पोषाहार बनाने वाली फर्म ने समूहों का गबन किया फंड, प्लांट हुआ बंद
पोषाहार न्यूज
प्रतापगढ़ जिले मे पुष्टाहार तैयार करने वाले सात टीएचआर प्लांट स्वयं सहायता समूहों का पैसा डकार गए है इन फर्म संचालकों ने खाद्य सामग्री आपूर्ति करने के लिए 150 स्वयं सहायता समूहों से 30-30 हजार रुपये का फंड लिया था। फर्म संचालकों ने छह महीने पहले लिए गए फंड से स्वयं सहायता समूहों को खाद्य सामग्री कीआपूर्ति के नाम पर खानापूर्ति कर दी और बाकी धनराशि ये फर्म संचालक और ग्रामीण आजीविका मिशन के अधिकारी ने आपस मे बंदरबांट कर लिया।
इस मामले मे सीडीओ नवनीत सेहारा ने कहा कि जिले के 150 स्वयं सहायता समूहों का फंड गबन करने कि शिकायत मिली है। फर्म संचालक टीएचआर प्लांट में पुष्टाहार बनाने के लिए किस फर्म से खाद्य सामग्री की आपूर्ति कराई गई है और स्वयं सहायता समूहों से कितना फंड लिया गया है। इसकी जानकारी डीसी एनआरएलएम से कर पूरे प्रकरण की जांच कराई जाएगी।
जिले मे करोड़ों रुपये की लागत से लगाए गए टीएचआर प्लांटों से स्वयं सहायता की महिलाओं को कोई फायदा नहीं मिला है। साथ ही इन प्लांटों में ताला लटकने के कारण पुष्टाहार का उत्पादन नहीं हो रहा है और महिलाए भी बेरोजगार हो चुकी है।
शासन के निर्देश पर कुपोषित और गर्भवती महिलाओं को दिया जाने वाला पुष्टाहार को तैयार करने के लिए जिले में प्रशासन द्वारा जिले में सात टीएचआर प्लांट लगाए गए थे। इन प्लांटों का संचालन करने के लिए 150 स्वयं सहायता समूहों को जोड़ा गया था। इससे इन समूहो की महिलाओ को रोजगार के अवसर प्रदान किए जाने थे।
प्लांट लगाने की शुरुवात मे फर्म संचालको ने सहायता समूहों से फंड लेकर उपकरण खरीदे थे। साथ ही ग्रामीण आजीविका मिशन के अधिकारियों द्वारा प्रत्येक समूह से 30-30 हजार रुपये का फंड पोषाहार खरीदने के लिए लिए थे। लेकिन इन अधिकारियों ने पुष्टाहार बनाने का फंड फर्म संचालकों के खाते में ट्रांसफर कराकर आपस मे ही हड़प लिया। अब ये फर्म संचालक इन समूहो को आधी अधूरा पोषाहार ही आपूर्ति कर रहे है जिसके कारण समूहों से एक वर्ष पहले लिए गए फंड के बाद भी इन टीएचआर प्लांटों में ताला लटक रहा है।