रदेश : आगामी लोकसभा चुनावों को देखते हुए निर्वाचन विभाग द्वारा प्रदेश के सरकारी कर्मियों के साथ साथ संविदा कर्मियों की ड्यूटी चुनावी कार्यों मे लगाई जाएगी।
अवगत हो कि पूरे देश में लोकसभा के चुनाव होने वाले है। इसके लिए निर्वाचन आयोग अपनी तैयारी में जुट गया है जिसके कारण प्रदेश मे सरकारी कर्मियों की कमी की वजह से जिला प्रशासन से आवश्यक कर्मियों का डाटा मांगा जा रहा है।
प्रदेश के मुख्य निर्वाचन आयोग द्वारा सभी जिलों के निर्वाचन अधिकारी को निर्देश दिए गए है कि अपने अपने जिले मे चुनावी ड्यूटी मे लगाए जाने वाले कर्मियों का डाटा पोर्टल पर फीड किया जाए। लेकिन जिलों में सरकारी कर्मियों की कमी को देखते हुए प्रदेश में संविदा पर कार्यरत कर्मियों को चुनावी ड्यूटी पर लगाया जाएगा।
इससे पूर्व भी प्रदेश के लोकसभा,विधानसभा या नगर निकायों के चुनावी कार्यों में संविदा कर्मियों को ड्यूटी पर लगाया जाता रहा है। जिसमे आंगनवाड़ी वर्कर,रोजगार सेवक,शिक्षा मित्रों समेत अन्य संविदा कर्मी बीएलओ जैसे पदो पर कार्य करते रहे है।
मुख्य निर्वाचन आयोग द्वारा जारी आदेश
इसको ध्यान में रखते हुए मुख्य निर्वाचन आयोग द्वारा जिलों से इन आंगनवाड़ी वर्कर,शिक्षा मित्र ,अनुदेशक और रोजगार सेवकों का डाटा मांगा जा रहा है साथ ही जिले में कितने सरकारी कर्मी है या कितने कर्मियों की आवश्यकता होगी को पोर्टल पर फीड किया जाना है।
जानकारी के लिए बता दे चुनावी बूथों या बीएलओ सर्वे, वोटर लिस्ट को बनाने का कार्य बूथ लेबल ऑफिसर (बीएलओ) का होता है। चुनाव आयोग द्वारा जिले के सरकारी कर्मी,या संविदा कर्मियों को नियुक्त किया जाता है
बीएलओ पद पर नियुक्त किए जाने वाले कर्मियों को वेतन के नाम पर वार्षिक मानदेय दिया जाता है जोकि उसकी सैलरी के अतिरिक्त दिया जाता है जिस विभाग में उस कर्मी की नियुक्ति होती है
इन बीएलओ को वार्षिक मानदेय बहुत ही कम दिया जाता है। अंतिम बार भारत चुनाव आयोग द्वारा इन बीएलओ के मानदेय मे बढ़ोत्तरी की गई थी। जिसमे बीएलओ का वार्षिक मानदेय 12 हजार और बीएलओ पर्यवेक्षक को 24 हजार रुपए दिया जा रहा है।