एक आंगनवाडी भवन बनाने मे कितना खर्चा, कितनी जमीन ?
प्रदेश मे नए आंगनवाड़ी भवन का निर्माण तीन विभागो की मंजूरी के बाद कराया जाता है शासन द्वारा तीनों विभागो को भवन निर्माण के लिए बजट जारी किया जाता है जिसमे पंचायती राज विभाग,मनरेगा विभाग और बाल विकास विभाग के आपसी सामंजस्य द्वारा इन आंगनवाड़ी भवनों का निर्माण किया जाता है।
अब से पूर्व पंचायती राज विभाग द्वारा दो लाख,मनरेगा विभाग द्वारा पांच लाख और बाल विकास विभाग द्वारा दो लाख रुपए का अंशदान दिया जाता है लेकिन अब नए आदेशानुसार मनरेगा विभाग की अंशदान राशि पांच लाख से बढ़ाकर आठ लाख कर दी गई है अब एक आंगनवाड़ी केंद्र के निर्माण के लिए सरकार पर लगभग 12 लाख का खर्च आयेगा
आंगनवाड़ी भवन निर्माण में बढ़ाए गए बजट का आदेश देखने के लिए क्लिक करे
आंगनबाड़ी केन्द्रों में मूलभूत अवस्थापना सुविधाओं की सूची
- 1. सुरक्षित एवं स्वच्छ पेयजल
- 2. ओवरहेड टैंक के साथ नल-जल की व्यवस्था
- 3. शौचालयों एवं मूत्रालयों में नल-जल आपूर्ति
- 4. क्रियाशील बाल मैट्रिक शौचालय
- 5. क्रियाशील महिला शौचालय
- 6. क्रियाशील बाल मैत्रिक मूत्रालय
- 7. शौचालय एवं मूत्रालयों में टाइलीकरण
- 8. मल्टीपल हैंडवाशिंग यूनिट
- 9.आँगनबाड़ी केन्द्र की फर्श का टाइलीकरण
- 10. एलियन मैट्रिक शौचालय
- 11 कक्षा-कक्ष में ब्लैक-बोर्ड/ग्रीन-बोर्ड
- 12. आँगनबाड़ी केन्द्र भवन में रंगाई-पुताई एवं बाला चित्रकारी
- 13. रेलिंग युक्त रैंप
- 14. विद्युत संयोजन एवं विद्युत आपूर्ति (बाहा विद्युतीकरण)
- 15. विद्युत सुरक्षित वायरिंग के साथ लाइट एवं पंखे
- 16. फर्नीचर (लो लाइंग डेस्क और बेंच)
- 17. गेट के साथ बाउंड्री वाल
- 18. रसोई घर में सिंक के साथ नल-जल
आंगनबाड़ी भवन निर्माण
कार्यदायी संस्था का निर्धारण : जनपद के जिलाधिकारी द्वारा नामित संस्था
स्थल चयन :
- प्राथमिक स्कूल परिसर में भूमि उपलब्धता को प्राथमिकता।
- अनुपलब्धता की स्थिति में ऐसे स्थल का चयन जहां बच्चे आसानी से आ सके।
- कुल क्षेत्रफल = 60.28 वर्गमीटर
लागत :
- 8 लाख की सीमा तक मनरेगा से
- 2 लाख की धनराशि पंचायती राज विभाग या 14वें वित्त आयोग के दिशा निर्देशानुसार
- 2 लाख की धनराशि आई.सी.डी.एस. द्वारा (सेन्टेज चार्ज सहित)
क्षेत्रफल एवं डिजायन :
- क्लासरूम / मल्टीपरपज हॉल ….. 5 x 5.90 वर्गमीटर
- स्टोर ……. 2.25 x 1.50 वर्गमीटर
- किचन …… 2.25 x 2.70 वर्गमीटर
- टॉयलेट (चिल्ड्रेन) ….. 1.20 x 1.255 वर्गमीटर
- बरामदा ….. 2.57 x 1.50 वर्गमीटर
- रैम्प एवं रैलिंग …. 7 x 1.50 वर्गमीटर
- कुल क्षेत्रफल …. 60.28 वर्गमीटर
व्यय मानक :
- भवन संरचना…….7.91 लाख
- सैनेटरी………1.746 लाख
- विद्युतीकरण (अंतरिक)……0.278 लाख
- विद्युतीकरण (वाह्य)…..0.10 लाख
- जी.एस.टी. (18%)……1.80 लाख
- कुल खर्चा …..11.84 लाख
ऑपरेशन कायाकल्प
- 1. पंचायत/सामुदायिक भवन में संचालित आंगनबाडी केन्द्रों में विद्युतीकण का कार्य पंचायती राज विभाग द्वारा ।
- 2. विद्युत बिल का भुगतान ग्राम पंचायत द्वारा चौदवें वित्त आयोग के अन्तर्गत ग्रामनिधि से ।
- 3. पंचायत/सामुदायिक भवन में संचालित आंगनबाडी केन्द्रों पर चाइल्ड फेडली टॉयलेट का निर्माण पंचायती राज से ।
- 4. पंचायत/सामुदायिक भवन में संचालित आंगनबाडी केन्द्रों पर नये हैण्ड पम्प की स्थापना विधायक/सांसद निधि से तथा अन्य हैण्डपम्पों के रिवोर एवं मरम्मत की कार्यवाही पंचायती राज विभाग से।
- 5. प्राथमिक विद्यालय परिसर में संचालित आंगनबाडी केन्द्रों में स्थापित निष्क्रिय हैण्ड पम्पों का पंचायती राज विभाग द्वारा रिवोर एवं मरम्मत ।
- 6. पंचायती राज विभाग द्वारा आंगनबाडी केन्द्रों की मरम्मत एवं टाइल्स का कार्य ।
- 7. प्राथमिक विद्यालय में संचालित आंगनबाडी केन्द्रों पर विद्युत व्यवस्था उपलब्ध न होने की दशा में ऊर्जा विभाग द्वारा केन्द्रों पर कनेक्शन तथा इस पर होने वाले व्यय भार का भुगतान आपरेशन कायाकल्प से ।
- 8. विद्युतीकरण के उपरान्त विद्युत बिल का भुगतान ग्रामनिधि से ग्राम प्रधान द्वारा ।
- 9. प्राथमिक विद्यालय में संचालित आंगनबाडी केन्द्रों पर शौचालय उपलब्ध न होने पर चाइल्ड फेडली टायलेट का निर्माण तथा पेयजल हेतु नये हैण्डपम्प की स्थापना विधायक/सांसद निधि तथा पुराने हैण्डपम्प की मरम्मत/रिवोर पंचायती राज से।
बेबी फ्रेण्डली स्वच्छता सुविधाओं का निमार्ण एवं रख-रखाव
1- शौचालय में बेबी फ्रेन्डली पैन का प्रयोग होना चाहिए, ताकि 6 वर्ष के कम आयु के बच्चों को इसके प्रयोग में असुविधा न हों।
2- शौचालय के अन्दर व बाहर बच्चों को आकर्षित करने हेतु जानवरों व फलों आदि का चित्रण किया जाये तथा शौचालय को रंगाई-पुताई के साथ आकर्षक बनाया जाये।
3- पैन की बगल की दीवाल पर हैण्डिल लगा होना चाहिए, जिससे यदि बच्चे को डर लगे तो उसे वह पकड़ कर बैठ सकें।
4- शौचालय में प्रवेश की सीढ़ी छोटी हो ।
5- दरवाजे में ऊपर व नीचे दोनों तरफ जाली लगी हो ताकि छोटा बच्चा पैन पर बैठकर बाहर देख सकें, इससे उस पर भय नही होगा। इसी प्रकार की जाली/खिडकी बगल की दोनों दीवारों पर भी नीचे बनायी जाये। शौचालय में अंधेरा कदापि नही होना चाहिए। शौचालय के दरवाजों में कुण्डी इस प्रकार लगी हो कि आवश्यकता पड़ने पर उसे बाहर से हाथ डालकर भी खोला जा सकें।
6- वाशबेसिन की ऊँचाई इतनी हो कि बच्चा उस तक आसानी से पहुंच सकें तथा नल की टोटी भी इस प्रकार की हो कि उसे बच्चा सुगमता पूर्वक प्रयोग कर सकें।
7- शौचालयों में फर्श पर तथा दीवाल पर 2 फीट तक टाइल्स लगे हों तथा फोर्स लिफ्ट पम्प से रनिंग वाटर सप्लाई की व्यवस्था हो। नल के साथ मग की भी व्यवस्था हों।