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भाडा बचाने के लिए समूह की महिलाये कार्यालय पर दे रही कार्यकत्री को राशन

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कन्नोज जनपद के छिबरामऊ विकास खंड क्षेत्र में आंगनवाडी केन्द्रों पर वितरण किये जाने वाले राशन का समूह की महिलाये कार्यालय से उठान कर वन्ही कार्यकत्री को दे रही है जबकि शासन के निर्देशानुसार समूह की महिलाओ को राशन आंगनवाडी केंद्र तक पहुचाने की जिम्मेदारी होती है

आजीविका मिशन द्वारा समूह की महिलाओ को राशन वितरण हेतु जनपद के छिबरामऊ विकास खंड क्षेत्र में विभाग द्वारा संचालित 235 आंगनबाड़ी केंद्रों को नौ सेक्टरों में बांटा गया है। आगामी नौ मई को सभी आंगनवाडी केंद्रों में ड्राईराशन का वितरण किया जाना है। इसको लेकर बाल विकास पुष्टाहार विभाग से राशन उठान भी शुरू हो चूका है। नियमानुसार समूह के सदस्य को राशन का उठान करके आंगनबाड़ी केंद्र तक ले जाने की जिम्मेदारी होती है लेकिन वह भाड़ा न मिलने के कारण नहीं ले जाती।चूँकि लाभार्थियों को राशन देने की जिम्मेदारी आंगनवाडी कार्यकत्री की है तो ऐसे में मजबूरन आंगनबाड़ी कार्यकत्री को अपने निजी खर्चे से राशन को ले जाना पड़ता है जबकि आंगनवाडी को इसका भाड़ा नहीं मिलता है। विभागीय अधिकारियो का कहना है कि समूह की महिलाओ को भाडा मिल रहा है हकीकत भी यही है कि भाड़ा स्वयं सहायता समूह के खातों में पहुंच रहा है। इसके बाद भी समूह द्वारा अपने कार्य के प्रति लापरवाही बरती जा रही है।

इस संबंध में सीडीपीओ रमाकांती ने बताया कि गुरूवार को 29 केंद्रों का राशन समूह के सदस्यों को प्रदान किया गया, लेकिन भाड़ा से बचने के लिए समूह के सदस्य मौके पर ही राशन आंगनबाड़ी कार्यकत्री के सुपुर्द कर देती है। वहीं समूह के सदस्यों का कहना है कि उनसे राशन वहीं से आंगनबाड़ी कार्यकत्री ले लेती है और हस्ताक्षर भी करा लेती है। अगर देखा जाए तो आज नही तो कल भाडा समूह के खाते में आ ही जायेगा लेकिन जो आंगनवाडी खुद के भाड़े से राशन का उठान कर रही है उन्हें भाडा न ही विभाग देगा और न ही समूह की महिलाये देंगी

घिलोई खास में संचालित समूह की सदस्य नीलमपिछले कई महीनों से भाड़ा न मिलने की जानकारी को लेकर जब जानकारी करने ब्लॉक पहुंची, तो एडीओ आईएसबी अरविंद कुमार ने बताया कि अक्टूबर 2020 से मार्च 2021 तक जिन समूह के सदस्यों ने केंद्र तक राशन पहुंचाने का काम किया है। उनके खातों में भाड़ा का पैसा पहुंच चुका है। वहीं इसके बाद अब जो समूह यह कार्य कर रहे हैं। उनके भी खाते में लखनऊ से पैसा भेज दिया जाएगा।

चार्ज पर चल रहे आंगनवाडी वर्करो से स्मार्टफोन वापस लिए जा रहे

उरई मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा प्रदेश की आंगनवाडी वर्करो को पोषण ट्रेकर पर फीडिंग व अन्य गतिविधियों को ऑनलाइन फीडिंग करने के लिए स्मार्टफोन उपलब्ध कराये गये थे लेकिन मात्र कुछ ही महीनो बाद कुछ आंगनवाडी वर्करो से ये फोन वापस लिए जा रहे है

जनपद के माधौगढ़ क्षेत्र की आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को हाईटेक बनाने के लिए पिछले दिनों प्रदेश सरकार की ओर से दिए गए स्मार्ट फोन अब उनसे वापस लिए जाने लगे हैं। माधौगढ़ क्षेत्र में चार्ज पर दिए हुए 22 आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों से सुपरवाइजर ने यह कहकर स्मार्ट फोन वापस ले लिए कि अब उच्चाधिकारियों के निर्देश के बाद ही उन्हें स्मार्ट फोन दिए जाएंगे। स्मार्ट फोन न होने से आंगनबाड़ियों की फीडिंग का काम प्रभावित हो रहा हैं। आंगनबाडियों में बच्चों का पूरा राशन का सामान नहीं मिल पा रहा हैं।

माधौगढ़ ब्लाक क्षेत्र में लगभग 155 आंगनबाड़ी केन्द्र आते हैं। जिसमें डिकौली, कुडऊं, कुरसेडा़, बदनपुरा, इस्लामपुर, शहबाजपुर, भंगा, बेनीपुरा, मिझौना, अडाईं, महोबा, अमखेडा़, छतारे का पुरा, सर्र, करमरा, उगरापुर, छुटका की खोड़, मडो़री, इटवा कनार, अकबरपुरा, मचकचा, कुटरा आदि केन्द्रों पर दुसरे क्षेत्र की आंगनवाडी वर्करो को चार्ज दिया हुआ है ।

इन आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों का कहना हैं कि जीरो से तीन व तीन से छह साल के बच्चों की फीडिंग, वजन व लम्बाई, गर्भवती व धात्रियो की फीडिंग की जानी थी। दलिया, चना की दाल ,रिफांइड के साथ साथ कोटेदार के यहां से चावल मिलते हैं। स्मार्ट फोन न होने से फीडिंग न होने से सामान कम मिल रहा हैं।

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