सुपरवाइजर की जांच में फर्जी लोगो ने की पोषाहार न मिलने की शिकायत,सीडीपीओ कार्यालय में 9 लाख का गबन
आंगनवाडी न्यूज़
बहराइच उत्तर प्रदेश आंगनबाड़ी कर्मचारी संघ ने सोमवार को मिहींपुरवा सीडीपीओ कार्यालय के सामने एकत्र होकर कायाकल्प के भुगतान के बाद भी शौचालय की मरम्मत न कराने पर विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान ब्लाक अध्यक्ष सुनीता मौर्या ने कहा कि सीडीपीओ कार्यालय में सुविधाओं का आभाव है। यहां सैकड़ों आंगनवाडी वर्कर आती हैं। है, किंतु कायाकल्प का भुगतान हो जाने के बावजूद खुले में शौच जाना पड़े, तो आखिर इसका जिम्मेदार कौन है। एक ओर जहां स्वच्छता अभियान का नारा दिया जा रहा वहीं इस अव्यवस्था से पोल खोल खुल रही। ब्लॉक परिसर में बने सीडीपीओ कार्यालय के कायाकल्प में नौ लाख रुपए घोटाला करने का आरोप लगाया गया है।
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मिहींपुरवा के पूर्व ब्लॉक प्रमुख ने इसकी शिकायत जिलाधिकारी व मुख्य विकास अधिकारी को शिकायती पत्र भेजकर की है। परिसर में बने शौचालय की मरम्मत न होने से 300 से अधिक आंगनबाड़ी महिलाएं खुले में शौच जाने को विवश है। आंगनबाड़ी यूनियन द्वारा इस पर आपत्ति भी जताई है।मिहींपुरवा के पूर्व ब्लाक प्रमुख श्रवण कुमार मदेशिया ने बताया कि ब्लॉक कार्यालय परिसर में बाल विकास पुष्टाहार कार्यालय के कायाकल्प के लिए अवर अभियंता की ओर से तीन फाइल बनाई गई। इसके बाद लगभग नौ लाख रुपये निकाल कर बंदरबाट कर लिया गया।इस मौके पर कायाकल्प के नाम पर खानापूर्ति की गयी है। उन्होंने इसकी जांच कराने के लिए जिलाधिकारी एवं मुख्य विकास अधिकारी को पत्र भेजकर कार्रवाई करने की मांग की है
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बाल विकास पुष्टाहार कार्यालय में सोमवार को सूत्रों ने बताया कि कार्यालय में कायाकल्प का कोई काम सही ढंग से नहीं हुआ है।शौचालय ध्वस्त होने से पुष्टाहार लेने आने वाली 306 महिलाओं को खुले में शौच करने जाना पड़ता है। कमरों के दरवाजे व छत की रेलिंग टूटी है। जलनिकासी के टैंक भी अधूरे हैं।कायाकल्प के नाम पर कई बार निकाले गए रुपए पूर्व ब्लॉक प्रमुख ने शिकायत पत्र में लिखा है कि अवर अभियंता की ओर से सत्र 2020- 21 में तीन बार कायाकल्प का पैसा खारिज किया गया है। पंचम वित्त से कार्य का नाम सीडीपीओ कार्यालय गोदाम की मरम्मत व रंगाई पर 648010 रुपये निकाले गए।चतुर्थ वित्त से कार्य का नाम सीडीपीओ कार्यालय गोदाम की रंगाई-पुताई पर 52386 एवं सीडीपीओ कार्यालय गोदाम की मरम्मत पर 189085 रुपये निकाले गए। यदि धरातल पर काम नहीं करना था तो अवर अभियंता की मिलीभगत लगभग नौ लाख रुपये क्यों खारिज किए गए।
इसके बाद मंगलवार को ही सीडीपीओ कार्यालय में अधूरे पड़े टैंक की मरम्मत शुरू करा दी गई।सोमवार को आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों ने भी शौचालय की व्यवस्था की मांग को लेकर प्रदर्शन किया था। इसके बाद अफसर हरकत में आए, और कार्य शुरू कराया गया।
रामेन्द्र कुशवाह, खण्ड विकास अधिकारी ने कहा है कि यह प्रकरण मेरे संज्ञान में नहीं आया है। पूर्व ब्लॉक प्रमुख की ओर से लगाए गए इन सभी आरोपों की जांच कराई जाएगी। रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई सुनिश्चित कराई जाएगी।
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पडोसी गाँव के लोग कर रहे पोषाहार न मिलने की फर्जी शिकायत
सोनभद्र के म्योरपुर ब्लाक के ग्राम पंचायत चेरी में बाल पोषाहार वितरण में लाभार्थियों को पोषाहार न मिलने की शिकायत पर सुपरवाइजर द्वारा जांच में फर्जी मिली है । सुपरवाइजर सावित्री यादव ने बताया कि गांव के कुछ लोगों ने विभाग से शिकायत की थी कि चेरी में लाभार्थियों को वितरित किए जाने वाला बाल पोषाहार सभी लोगों को नहीं मिल रहा है। जब मुख्य सेविका ने मामले की स्थलीय जांच प्रधान संग मिल कर की तो पता चला कि जिन लोगो ने शिकायत की है वो लोग न ही ग्राम निवासी है और न ही वो लाभार्थी है और उस गांव में आंगनबाड़ी कार्यकर्ती रिटायर हो चुकी है, जिससे पोषाहार वितरण में देरी हो जाता है। ओपचारिक व्यवस्था पर पोषाहार सभी लाभार्थियों को मिलता है।
सुपरवाइजर से मोबाइल पर संपर्क करने पर बताया गया कि कुछ लोग लाभार्थी न होते हुए भी पोषाहार की मांग करते हैं और जब उंन्हे मना किया जाता है तो शिकायत करते हैं। जांच में यह बात सामने आयी है, कि जिन लोगो ने शिकायत की थी वो लोग इस गाँव के नही बल्कि पड़ोसी गाँव के निवासी थे।