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जिले में ही होगा पुष्टाहार का उत्पादन, बजट जारी के बाद भी नही हो रहे आंगनवाड़ी भवन तैयार

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सुल्तानपुर शासन ने स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को रोजगार से जोड़ने के लिए तहसील स्तर पर बाल पुष्टाहार उत्पादन ईकाई स्थापित करने का निर्णय लिया है। अब गर्भवती महिलाओ व नवजात बच्चों के स्वास्थ्य लिए वितरण होने वाला पुष्टाहार अब जनपद ही तैयार करने का कार्य शुरू किया जायेगा। जनपद के दूबेपुर व बल्दीराय में मशीनों की स्थापना हो चुकी है। मुख्य विकास अधिकारी अतुल वत्स द्वारा दूबेपुर की टीएचआर प्लांट इकाई का निरीक्षण किया गया है ।

राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत गठित समूह की महिलाओं के माध्यम से इन प्लान्ट का संचालन किया जाएगा। टीएचआर प्लान्ट के संचालन के लिए चयनित समूह की महिलाओं को प्रशिक्षण भी दिया जा चुका है। एक पुष्टाहार निर्माण इकाई पर लगभग एक करोड़ रूपए खर्च होने का अनुमान है । यह धनराशि ब्लॉक स्तर पर समूह के संगठन से जुड़ी समूह की महिलाओं की ओर से दी जाएगी।

बल्दीराय के देहली व सदर तहसील के दूबेपुर के पास चयनित स्थल पर मशीन लग चुकी है। बिजली कनेक्शन के लिए विभाग के पास धनराशि भी जमा हो चुकी है लेकिन विधुत सुरक्षा इकाई की ओर से अभी एनओसी नही मिल रही है। जिससे अभी तक बिजली कनेक्शन नहीं हो पाया है। मुख्य विकास अधिकारी ने गुरुवार को दूबेपुर टीएचआर प्लांट का निरीक्षण किया। कहा कि जल्द ही पुष्टाहार निर्माण का काम शुरू हो जाने की योजना पर काम चल रहा है। सीडीओ ने प्लांट में लगी मशीनों का निरीक्षण करने के बाद समूह की महिलाओं से भी जानकारी हासिल की और महिलाओ को आवश्यक दिशा निर्देश भी दिए।

अधिकारियो की लापरवाही चलते आंगनवाडी के बच्चे केन्द्रों से दूर

रायबरेली बाल विकास विभाग के अधिकारियों व अन्य विभागों की शिथिलता के कारण आंगनबाड़ी केंद्र के बच्चो को उनका भवन नहीं मिल पा रहे हैं। विभाग की तरफ से आंगनवाडी भवन बनकर तैयार हो गये है लेकिन इन भवनों में सुविधाए नही दी गयी है आंगनवाडी भवनों की फिनशिंग से लेकर शौचालय व पेयजल की व्यवस्था के सम्बंद में बजट जारी किया जा चूका है लेकिन इसके बाद में आंगनवाडी केन्द्रों में शौचालय व पेयजल की व्यवस्था नही की गयी है इस सम्बन्ध में जिला कार्यक्रम अधिकारी ने सम्बंधित विभागों को पत्र लीख कर कार्य पूरा करने को कहा लेकिन कोई सुनवाई नही हुई है। इस लापरवाही के चलते नौनिहालों को अपनी छत नहीं मिल पा रही है।अब सीडीओ प्रभाष कुमार को सूचित किया है इस बाबत सीडीओ ने पंद्रह मार्च तक सभी विभागों से कार्य पूर्ण कर आंगनवाडी केन्द्रों को तैयार करने के निर्देश दिए है। साथ ही सख्त लफ्जो में कहा है कि अगर तय समय पर काम पूरा नहीं हुुआ तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।

रायबरेली जनपद में वर्ष 2018-19 में ग्राम पंचायत को 90, आरईडी को 25 व खंड विकास अधिकारियों को 11 आंगनबाड़ी केंद्रों के निर्माण की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। लेकिन कुल 126 आंगनबाड केद्रों के सापेक्ष 119 में शौचालय का काम हुआ और 117 केन्द्रों में हैंडपम्प लगे, 113 केन्द्रों में बिजली का कार्य हुआ जबकि सात केंद्रों में शौचालय नहीं बनाए गये अभी तक नौ आंगनवाडी केन्द्रों में हैंडपम्प भी नहीं लगे

वर्ष 2019-20 में ग्राम पंचायत को 91 केंद्रों के निर्माण की जिम्मेदारी मिली थी जिसमें अभी दो लिंटर स्तर पर तो नौ छत स्तर पर रुके हुए है। इसी तरह आरईडी को 15 की जिम्मेदारी मिली थी जिसमें पांच छत स्तर पर रुके हुए हैं।

पीडब्ल्यूडी प्रांतीय खंड को 11 की जिम्मेदारी मिली थी जो पूर्ण हो गए हैं। प्रथम खंड को नौ की जिम्मेदारी मिली थी जिसमें तीन छत स्तर पर, खंड दो को नौ की जिम्मेदारी मिली थी जिसमें सात छत स्तर पर रुके हुए हैं। जिनके भवन बन गए हैं उनमें 58 में शौचालय, 36 हैंडपम्प, 61 में आंतरिक व 104 में वाह्य विद्युतीकरण का कार्य नही हुआ हैं। जबकि योजना के तहत भवन निर्माण के लिए मनरेगा से 4.46 लाख, पेयजल व शौचालय के लिए पंचायत राज विभाग की ओर से 1.06 लाख, फिनीशिंग, फ्लारिंग, बुडवर्क, इलेक्ट्रीफिकेशन के लिए बाल विकास विभाग की ओर से दो लाख रुपये दिए गए हैं। यह धनराशि मार्च 2020 से पहले ही दी जा चुकी है। इसके बाद भी इन कामों को पूरा नहीं कराया गया है।

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