एक आंगनवाड़ी को मिल सकता है कई केंद्रों का चार्ज
जैसा कि आप सभी जानते है यूपी सरकार 2012 के शासनादेश का हवाला देते हुए बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग में कार्यरत अलग अलग जिलो से बहुत बड़ी संख्या में आंगनवाड़ी वर्करों को पदमुक्त किया जा रहा है आंगनवाड़ी वर्करो की वर्तमान दयनीय स्थिति किसी से छुपी नही है हो सकता है कि ये अपवाद हो इन वर्करो में कुछ वर्करो की पारिवारिक स्थिति सम्पन्न है लेकिन अधिकांश आंगनवाड़ी वर्कर तलाक शुदा,विधवा भी है जिनके बारे में सोचना ही अपने आप मे बहुत बड़ी है आप अंदाजा नही लगा सकते कि इनके जीवन यापन की स्थिति क्या होगी जो आंगनवाड़ी मात्र 5500 रुपए के लिए हर माह बहुत बेसब्री से इंतजार करती है और अगर वही मानदेय मिलना बंद हो जाये तो इन पर क्या गुजरेगी सरकार अपनी योजनाओं में विधवा पेंशन व अन्य योजनाओं में बजट जारी करती है लेकिन इन आंगनवाड़ी के भविष्य को हमेशा अंधकार में ही रखा सरकार ने कभी आंगनवाड़ी के वृद्धावस्था को कभी संज्ञान में ही नही लिया कि अगर इनको पदमुक्त कर दिया तो इनके जीवन यापन का क्या होगा
चूंकि कुछ समाजसेवी और संगठन आंगनवाड़ी वर्करो की स्थिति को देखते हुए कोर्ट में याचिका दायर कर चुके है या जल्द ही दायर कर देंगे लेकिन ये एक बहुत बड़ी दूर की कौड़ी होगी और कोर्ट से राहत मिलने में भी समय लग सकता है
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अब बात करते है कि जब आंगनवाड़ी केंद्रों पर आंगनवाड़ी वर्कर ही नही होंगे तो यूपी सरकार का पोषण माह का लक्ष्य कैसे पूरा होगा दो दिन पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने ऑनलाइन कॉन्फ्रेंस द्वारा पोषण अभियान को सफल बनाने की अपील की लेकिन उन्होंने इस और ध्यान नही दिया कि जब आंगनवाड़ी केंद्रों पर वर्कर ही नही होंगे तो ये अभियान सफल कैसे होगा और न ही उन्होंने आंगनवाड़ी की समस्याओं पर कोई शब्द व्यक्त किये ये आंगनवाड़ी वर्करो के लिए भी बहुत बड़ी चिंताजनक विषय है
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जो आंगनवाड़ी 62 वर्ष पूर्ण नही किये हो उन आंगनवाड़ी वर्करो के लिए आने वाले समय बहुत चिंताजनक हो सकते है क्योंकि अब डीपीओ और सीडीपीओ पर सरकार की पोषण अभियान योजना का लक्ष्य पूर्ण करने की जिम्मेदारी होगी और इसके लिए अब अधिकारी प्रत्येक आंगनवाड़ी पर दो से तीन केंद्रों की जिम्मेदारी देने की तैयारी में है और अब आंगनवाड़ी वर्करो को पहले से ज्यादा कठिन समय से गुजरना होगा
कल एक डीपीओ ने अपने बयान में कहा है कि अभी सरकार आंगनवाड़ी पदों पर भर्ती करने की स्थिति में नही है ऐसे में सेवा विस्तार पर विचार किया जा सकता है अन्यथा स्थिति और भी भयावह हो सकती है