रिटायर होने वाली आंगनवाड़ी वर्करों को 3 हजार पेंशन
आंगनवाड़ी न्यूज
केंद्र सरकार इसी माह अपना बजट जारी करने वाली है जिसमे सरकारी और निजी क्षेत्र में कार्यरत कर्मचारी अपना अपना भविष्य देख रहे है। उम्मीद जताई जा रही है कि सरकार जल्द आठवें वेतन आयोग का गठन कर सकती है।
अवगत हो कि हर दस वर्ष बाद नए वेतन आयोग का गठन किया जाता है जिसमे केंद्र और राज्य सरकार के नियमित कर्मचारियों को वेतन और पेंशन भोगियों को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद रहती है। चूंकि नया वेतन आयोग 2026 में प्रस्तावित है लेकिन अभी भी सरकार ने आयोग की सिफारिश नही की है।
वही केंद्र सरकार के विभागो द्वारा चलाई जा रही योजनाओं में काम कर रहे मानदेय और संविदा कर्मियों को भी एक बड़ी आस है कि आगामी बजट में इनके मानदेय में बढ़ोत्तरी की बड़ी घोषणा हो सकती है। वित्त मंत्री और ट्रेड यूनियन के बीच हुई वार्ता से अब संकेत नजर आने लगे है।
आगामी बजट सत्र को देखते हुए हिमाचल प्रदेश के कुल्लू में सीटू के बैनर तले आंगनबाड़ी वर्कर एवं हेल्पर यूनियन की वर्करों ने बंजार क्षेत्र में धरना-प्रदर्शन किया है। इसमे आंगनवाड़ी संगठन द्वारा उपमंडलाधिकारी पंकज शर्मा के माध्यम से महिला एवं बाल विकास विभाग की निदेशक को ज्ञापन भेजा गया है।
आंगनवाड़ी संगठन की अध्यक्ष शशि किरण ने निदेशक को भेजे गए ज्ञापन मे आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को ग्रेच्युटी सहित अन्य सुविधाएं लागू करने और आंगनवाड़ी केन्द्रो पर प्री-प्राइमरी कक्षाओं मे बच्चों को पढ़ाने के लिए शत प्रतिशत आंगनवाड़ी वर्करो को ही नियुक्त करने के लिए कहा है। साथ ही आंगनवाड़ी वर्करो से एनटीटी डिप्लोमा की शर्त हटाने की मांग की गई है।
शशि किरण का कहना है कि 45वें भारतीय श्रम सम्मेलन की सिफारिश के अनुसार आंगनबाड़ी वर्करो को नियमित कर्मी घोषित किया जाए साथ ही मिनी आंगनबाड़ी केंद्रों को पूर्ण आंगनबाड़ी का दर्जा दिया जाए। हरियाणा की तर्ज पर मानदेय तथा सेवानिवृत्ति होने पर पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को 3,000 रुपये पेंशन मिलनी चाहिए। मध्य प्रदेश की तरह आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका के मानदेय में प्रति वर्ष 1000 और 500 रुपये की बढ़ोतरी की जानी चाहिए।