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कोर्ट का जवाब न देने पर जिला कार्यक्रम अधिकारी का आदेश रद्द,आंगनवाड़ी की हुई बहाली

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सिद्धार्थ नगर के भनवापुर ब्लॉक सभागार में अपनी समस्याओं को लेकर आंगनबाड़ी कर्मचारी एवं सहायिका एसोसिएशन ने शुक्रवार को ब्लॉक अध्यक्ष कामिनी सिंह की अध्यक्षता में बैठक की। प्रदेश महामंत्री प्रभावती देवी ने कहा कि अगर शीघ्र ही प्रधानों, समूहों व ब्लॉककर्मियों की मनमानी बंद नहीं हुई तो आरपार की लड़ाई होगी।आंगनबाड़ी कर्मचारी एवं सहायिका एसोसिएशन की महामंत्री प्रभावती देवी ने कहा कि समूह व प्रधान की ओर से मनमानी तरीके से आंगनबाड़ी को मिलने वाले दाल, तेल, गेहूं, चावल आदि सामग्री न प्राप्त कराकर गबन करने की शिकायतें आ रही हैं।
प्रदेश महामंत्री प्रभावती देवी ने कहा है कि क्षेत्र के जहदा मुस्तहकम, सिरसिया, असनहरा, मल्हवार, महनुआ खास,भरवठिया मुस्तहकम आदि गांवों में अगर राशन सामग्री देने में समूह, प्रधान या ब्लॉक कर्मी मनमानी बंद नहीं करेंगे तो संगठन आरपार की लड़ाई लड़ने को बाध्य होगा। जिसकी समस्त जिम्मेदारी जिला प्रशासन की होगी

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कोर्ट का जवाब न देने पर जिला कार्यक्रम अधिकारी का आदेश रद्द,आंगनवाड़ी की हुई बहाली

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जनपद बिजनोर की आंगनवाड़ी शहाना परवीन बर्खास्तगी मामले की सुनवाई करते हुए कहा है कि कानूनी प्रक्रिया का पालन किए बगैर बर्खास्तगी की कार्रवाई अवैध है। कोर्ट ने कहा कि चार्जशीट का दो दिन में जवाब देने का अवसर देना और जांच रिपोर्ट पर सुनवाई का मौका न देना पर्याप्त नहीं है। बर्खास्त करने से पहले सुनवाई का मौका देना जरूरी है। कोर्ट ने जिला कार्यक्रम अधिकारी बिजनौर के आंगनवाड़ी शाहन परवीन को बर्खास्त करने के आदेश को रद्द कर दिया है और सभी परिलाभों सहित सेवा बहाली का निर्देश दिया है। कोर्ट ने सरकार को नियमानुसार नए सिरे से आदेश देने की छूट दी है। यह आदेश न्यायमूर्ति सरल श्रीवास्तव ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ता शहाना परवीन की याचिका पर दिया है। याचिका पर अधिवक्ता अजीत कुमार सिंह ने बहस की। कोर्ट ने कहा कि सरकार को याचिका का जवाब देने के लिए कई बार अवसर व अंतिम अवसर के बाद भी जवाब दाखिल नहीं किया गया। याचिका के कथनों को सही मानते हुए फैसला किया गया है। आंगनवाड़ी याची के अधिवक्ता का कहना था कि वह 1 जुलाई 83 से संविदा पर लगातार कार्यरत है। एक व्यक्ति को पुष्टाहार बेचने का आरोप लगाया गया, दो सदस्यीय समिति ने इस मामले की जांच करते हुए आरोप सिद्ध करार दिया गया और सेवा समाप्ति की संस्तुति की गई थी लेकिन अब कोर्ट का आदेश आने पर आंगनवाड़ी शहाना परवीन की बहाली की जायेगी

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यह आदेश न्यायमूर्ति सरल श्रीवास्तव ने आंगनबाड़ी कार्यकत्री शहान परबीन की याचिका पर दिया कि उनकी नियुक्ति नहीं हो सकती जबकि अभी भी बहुत से पद खाली हैं। उन्हें सामान्य वर्ग की अंतिम चयनित महिला अभ्यर्थी के अंक से अधिक अंक मिले हैं। इसलिए उन्होंने आरक्षण मांगा था। कोर्ट ने कहा कट आफ मेरिट अंक से अधिक अंक पाने वाले अभ्यर्थी को नियुक्ति देने से इन्कार नहीं किया जा सकता। सरकार का कहना था कि याचियों को आरक्षण का दोहरा लाभ नहीं मिल सकता। वह पिछड़े वर्ग की महिला कोटे में सफल नहीं हुई, तो सामान्य वर्ग के महिला कोटे की बराबरी की मांग नहीं कर सकती है



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