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विधानसभा चुनाव के बाद ही होगी आंगनवाडी भर्ती प्रक्रिया

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अमेठी राज्य सरकार के मंत्री सुरेश पासी व सांसद प्रतिनिधि विजय गुप्ता ने बाजार शुकुल के पूरे शुक्लन में अन्न महोत्सव का शुभारंभ किया और 797 गरीब परिवारों को मुफ्त राशन का वितरण किया। इसके बाद 318 आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को प्रोत्साहन पुरस्कार और 11 आंगनवाड़ी केंद्र को नंद घर की चाबी दी गई।

जनपद के अति कुपोषित बच्चों को दुधारू गाय देने के लिए शासन की ओर से निराश्रित गोवंश सहभागिता योजना की शुरूआत की गयी है। इस योजना के तहत अतिकुपोषित बच्चों के परिजनों को दुधारू गाय दी जाएगी। बाल विकास पुष्टाहार विभाग की ओर से आंगनबाड़ी केंद्र संचालित किए जाते है। इन केंद्रों की ओर से अतिकुपोषित बच्चे चयनित किए गए है। परिजनों की सूची पशु विभाग को दे दी गयी है। इन बच्चों के परिवार के सदस्य किसी भी गोआश्रय केंद्र पर जाकर दुधारू गाय को पसंद कर सकते है। वह ब्लाक पर जाकर बीडीओ व पशु चिकित्सक से संपर्क कर बैंक पासबुक, आधार कार्ड देंगे, जिसके बाद उन्हें दुधारू गाय मिल जाएगी। गाय के देखभाल चारा खिलाने के लिए पशु विभाग की ओर से 900 रुपये प्रतिमाह मिलेंगे।

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कुपोषित बच्चो को सिर्फ कागजो पर मिली गाय

गाजीपुर जनपद में मुख्यमंत्री निराश्रित गोवंश सहभागिता योजना का लाभ अतिकुपोषित के परिजनों को नहीं मिल रहा है। यह योजना कागजों में हीं संचालित किया जा रहा है। शासन की ओर से इस योजना का लाभ ज्यादा-ज्यादा से लोगों को देने के लिए निर्देश जारी किया गया था लेकिन विभागीय अधिकारी गंभीर नहीं हैं। जबकि जिले में छह हजार अतिकुपोषित बच्चे हैं।

शासन की ओर से अतिकुपोषित बच्चों के परिजनों को नि:शुल्क गाय देने के लिए गोवंश सहभागिता योजना इसीलिए शुरू की गई थी। कि अतिकुपोषित बच्चों के स्वास्थ्य में जल्द सुधार के लिए गाय का दूध अमृत समान है।और यह पौष्टिकता से भरपूर होता है। कुपोषित बच्चों को नियमित गाय का दूध पिलाने से वह जल्द स्वस्थ हो जाएगा। सहभागिता योजना शुरू करने का उद्देश्य अतिकुपोषित बच्चों के परिजनों को निराश्रय गोवंश केंद्र नि:शुल्क मनपंसद गाय देना है। उसके भरण-पोषण के लिए प्रतिमाह 900 रुपये भी दिये जाने है लेकिन जिले में विभागीय लापरवाही से कई महीने बीतने के बाद भी यह योजना रफ्तार नहीं पकड़ रही है अब तक सिर्फ जमानियां क्षेत्र में एक अतिकुपोषित बच्चे के परिजनों को नि:शुल्क गाय दी गयी है।

विधानसभा चुनाव बाद होगी आंगनवाडी भर्ती प्रक्रिया

लखीमपुर खीरी में आंगनवाडी भर्ती में अभ्यर्थियों द्वारा आवेदन पत्र जमा कराए जाने के बाद चयन प्रक्रिया के दौरान उत्तरप्रदेश शासन ने ईडब्ल्यूएस आरक्षण लागू करने के निर्देश दिए थे, जिससे चयन प्रक्रिया को बीच में ही स्थगित करना पड़ रहा है क्योकि आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं, ऐसे में चयन प्रक्रिया के लिए पर्याप्त समय न होने के कारण विधानसभा चुनाव के बाद चयन प्रक्रिया कराने का निर्णय जिला स्तरीय कमेटी ने लिया है।

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आंगनबाड़ी केंद्रों पर रिक्त कार्यकत्रियो व् सहायिकाओ के पदों पर भर्ती के लिए चल रही चयन प्रक्रिया आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग आरक्षण लागू करने के चलते अभी तक पूर्ण नहीं हो पाई है। विधानसभा चुनाव नजदीक होने के कारण पहले दिसंबर में चयन प्रक्रिया पूरी कराने की बात अधिकारियों ने कही थी, लेकिन अब प्लान बदल दिया गया है विधानसभा चुनाव के बाद नियुक्ति प्रक्रियाहोगी जनपद में कुल 3503 आंगनबाड़ी केंद्र के सापेक्ष 900 से अधिक आंगनबाड़ी के पद रिक्त हैं। आंगनवाडी की कमी की वजह से बच्चों को कुपोषण से निजात दिलाने का कामकाज प्रभावित हो रहा है, जिससे प्रदेश सरकार ने रिक्त पदों पर जनवरी 2021 भर्ती करने के आदेश जारी किये थे। अक्तूबर में आवेदन पत्र जमा कराए गए, जिसके बाद नवंबर में हाईकोर्ट के आदेश पर शासन ने भर्ती प्रक्रिया में 10 प्रतिशत सीटों पर ईडब्ल्यूएस आरक्षण लागू करने के निर्देश दिए थे। इसके बाद से चयन प्रक्रिया को ग्रहण लगा है।

वर्तमान स्थिति को देखते हुए नए सिरे से चयन प्रक्रिया कराने के लिए विज्ञप्ति जारी की जा सकती है। इसलिए विधानसभा चुनाव के बाद आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के पदों पर चयन प्रक्रिया कराने पर अधिकारियों में सहमति बनी है, क्योंकि चुनाव से ठीक पहले जल्दबाजी में चयन प्रक्रिया विवाद की स्थिति उत्पन्न कर सकती है।

आंगनवाडी सीखाएंगी कुपोषित बच्चो की माताओ को पोष्टिक खाना बनाना

बिजनौर जिले की आंगनबाड़ी कार्यकत्री अपने केन्द्रों पर कुपोषित बच्चो की माताओं को एकत्रित करके पौष्टिक खाना बनाना सिखाएंगी ताकि बच्चों से कुपोषण दूर हो सके और बच्चों की मॉ भी स्वस्थ रहें। दिसंबर के आखिरी सप्ताह तक इस पहल पर जिले में काम होगा।जिले में करीब 3380 अति कुपोषित बच्चे , 12573 बच्चे कुपोषित और सामान्य बच्चों की संख्या 262976 है।

जिले के आंगनबाड़ी केन्द्रों पर आंगनबाड़ियों से पौष्टिक खाना बनाना सीखकर माताएं कुपोषण पर रोक लगाकर बच्चों को पौष्टिक खाना बनाकर खिलाएंगी। इससे बच्चों का कुपोषण दूर होगा विभागीय अधिकारियों का दावा है कि बहुत जल्द आंगनबाड़ी कार्यकत्री बच्चों की माताओं को पौष्टिक खाना बनाना सिखाएंगी।

शासन और प्रशासन के प्रयासों के बावजूद भी जिले में बच्चों में कुपोषण पूरी तरह खत्म नहीं हो रहा है, लेकिन अब बच्चों की मां कुपोषण को दूर करेंगी जिले के आंगनबाड़ी केन्द्रों पर आंगनबाड़ी बच्चों की माताओं को पौष्टिक खाना बनाना सिखाएंगी। इसके लिए माताओं को आंगनबाड़ी केन्द्रों पर इकट्ठा किया जाएगा और पोष्टिक खाना बनाने के गुर सिखाए जाएंगे। खाने में क्या क्या डाला जाए ताकि पौष्टिक बने। अधिकांश गरीब परिवारों की महिलाएं पौष्टिक खाना बनाने से अंजान हैं,इसीलिए ये योजना चलायी जा रही है

जिला कार्यक्रम अधिकारी नागेन्द्र मिश्रा ने बताया कि जिले में 2780 आंगनबाड़ी और 3236 आंगनबाड़ी केन्द्र हैं। इन सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों पर बच्चों की माताओं को बुलाकर आंगनबाड़ी पौष्टिक खाना बनाना सिखाएंगी।

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