यूपी में सरकार के खिलाफ धरने की तैयारी, आंगनवाड़ी करेंगी आर या पार का एलान
कुछ जिलो में शुरू हुए धरने प्रदर्शन
दो दिन पूर्व जंहा उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने आंगनवाड़ी केंद्रों को सामाजिक व्यवस्था की नींव बताया था ये कोई नई बात नही है इससे पहले भी आंगनवाड़ी को यशोदा मईया जैसे शब्दों से नवाजा था लेकिन योगी जी ने सिर्फ मीडिया और न्यूज़ चैनलों पर ही आंगनवाड़ी को सम्मान दिया है हकीकत कुछ और ही है
इसकी शुरुवात होती है 2017 के चुनाव से पूर्व जब उपमुख्यमंत्री केशव प्रशाद मौर्य ने अपने लेटर पेड़ पर आंगनवाड़ी वर्करो को लिखित में दिया था कि आप हमें जिताओ तो हम आपके मानदेय को सम्मानजनक बढ़ाएंगे व सेवा शर्तों में सुधार करेंगे उसके बाद बीजेपी ने अपने संकल्प पत्र में 120 दिन में कमेटी बनाकर मानदेय और सेवा शर्तों में सुधार का घोषणा पत्र जारी कर दिया इससे आंगनवाड़ी में एक आशा की उम्मीद जागी और सभी ने खुश होकर बीजेपी के पक्ष में मतदान किया उसके बाद 2017 से 2018 तक आते आते न कोई कमेटी बनी और न ही कोई सुधार हुआ फरवरी 2018 में मुख्यमंत्री ने अपने भाषण में 1500 रुपए की प्रोत्साहन राशि की घोषणा की लेकिन साढ़े चार साल बीतने के बाद भी स्थिति जस की तस है आंगनवाड़ी का न कोई मानदेय बढ़ा और न ही किसी समस्याओं का समाधान हुआ अगर कुछ बढ़ा है तो सरकार ने लगभग सभी विभागों का काम आंगनवाड़ी पर थोप दिया है
लेकिन अब आंगनवाड़ी आक्रोशित हो चुकी है और अलग अलग जिलो से बगावत और विरोध की चिंगारी निकल रही है इसी क्रम में पिछले दो दिनों से कई जिलो में धरने प्रदर्शन किए गए है
कासगंज
आंगनबाड़ी कार्यकत्री एवं सहायिका वेलफेयर एशोसिएशन के बैनर तले जिलाध्यक्ष राधारानी के नेतृत्व में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पैदल मार्च करते हुए सदर तहसील पहुंचे। यहां उन्होंने सरकार पर वादा खिलाफी का आरोप लगाते हुए नारेबाजी की। प्रदेश सरकार की वायदा खिलाफी से आक्रोशित आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने गुरुवार को प्रदर्शन किया जिलाध्यक्ष राधारानी ने मुख्यमंत्री के नाम संबोधित सात सूत्रीय मांगों का ज्ञापन सदर तहसीलदार अजय कुमार यादव को सौंपा। जिलाध्यक्ष राधारानी ने कहा कि सरकार द्वारा सात जून 2018 को किये गए समझौते और 21 फरवरी 2019 को सरकार द्वारा की गई घोषणा को लागू किया जाए। कोरोनाकाल में 62 वर्ष की आंगनबाड़ी कर्मचारियों को बिना फंड, पेंशन जबरन रिटायर्ड करने के सरकार के फैसले, राशन वितरण में समूह व डीलर के अनुचित हस्तक्षेप, वर्षों से प्रमोशन लटकाए रखने, नई भर्ती रोकने, बिना मोबाइल नेट प्रशिक्षण के ऑनलाइन पोषण, ट्रैकर एप जबरन डाउनलोड कराने की निंदा की।
गोण्डा
जनपद गोंडा के झंझरी ब्लॉक में गुरुवार को महिला आंगनबाड़ी कर्मचारी संघ के पदाधिकारियों ने ब्लॉक में बैठक कर बाल विकास विभाग के गेट के सामने धरना दिया। धरना प्रदर्शन का नेतृत्व प्रदेश उपाध्यक्ष राजेश दीक्षित, मंडल संरक्षक राजेश कुमार श्रीवास्तव, ब्लॉक अध्यक्ष कमला सिंह, जिला महामंत्री नीरजजायसवाल, आशा सिंह व विजयलक्ष्मी ने किया। उनका आरोप है कि विभाग की ओर से आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों से सुविधा शुल्क की वसूली की जाती है। इसी बात से नाराज आंगनबाड़ी कर्मचारियों ने धरना दिया। संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष ने बताया कि कार्यकत्रियों से परियोजना में मासिक प्रगति रिपोर्ट के जमा करने के नाम पर वसूली की जाती है। उन्होंने कहा कि स्वयं सहायता समूह के द्वारा लाभार्थियों को दिए जाने वाले राशन तेल और दाल में भी कम देने की शिकायत दर्ज कराई गई है। धरने की सूचना मिलते ही मौके पर जिला कार्यक्रम अधिकारी, बाल विकास योजना अधिकारी व मुख्य सेविका धरना स्थल पर पहुंची। संघ की मांगों पर गंभीरता से लेते हुए डीपीओ ने कहा कि अगर कोई अनियमितता पाई जाती है तो उसके विरुद्ध मुकदमा लिखवाकर जेल भेजा जाएगा।
बरेली
आंगनबाड़ी कार्यकत्री एवं साहिका वेलफेयर एसोसिएशन की दर्जनों कार्यकत्रियों ने सेठ दामोदर स्वरूप पार्क में एकत्रित होकर धरना
दिया। मांगों को लेकर पद यात्रा करते हुय आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों ने मुख्यमंत्री के नाम सात सूत्रीय ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा । ज्ञापन देते हुये जिला अध्यक्ष ओंमवती गंगवार ने कहा कि 7 जून 2018 के समझौते व 21 फरवरी 2019 के वादे को पूरा करने व सरकारी कर्मचारी का दर्जा न्यूनतम आय निश्चित करें ,रिटायरमेंट में 10 हजार मासिक पेंशन , सभी लाभारतियों को पर्याप्त राशन व पोषाहार सीधे आंगनबाड़ी केंद्र पर उपलब्ध करना , सभी आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को मोबाइल डाटा व प्रशिक्षण देने आदि जैसे मांगों पर जोर दिया
कानपुर
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता/सहायिका वेलफेयर एसोसिएशन की जिलाध्यक्ष श्रीमती हीरावती जी के नेतृत्व में प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री जी को जिलाधिकारी महोदय के द्वारा ज्ञापन सौंपा गया
कानपुर में बिधनू के परसौली गांव में सेंटर पर एक ग्रामीण ने आंगनबाड़ी कार्यकत्री पर मेज फेंककर मार दी, जिससे उनके पेट में अंदरूनी चोटें आ गई। आरोपित मौके से भाग निकला। पीड़िता ने आरोपित के खिलाफ मारपीट, लोकसेवक के कार्य में बाधा, एससी-एसटी सहित धारा में एफआईआर दर्ज कराई। कार्यकत्री गीता देवी ने पुलिस को बताया कि 20 जुलाई को टीकाकरण चल रहा था। तभी गांव के अखिलेश कुमार सविता उर्फ कल्लू पहुंचा और सबसे आगे खड़े होकर तुरंत वैक्सीन लगवाने की जिद करने लगे। विरोध पर गाली-गलौज करने लगे। इस पर आशा बहु बेबी, सहायिका रामकुमारी, एएनएम शैलजा शुक्ल, संगीता देवी ने विरोध किया तो उसने गुस्से में मेज उठाकर फेंककर मारी, जिससे गीता के पेट में चोटें आई।
राष्ट्रीय अध्यक्ष का एलान
अखिल भारतीय आगनबाड़ी कर्मचारी महासभा की प्रदेश स्तरीय बैठक लखनऊ में आयोजित की गई बैठक में जिले के पदाधिकारियों ने प्रतिभाग किया। बैठक में यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष गुलाब सिंह ने कहा कि जो भी राजनैतिक पार्टी आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को नियमित करने की घोषणा करेगी उसी राजनीतिक पार्टी को आंगनवाड़ी कार्यकत्रिया व उनके परिवारजन अपना मतदान करेंगे
मैनपुरी
जिलाध्यक्ष सरिता शाक्य के नेतृत्व में जिले भर की कार्यकत्रियां कलक्ट्रेट पहुंची। तिकोनिया पार्क में कार्यकत्रियों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। सरिता शाक्य ने कहा कि कार्यकत्रियों को सरकारी कर्मचारी का दर्जा देते हुए कम से कम 21 हज़ार रुपये प्रति माह वेतन दिया जाए। रिटायरमेंट होने पर दस हज़ार रुपये मासिक पेंशन की व्यवस्था की जाए। पर्याप्त राशन सीधे आंगनबाड़ी सेंटर पर पहुंचाया जाए। प्रमोशन व नई भर्ती की प्रक्रिया को तत्काल पूर्ण किया जाए। बिना मोबाइल, डाटा दिए बिना ऑनलाइन फीडिंग न कराई जाए। कोरोना काल में कार्य करने पर अतिरिक्त 12 हजार मासिक जोखिम भत्ता दिया जाए। कार्यकत्रियां तिकोनिया पार्क से नारेबाजी करती हुई डीएम कार्यालय पहुंची जहां सीएम के नाम ज्ञापन दिया और मांगों को पूरा करने की मांग की।
संभल
आंगनबाड़ी कार्यकत्री एवं सहायिका वेलफेयर एसोसिएशन के बैनर तले आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों ने मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन किया। कार्यकत्रियों ने सरकारी कर्मचारी का दर्जा दिए जाने समेत कई मांगें उठाई। मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन एसडीएम को सौंपा गया।
संभल में संगठन से जुड़ी आंगनबाड़ी कार्यकत्री एसडीएम कार्यालय पर पहुंचीं। वहां कार्यकत्रियों ने मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन किया गया। कार्यकत्रियों ने जमकर नारेबाजी की। जिला उपाध्यक्ष संगीता गुप्ता ने कहा कि प्रदेश सरकार ने चुनाव से पहले तथा बाद में आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों से जो वायदे किए थे वह पूरे नहीं हुए। इतनी महंगाई और कोरोना महामारी में वह अपनी तथा परवारि की जान जोखिम में डालकर फ्रंट लाइन वर्कर के रूप में कार्य करने का इनाम बिना पेंशन रिटायरमेंट के रूप में मिला। कहा कि आगामी चुनाव में नोटा का बटन दबाकर सबक सिखाया जाएगा।। कार्यकत्रियों ने मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन एसडीएम को सौंपा। जिसमें एक जून 2018 का समझौता व 21 फरवरी की घोषणा पूरी करने, सरकारी कर्मचारी का दर्जा एवं न्यूनतम 21 हजार रुपए मासिक वेतन दिए जाने, रिटायरमेंट पर दस हजार रुपये पेंशन देने, राशन सीधा आंगनबाड़ी केंद्रों पर भेजने, प्रमोशन व नई भर्ती तत्काल पूरी करने, बिना मोबाइल डाटा दिए ऑनलाइन फीडिंग न कराई जाने, कोरोना के दौरान काम करने पर अतिरिक्त बारह हजार रुपये जोखिम भत्ता दिए जाने की मांग उठाई।
कन्नौज
कन्नौज में आंगनबाड़ी कार्यकत्री एवं सहायिकावेलफेयर एसोसिएशन की जिला अध्यक्ष ममता मिश्रा के नृतत्व में शुक्रवार को आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों ने शहर के बोर्डिंग ग्राउंड से कलक्ट्रेटतक पैदल मार्च निकाला। ममता मिश्रा ने कहा कि सातजून 2018 को समझौते पर सरकार ने अब तक ध्यान नहीं किया। और न ही 21 फरवरी2019 की घोषणा पर अमल नहीं किया है। यूनियन द्वारा प्रदेश सरकारपर वादा खिलाफी का आरोप लगाते हुए 21 हजार रुपए मासिक तनख्वाह देने की मांग की है। मांगों काज्ञापन अतिरिक्त एसडीएम हरीराम को कलक्ट्रेट में दिया गया। मांग में 21 हजार वेतन देने, राशन डीलरोंकी दखल अंदाजी बंद करने व स्वयंसहायता समूह की महिलाओं को हटाने की बात कही गई है। कार्यकत्रियों व सहायिकाओं ने सरकारी कर्मी घोषितकरने की मांग का ज्ञापन भी दिया
अमरोहा
जनपद अमरोहा में आंगनबाड़ी वर्कर और सहायिका वेलफेयर एसोसिएशन द्वारा सरकारी कर्मचारी का दर्जा दिए जाने की मांग को लेकर जोरदार प्रदर्शन किया। कहा कि 21 हजार रुपये मासिक मानदेय और सेवानिवृत्ति पर 10 हजार मासिक पेंशन दी जाए। मुख्यमंत्री योगी अपने वादे को पूरा करें। इन मांगों को लेकर ज्ञापन डीएम को सौंपा गया । संगठन से जुड़ी कार्यकर्ता और सहायिका गुरुवार को कलक्ट्रेट परिसर में एकत्र हुए और जोरदार प्रदर्शन करते हुए नारेबाजी की और कहा कि योगी सरकार 11 फरवरी 2019 को अपना किया वादा निभाओ वरना विधानसभा चुनाव में नोटा का बटन दबाएंगे। इसके अलावा मांग करते हुए कहा कि आंगनबाड़ी केंद्रों में वितरण के लिए राशन सीधे भेजा जाए ताकि बच्चों और गर्भवतियों के राशन वितरण में सहूलियत मिल सके और प्रमोसन की कार्यवाही आगे बढाई जाये
अभी ये जंग खत्म नही हुई है आने वाले माह अगस्त में कई ट्रेड यूनियन द्वारा राज्य में आंगनवाड़ी वर्करो का प्रदर्शन ज्यादा उग्र होने वाला है जिसमे कई यूनियन अपना मांग पत्र व धरने की चेतावनी जारी कर चुकी है व उम्मीद है कि जल्द और भी यूनियन सरकार के खिलाफ मैदान में उतरने वाली है