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श्रम विभाग में पंजीकृत साढ़े दस लाख ई-श्रमिक पोषण भत्ता के लाभ से वंचित,मार्च में आएगी अगली किश्त

आंगनवाडी न्यूज़

उन्नाव सात मार्च से शुरू होने वाले मिशन इंद्रधनुष अभियान में टीकाकरण से छूटे लगभग 15 हजार बच्चों व गर्भवती महिलाओं को शामिल किया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग टीकाकरण से छूटे बच्चों व महिलाओं की सूची तैयार कराने के लिए घर घर सर्वे करा रहा है। इसके लिए बच्चों और गर्भवती महिलाओं की सूची पोर्टल पर अपडेट की जा रही है। अभियान को सफल बनाने के लिए स्वास्थ्य विभाग के अलावा अन्य विभागों से भी सहयोग लिया जा रहा है। आंगनबाड़ी वर्कर व आशा के सहयोग से घर घर सर्वे कर टीकाकरण से बच्चों की सूची तैयार कराई जा रही है। इस अभियान में नियमित टीकाकरण से वंचित बच्चों को शामिल किया गया हैं।

मिशन इंद्रधनुष अभियान में कितनी तरह का टीका लगता है

मिशन इंद्रधनुष अभियान में शून्य से दो साल तक के बच्चों को नौ तरह की बीमारियों से बचाने के लिए बीसीजी, पोलियो, हेपेटाइटस बी, पेंटावेलेंट, एफआईपीवी, आरवीवी, पीसीवी तथा एमआर के टीके लगाए जाएंगे। इस अभियान में नियमित टीकाकरण से वंचित गर्भवती महिलाओं को टीडी 1, टीडी 2 व बूस्टर टीडी के टीके लगाए जाएंगे।

सर्व शिक्षा अभियान में प्रेरणा मिशन का नाम बदल कर हुआ निपुण भारत

गौतमबुद्ध नगर नई शिक्षा नीति के तहत सर्व शिक्षा अभियान के अंतर्गत संचालित प्रेरणा मिशन के नाम को भी बदल कर निपुण भारत कर दिया गया है। इसी को देखते हुए बेसिक शिक्षा विभाग नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को सरकारी स्कूलों में लागू करने में जुट गया है। निपुण भारत में शिक्षको और आंगनवाडी के प्रशिक्षण तेजी से कराये जा रहे है प्रशिक्षण के बाद आंगनबाड़ी केंद्रों को प्राइमरी स्कूलों में परिवर्तित किया जायेगा। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत निपुण भारत में आंगनबाड़ी केंद्रों के बच्चों की कक्षाओं को ‘बाल वाटिका’ का नाम दिया गया है । बाल वाटिका की कक्षाओं के साथ-साथ प्राइमरी स्कूल में कक्षा 1,2 एवं 3 के बच्चो को खेल-के साथ साथ भाषा और गणित की शिक्षा दी जाएगी । जनपद के 107 प्राइमरी जूनियर हाई स्कूलों में आंगनबाड़ी केंद्र स्थापित किये जायेंगे । निपुण भारत योजना के अंर्तगत बाल वाटिका’ में कक्षा-1 में 4-5 शब्दों को जोड़कर पढ़ना सिखाया जाएगा। कक्षा-2 के बच्चों को एक मिनट में करीब 45 शब्दों को प्रवाह के साथ पढ़ना सिखाया जाएगा। और वहीं खेल-खेल में कक्षा-3 के बच्चों को अर्थ के साथ पढ़ना और प्रति मिनट 60 शब्दों को धारा प्रवाह के साथ बोलने के तरीके सिखाए जाएंगे।

ई-श्रमिकों को अब मिल रहे 500 रुपए,मार्च में आ सकती है अगली किश्त

अलीगढ़  उत्तरप्रदेश सरकार द्वारा असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को जीवन बीमा और स्वास्थ्य बीमा का लाभ देने के लिए ई श्रमकार्ड योजना चलायी जा रही है। इस योजना में 16 साल से 59 साल तक के लोग इस योजना में अपना पंजीकरण करा सकते है। प्रदेश के अलीगढ़ मंडल में लगभग 32 लाख श्रमिकों के पंजीयन का लक्ष्य के सापेक्ष 34 लाख का पंजीयन किया जा चुका है। तेजी से बढ़ते पंजीकरण की संख्या को देखते हुए ई-श्रम कार्ड योजना के तहत असंगठित मजदूरों का पंजीयन मंडल में पंजीयन लक्ष्य को पार कर चूका है। अलीगढ़ मंडल में लगभग 32,46,430 असंगठित मजदूरों का पंजीयन कराने का शासन ने लक्ष्य निर्धारित किया था। जिसके सापेक्ष अलीगढ़ मंडल ने 34,80,097 (107 फीसद) असंगठित मजदूरों का पंजीयन कर दिया है।

अलीगढ़ मंडल में 107 फीसद असंगठित मजदूरों का पंजीयन योजना के तहत किया गया है। सबसे अधिक हाथरस जिले में 116 फीसद असंगठित मजदूरों का पंजीयन किया गया है। इसके बाद अलीगढ़ में 110 फीसद पंजीकरण किया गया है। वहीं एटा व कासगंज में 99 फीसद पंजीयन हुआ है।

श्रम विभाग में पंजीकृत साढ़े दस लाख ई-श्रमिक पोषण भत्ता के लाभ से वंचित

जौनपुर  उत्तर प्रदेश भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड में पंजीकृत साढ़े दस लाख ई-श्रमिक अभी तक पोषण भत्ता के लाभ से वंचित हैं। पंजीकृत श्रमिको में सिर्फ डेढ़ लाख ई-श्रमिकों को ही इस योजना का लाभ मिल सका है। प्रदेश में तेजी से बढ रही श्रमिको के पंजीयन की संख्या लगभग 21 लाख से अधिक ई-श्रमिक पंजीकृत हो चुकी हैं।

कर्मकार कल्याण बोर्ड की तरफ से अक्तूबर 2021 में ई-श्रमिकों को तीन महीने तक पांच-पांच सौ रुपए उनके खाते में भेजे गये थे जिसके कारण पंजीकरण की संख्या काफी तेजी से बढ गयी थी। उत्तर प्रदेश शासन ने 31 दिसम्बर तक पंजीकृत ई-श्रमिकों को ही भरण पोषण के तहत इस योजना का लाभ के निर्देश दिए थे। शुरुवात में जिनका रजिस्ट्रेशन 31 अक्तूबर तक हुआ था उन्ही श्रमिकों को पोषण भत्ता की राशि पहले भेजी गयी थी इन श्रमिको की संख्या 12 लाख 27 हजार 475 है। लेकिन अब तक 1 लाख 67 हजार 815 श्रमिकों के खाते में पोषण भत्ता की धनराशि भेज दी गयी है। और इसके बाद एक नवम्बर से 31 दिसम्बर तक लगभग चार लाख श्रमिकों ने पंजीकरण करवाया। उनके खाते में पोषण भत्ता की धनराशि नहीं पहुंच सकी है।

इस योजना में भवन निर्माण में पंजीकृत श्रमिकों की संख्या एक लाख 55 हजार 767 है। इन श्रमिकों में से वर्ष 2021 में 35 हजार 307 श्रमिक व उनके बच्चों को विभाग के विभिन्न योजनाओं के तहत तकरीबन 15 करोड़ का लाभ पहुंचाया गया है। और पिछले माह छह जनवरी को भवन निर्माण व ई-श्रमिकों में चार करोड़ 53 हजार वितरित किए गए थे।

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