संभव एप क्या है संभव एप की पूर्ण विस्तृत जानकारी
संभव एप आंगनवाड़ी वर्करो द्वारा डाटा फीड करने में प्रयोग किया जाता है जब पोषण ट्रैकर पर बच्चो के आयु द्वारा वजन लिया जाता है उसके बाद बच्चे की लंबाई व ऊंचाई की माप की जाती है उससे बच्चे की कुपोषित व अतिकुपोषित (सैम, मैम ) की पहचान की जाती है इस पहचान का डाटा आंगनवाड़ी वर्कर द्वारा संभव एप पर फीड किया जाता है
सम्भव एप कैसे मिलेगा
संभव एप को डाऊनलोड करने के लिए क्लिक करे
संभव एप एंड्राइड फ़ोन पर प्रयोग होता होता है यह एप हमे प्ले स्टोर पर नही मिलेगी इस एप का प्रयोग करने के लिए हमे कार्यालय ,सुपरवाइजर या अन्य स्त्रोत द्वारा एक लिंक प्राप्त करना पड़ता है इस लिंक द्वारा हम इसे अपने फोन में प्रयोग करते हैं
संभव एप को कैसे प्रयोग करे
संभव एप खोलने के बाद सबसे पहले आंगनवाड़ी को अपनी पूर्ण और सही जानकारी डालनी होगी
संभव एप को ओपन करने के बाद सबसे पहले आपको अपने मंडल का नाम उसके बाद अपने जिले का नाम उसके बाद अपनी परियोजना का नाम उसके बाद सुपरवाइजर का नाम उसके बाद केंद्र का नाम ( जिस कॉलोनी,ग्राम क्षेत्र में संचालित किया जाता है) उसके बाद आंगनवाड़ी कार्यकत्री अपना नाम लिखेंगी
ध्यान रहे सभी रिक्त कॉलम में स्टार लगा हुआ है अतः सभी जानकारी को पूर्ण रूप से सही भरना है
- अब सबसे पहले आपको अपने सर्वे रजिस्टर के अनुसार नामांकित 0 से 5 वर्ष तक के बच्चो की कुल संख्या डालनी होगी
- उसके बाद कुल बच्चो की संख्या में आपने कितने बच्चो का वजन लिया
3.इसके बाद आपके द्वारा कुल कितने बच्चो की लंबाई व ऊंचाई ली गयी उसका ब्यौरा डालना होगा
संभव एप की विस्तृत जानकारी के लिए वीडियो देखें
संभव एप और पोषण ट्रैकर के प्रशिक्षण हेतु बांसी (सिद्धार्थनगर ) में बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग की ओर से मंगलवार को ब्लॉक परिसरमें शहरी व ग्रामीण क्षेत्र की मुख्य सुपरवाइजर व चयनित कार्यकत्रियों को मिलाकर 35 लोगों को प्रशिक्षित किया। प्रशिक्षण में सीडीपीओ नीलम वर्मा,सीडीपीओ अभय सिंह,सीडीपीओ प्रियंका वर्मा के नृतत्व में सेविकाओं व कार्यकत्रियों को मुख्य प्रशिक्षक की जिम्मेदारी सौंपी गई है। यह लोग बांसी व खेसरहा ब्लॉक में आंगनबाड़ी कार्यत्रियों को प्रशिक्षित करेंगी। प्रशिक्षण में प्लान इंडिया के ट्रेनर उत्पल दुबे ने सभी को पोषण ट्रैकर व संभव एप के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पोषण ट्रैकर के जरिए हम सभी कुपोषित-अतिकुपोषित बच्चों की पहचान करेंगे। इसके बाद बच्चों का वजन लेते हुए लंबाई व ऊंचाई की माप करनी होगी। इसके बाद संभव एप पर सभी बच्चों का डेटा अपलोड करना होगा।
पोषण समिति की बैठक में सीडीपीओ अनुपस्थित स्पस्टीकरण मांगा
पोषण एवं कन्वर्जेस विभागों की मासिक समीक्षा बैठक जिलाधिकारी ज्ञानेश्वर त्रिपाठी की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार कक्ष जनपद हमीरपुर में हुई। बैठक में राठ सीडीपीओ के अनुपस्थित पाए जाने पर जिलाधिकारी ने स्पष्टीकरण प्राप्त करने के निर्देश दिए हैं। बैठक में जिलाधिकारी ने कहा कि पोषण अभियान के अंतर्गत जनपद से जच्चा-बच्चा के कुपोषण का पूर्णतयः उन्मूलन के किया जाए, इसके लिए हर संभव प्रयास किया जाए। कुपोषण को समाप्त करने के लिए माइक्रो प्लान बनाकर कार्य किया जाए तथा घर-घर जाकर गर्भवती एवं धात्री महिलाओं को पोषण के प्रति जागरूक किया जाए। उन्हें मौसमी फल ,सब्जियों का सेवन अपनी स्वास्थ्य जांच कराने समय समय पर दवाएं लेने और टीकाकरण के लिए उत्साहित करे बच्चो में कुपोषण न हो इसके लिए उसे 6 माह तक केवल मां का दूध ही पिलाया जाए। उन्होंने कहा कि जच्चा-बच्चा पूर्णतया स्वस्थ रहें इस पर विशेष ध्यान दिया जाए।
पोषण ट्रैकर में नई अपडेट देखे
कम वजन के बच्चों को एनआरसी में भर्ती कर इलाज कराया जाए। जिलाधिकारी ने कहा कि जनपद के लाल श्रेणी के बच्चों को पीले श्रेणी में तथा पीली श्रेणी के बच्चों को हरे श्रेणी में लाने का कार्य किया जाए तथा नए कुपोषित बच्चों का भी चिंहांकन किया जाए। कुपोषित परिवारों को ड्राई राशन किट का समय-समय पर वितरण किया जाए। सभी प्राथमिक विद्यालयों, आंगनवाड़ी केंद्रों में पोषण वाटिका बनवाई जाए। पोषण वाटिका में औषधीय पौधे, तुलसी, सहजन, आंवला, नींबू, करीपत्ता, गिलोय एलोवेरा आदि लगाया जाय। सभी आंगनवाड़ी केंद्रों को तीन माह में पोषण वाटिका के माध्यम से हरा-भरा बनाया जाए।