प्रधान व आंगनबाड़ी का संयुक्त खाता न खुलने से हॉट कुक्ड योजना का पैसा लटका
आंगनवाड़ी न्यूज़
बाराबंकी बाल विकास विभाग द्वारा संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रो के बच्चो का कुपोषण दूर करने की सरकार की हॉट कुक्ड योजना को पलीता लगता नजर आ रहा है जिले मे ग्राम प्रधान व आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों का संयुक्त खाता न खुलने से हॉट कुक्ड योजना का पैसा नहीं आएगा। इस स्थिति मे आंगनबाड़ी केंद्रों पर बच्चो को मिलने वाला पका पकाया गर्म भोजन नहीं मिलेगा । आंगनवाड़ी केंद्रों पर बच्चों को सूखा राशन और बिस्कुट का वितरण किया जा रहा है। वर्षो पहले आई खेल सामग्री कई केंद्रों पर गायब हो चुकी है। जिस कारण इन सब असुविधाओं के चलते आंगनबाड़ी केंद्रों पर बच्चों की संख्या लगातार घटती जा रही है।
जिले के विकास खण्ड निन्दूरा क्षेत्र के ग्राम पंचायत बसारा गांव के बाहर तालाब के किनारे बने आंगनबाड़ी केंद्र पर 30 बच्चे पंजीकृत हैं। इस केंद्र पर कार्यरत आंगनबाड़ी कार्यकत्री उजमा खातून तीन महीने पहले रेतयार हो चुकी हैं। अब इस केंद्र की सहायिका द्वारा ओपचारिकता के लिए केंद्र खोला जाता है विभाग द्वारा इस केंद्र का दो वर्ष पूर्व निर्माण हुआ था तब से इस आंगनबाड़ी केंद्र पर ना तो मिट्टी की पटाई नहीं हुई है ना ही अब तक बाउंड्री वाल कराई गई है। इस कारण बच्चों के अभिभावक केंद्र पर भेजने से डरते हैं। साथ ही इस केंद्र पर जाने का कोई रास्ता भी नहीं है। जिसके कारण बच्चे भी इस केंद्र पर कम संख्या मे पहुंच रहे हैं हाट कुक योजना बंद होने से रतनपुर मे बने आँगनवाड़ी केंद्र पर बच्चे नही आते है । पोषाहार की कमी से बच्चे भी नहीं आते है इस केंद्र पर 35 बच्चे पंजीकृत है लेकिन कभी पांच तो कभी सात बच्चे आते है।
डीपीओ निधि सिंह ने बताया कि अधिकांश केंद्रों पर भोजन बन रहा है। जहां पर कार्यकत्रियों व प्रधान का खाता नहीं चल रहा है उसे सही कराने के निर्देश दिए गए हैं।
बस्ती जनपद में बाल विकास विभाग द्वारा संचालित किए जा रहे 50 जर्जर आंगनबाड़ी केन्द्र के भवनों का कायाकल्प कराया जाएगा। डीएम प्रियंका निरंजन ने विभाग से इन जर्जर भवन की सूची उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। इन भवनो के कायाकल्प मे लगभग एक करोड़ रुपए की लागत आएगी
कलक्ट्रेट सभागार में डीएम ने पोषण समिति की बैठक में कहा कि जर्जर हो चुके प्रत्येक भवन की मरम्मत के लिए बाल दो-दो लाख रुपए खर्च किये जाएंगे। जिला अधिकारी ने डीपीओ को निर्देश दिये है कि राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित गांव के जर्जर आंगनवाड़ी भवनों को प्राथमिकता पर चयनित कर सूची भेजे। और साथ ही आकांक्षात्मक ब्लॉक के सभी जर्जर भवन का प्रस्ताव भी तैयार करें।
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डीएम ने समीक्षा रिपोर्ट के आधार पर कहा कि जिले मे लगभग दो हजार आंगनबाड़ी केंद्र प्राइमरी भवन में संचालित हो रहे हैं। जबकि 656 केंद्र गैर सरकारी भवन में संचालित किये जा रहे हैं जिसमें से 367 आंगनवाड़ी केंद्र किराये के भवन में संचालित हो रहे हैं। डीएम ने निर्देश दिया कि प्राइमरी स्कूल से बाहर परन्तु किसी सरकारी भवन में संचालित आंगनबाड़ी केंद्र की बाउंड्रीवाल का प्रस्ताव तैयार करें। इसे भी मनरेगा कन्वर्जेंस से बनवाया जाएगा। उन्होंने सीडीपीओ तथा बीडीओ को संयुक्त हस्ताक्षर से प्रस्ताव उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। यह भी निर्देश दिया कि बाहर संचालित हो रहे आंगनबाड़ी केंद्र निकट के विद्यालय में स्थानांतरित करने का प्रस्ताव उपलब्ध कराएं।
डीएम ने आंगनबाड़ी केंद्र के भवनों के निर्माण की समीक्षा करते हुए सभी बीडीओ को निर्देशित किया कि वर्ष 2017-18 एवं 2018-19 के अपूर्ण भवनों को तत्काल पूर्ण कराएं। नोडल अधिकारियों को भी निर्देशित किया कि आंगबाड़ी केन्द्र की जांच में इन भवनों की स्थिति से अवगत कराएं। ग्राम पंचायतों द्वारा बनाए गए आंगनबाड़ी केन्द्र भवन का प्रभार ग्राम पंचायत सचिव प्राप्त करें।