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7 आंगनवाडी यूनियनों ने संयुक्त मोर्चा बनाकर किया सचिवालय कूच

आंगनवाडी उत्तराखंड न्यूज़

उत्तराखंड में सरकारी कर्मचारी और मानदेय बढ़ाने समेत नौ सूत्रीय मांगों को लेकर आंगनबाड़ी संयुक्त संघर्ष मोर्चा के बैनर तले आंगनबाड़ी वर्करों ने सचिवालय कूच किया। पुलिस ने बैरियर लगाकर सचिवालय से दो सौ मीटर पहले ही रोक लिया। इस दौरान पुलिस-आंगनबाड़ी में नोकझोंक और धक्का-मुक्की भी हुई।

शुक्रवार को आंगनबाड़ी वर्कर परेड ग्राउंड में एकत्रित हुईं। यहां से दोपहर के समय उन्होंने सचिवालय कूच किया। इस दौरान पुलिस ने बैरियर पर रोक लिया। पुलिस और आंगनबाड़ी वर्करों के बीच नोकझोंक हुई। आंगनबाड़ी वर्करों ने आगे बढ़ने का पूरा प्रयास किया। जब पुलिस ने आगे जाने नहीं दिया तो आंगनबाड़ी वर्कर धरने पर बैठ गईं। पुलिस ने उन्हें समझाने का काफी प्रयास किया, मगर वे डटी रहीं। प्रांतीय अध्यक्ष जानकी और दीपा पांडेय ने दावा किया कि मौके पर सीएम के ओएसडी आए और सीएम से वार्ता का लिखित आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि कैबिनेट बैठक से पहले सीएम से वार्ता कराई जाएगी। इसके बाद संघ ने प्रदर्शन खत्म किया। उधर, प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने रूट डायवर्ट किया था।

7 आंगनवाडी यूनियनों ने बनाया संयुक्त मोर्चा

  • सीटू से संबद्ध आंगनबाड़ी कार्यकत्री, सेविका कर्मचारी युनियन
  • एक्टू से संबद्ध उत्तराखंड आंगनबाड़ी कर्मचारी यूनियन
  • आंगनबाड़ी कार्यकत्री, मिनी, सहायिका संयुक्त संगठन
  • उत्तरांचल राज्य आंगनबाड़ी कर्मचारी पंचायत
  • आंगनबाड़ी कार्यकत्री एकता संगठन
  • उत्तराखंड आंगनबाड़ी कार्यकत्री महासंगठन
  • उत्तरांचल राज्य आंगनबाड़ी कर्मचारी संघ

संयुक्त मोर्चा की मुख्य मांगे

आंगनबाडी कार्यकर्ताओं के लिए 21 हजार, सहायिका को 18 हजार रुपये मानदेय बढ़ोतरी की जाए। इसके अलावा महाराष्ट्र की तरह ग्रेच्युटी और ईएसआइसुविधा, सहायिका को पदोन्नति दी जाए, आंगनबाड़ी केंद्रों में तीन से छह वर्ष के बच्चों के लिए प्री प्राइमरी लागू हो। वर्ष 2019 में धरने के दौरान रुका मानदेय दिया जाए। कार्यकर्ताओं को नंदा गौरा कन्या धन का लाभ मिले।

जिलाध्यक्ष ज्योतिका पांडे ने कहा

सरकार बार-बार कहती है, कि हमारे अलग-अलग संगठन है। तो अब हम सब एकजुट होकर अपने हक के लिए लड़ रहे हैं। साढ़े सात हजार रुपये हमें मानदेय दिया जा रहा। जोकि आज के समय में नाकाफी है। अब केवल पांच सौ रुपये वेतन बढ़ोत्तरी की बात सामने आई है, जो हमारा अपमान है। कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य ने आश्वासन दिया था, कि अगली कैबिनेट में हमारा मानदेय बढ़ोत्तरी का प्रस्ताव रखेंगे, लेकिन नहीं रखा गया। आज मुख्यमंत्री के पीआरओ की ओर से अगली कैबिनेट से पहले मुख्यमंत्री से मुलाकात की बात कही गई है। इसमें सभी आंगनबाड़ी संगठनों के दो-दो प्रतिनिधियों से बात करेंगे। अब हमें वार्ता का इंतजार है।

मानदेय बढ़ोतरी, राजकीय कर्मचारी घोषित करने समेत विभिन्न मांगों को लेकर प्रदेश के सभी जिलों से देहरादून पहुंचे आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने सचिवालय कूच किया। काफी देर तक कार्यकर्ताओं व पुलिस के बीच नोकझोंक और धक्कामुक्की हुई। नाराज कार्यकर्ता तकरीबन चार घंटे तक वहीं धरने पर बैठे और मुख्यमंत्री से वार्ता कराने पर अड़े रहे। देर शाम को मुख्यमंत्री के ओएसडी राजेश सेठी ने कैबिनेट से पूर्व मुख्यमंत्री से वार्ता कराने का लिखित रूप में आश्वासन दिया। इधर, कार्यकर्ताओं ने आगामी कैबिनेट में उनकी मांग न
रखे जाने पर एक नवंबर से पूर्ण कार्य बहिष्कार की चेतावनी दी है।

शुक्रवार को आंगनबाड़ी संगठन संयुक्त संघर्ष मोर्चा से जुड़े सात संगठनों के प्रदेशभर से आए आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ता परेड ग्राउंड पहुंचे। दोपहर के बाद यहां से कनक चौक होते हुए सचिवालय कूच किया। हालांकि सचिवालय से पहले ही पुलिस ने सेंट जोसेफ्स स्कूल के पीछे बेरिकेड्स लगाकर पुलिस ने उन्हें रोकने का प्रयास किया, लेकिन कार्यकर्ता आगे बढ़ने लगे। इस दौरान धक्कामुक्की हुई। आंगनबाड़ी कार्यकत्री सेविका कर्मचारी यूनियन की प्रांतीय महामंत्री चित्रकला ने कहा कि पूर्व में सरकार की ओर से शासन और विभागीय स्तर पर लंबित मांगों पर कार्रवाई का भरोसा दिया गया था। लेकिन, कार्रवाई न होने से उन्हें सड़कों पर उतरना पड़ रहा है।

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धक्कामुक्की में बेहोश हुई दो आंगनवाडी कार्यकत्री

पुलिस के साथ धक्कामुक्की में कूच के दौरान उत्तराखंड राज्य आंगनबाड़ी कर्मचारी संघ की महामंत्री सुशीला खत्री, कार्यकर्ता निलिमा व परवीन बेहोश हो गई। अन्य कार्यकर्ताओं की मदद से उन्हें दून मेडिकल कालेज ले जाया गया।

पांच सौ रुपये वेतन बढ़ोत्तरी के सरकार के प्रस्ताव के विरोध में शुक्रवार को सभी आंगनबाड़ी संगठनों नेएकजुट होकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला। बड़ी संख्या में पहुंची आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सचिवालय कूच के लिए बढ़ी तो यहां तैनात पुलिस बल ने बैरिकेडिंग लगाकर रोकने की कोशिश की। इस बीच हुई धक्कामुक्की में दो आंगनबाड़ी कार्यकर्ता बेहोश हो गईं, जबिक एक चोटिल हुई। देर शाम वार्ता के लिए पहुंचे मुख्यमंत्री के पीआरओ से मिले आश्वासन के बाद आंगनबाड़ी कार्यकर्ता शांत हुईं।

आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के सभी संगठनों ने शुक्रवार को एकजुट होकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। भारी संख्या में परेड ग्राउंड में एकत्रित हुई कार्यकर्ताओं ने पहले यहां से नारेबाजी की। ‘हमें हमारा हक चाहिए, नहीं किसी से भीख चाहिए’ कैसी तानाशाही है, हमें सड़क पर लाई है…नारे लगाते हुए कार्यकर्ता सचिवालय कूच के लिए आगे बढ़ीं। यहां तैनात पुलिस बल ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को सचिवालय गेट से पहले ही रोक दिया। इसी बीच आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की पुलिस से धक्कामुक्की व नोकझोंक शुरू हो गई। इस दौरान उत्तराखंड राज्य आंगनबाड़ी कर्मचारी संघ की प्रदेश महामंत्री सुशीला खत्री और हरिद्वार से पहुंची आगंनबाड़ी कार्यकर्ता सुंदरबाला बेहोश हो गईं। वहीं आंगनबाड़ी संयुक्त संघर्ष मोर्चा की जिलाध्यक्ष ज्योतिका पांडे चोटिल हो गईं। उनके हाथ में चोट आई है। सूचना पर देर शाम मुख्यमंत्री के पीआरओ आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं से वार्ता करने पहुंचे। उन्होंने आगामी कैबिनेट से पहले मुख्यमंत्री से वार्ता का आश्वासन दिया है।

मानदेय और सेवा बढ़ोत्तरी को लेकर भोजनमाताओं ने भी किया सरकार के खिलाफ धरना-प्रदर्शन

सेवा को यथावत जारी रखने, मानदेय में बढ़ोतरी समेत विभिन्न मांगों को लेकर भोजनमाताओं ने परेड ग्राउंड से गांधी पार्क तक रैली निकाली। भोजनमाता संगठन से जुड़ी महिलाओं ने सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। उन्होंने परेड ग्राउंड से गांधी पार्क तक जुलूस निकाला। वे परेड ग्राउंड में शुक्रवार को एकत्रित हुईं। यहां से नारे लगाते हुए गांधी पार्क पहुंचीं। इस दौरान सभा में वक्ताओं ने कहा कि सरकार भोजन माताओं की मांगों की अनदेखी कर रही है। शिक्षा मंत्री ने मानदेय पांच हजार करने की घोषणा की थी, मगर प्रस्ताव कैबिनेट में नहीं लाया गया। इस दौरान उन्होंने नायब तहसीलदार सदर सुरेंद्र सिंह के माध्यम से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को मांग पत्र प्रेषित किया। शुक्रवार को उत्तराखंड भोजनमाता संगठन के बैनर तले जिले की भोजनमाताएं परेड ग्राउंड में एकत्रित हुईं। यहां भोजनमाताओं ने मुख्यमंत्री आवाज कूच के लिए हुंकार भरी। पुलिसकर्मियों ने उन्हें समझाया कि कुछ देर पहले काफी संख्या में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने सचिवालय कूच किया। एक साथ दो संगठनों के कूच के कारण शहर की सड़कों पर ट्रैफिक जाम हो जाएगा। इसके बाद भोजनमाताओं ने मुख्यमंत्री आवास कूच रद कर परेड ग्राउंड से गांधी पार्क तक रैली निकाली। संगठन की अध्यक्ष ऊषा देवी ने कहा कि कोरोनाकाल के बाद स्कूलों में मध्याह्न भोजन योजना के तहत भोजन नहीं पकाया जा रहा है। जिसके कारण भोजनमाताओं को अन्य कार्य करना पड़ रहा है। इस मौके पर संगठन की महामंत्री माधुरी तोमर आदि मौजूद रहे।

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