बरेली उत्तरप्रदेश पोषण मिशन द्वारा प्रदेश के सभी जिले मे कुपोषण के संबंध मे रेटिंग जारी कर दी गयी है जिसमे बरेली की पोषण मिशन को लागू करने में 40वीं रैंक आई है। जिसकी वजह से कुपोषण खत्म करने की मुहीम को करारा झटका लगा है । गर्मी के बढ़ते प्रकोप के चलते अधिकारियों ने कुपोषित बच्चों की तरफ ध्यान ही नहीं दिया।
मिली जानकारी के अनुसार बरेली में 71375 बच्चों को पोषाहारवितरण ही नहीं हुआ। जनपद के 233970 कुपोषित बच्चों में से सिर्फ 162595 को ही पोषाहार वितरित किया गया है। बरेली के 2857 आंगनबाड़ी केंद्रों पर 321991 बच्चे पंजीकृत हैं। कुपोषित बच्चों की सेहत को सुधारने के लिए पोषण मिशन के तहत पोषाहार दिया जाता है। ड्राई राशन समेत कई तरह की खाद्य सामग्री दी जाती है। महिला स्वयं सहायता समूह पोषाहार की किट तैयार कर आंगनबाड़ी वर्कर को मुहैया करातीं हैं।आंगनबाड़ी वर्कर कुपोषित बच्चों को पोषाहार का वितरण करतीं हैं। जून में 233978 बच्चों को पोषाहार वितरित करने का लक्ष्य बाल विकास विभाग को दिया गया था। जबकि आंगनबाड़ी वर्कर सिर्फ 162595 को ही पोषाहार वितरित कर सकीं।
डीपीओ कृष्ण चंद्र ने कहा है कि पोषण मिशन को बेहतर ढंग से लागू करने के प्रयास हो रहे हैं। स्थिति में सुधार है। आधार नंबर की वजह से कुछ बच्चों को पोषाहार नहीं वितरित हो सका। कमियों को दूर कराया जा रहा है। -ज्यादा गर्मी में की लापरवाहीज्यादा गर्मी में कुपोषित बच्चों की सरकारी मशीनरी ने खबर ही नहीं ली। उत्तरप्रदेश शासन ने डीपीओ को पोषण मिशन की स्थिति में सुधार करने की हिदायत दी है।
प्रदेश के सबसे फिसड्डी 10 जिले
मैनपुरी, सुल्तानपुर, सिद्धार्थ नगर, श्रावस्ती, प्रतापगढ़, संत कबीरनगर, मथुरा, जालौन, झांसी और बाराबंकी को शासन ने रेड कैटेगरी में रखा है। यहां पोषण मिशन मिशन की सबसे खराब स्थिति है। जिसकी वजह से इन जिलो को रेड कैटेगरी में रखा है।
प्रदेश के टॉप 10 जिले
उन्नाव ने प्रदेश ने पोषण मिशन को लागू करने में पहला स्थान हासिल किया है। ग्रीन कैटेगिरी वाले टॉप 10 जिले कुपोषण को दूर करने में उन्नाव, कानपुर नगर, जौनपुर, मेरठ, एटा, देवरिया, रामपुर, अयोध्या, अमरोहा और अलीगढ़ ने बेहतर प्रदर्शन किया है । इन जिलो को शासन ने ग्रीन कैटेगरी में रखा है।