आंगनवाड़ी से सुपरवाइजर के पद पर पदोन्नति पर लग सकती है रोक , नियमावली को लेकर राज्य सरकार से मांगा जवाब
आंगनवाड़ी न्यूज़
शासन के निर्देश पर बाल विकास विभाग मे आंगनवाड़ी से सुपरवाइजर के पद पर प्रोन्नत किए जाने वाली प्रक्रिया पर रोक लग सकती है इस सम्बंध मे इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने सुपरवाइजर के पद पर प्रोन्नत किए जाने के मामले में उत्तर प्रदेश सरकार से जवाब मांगा है। हाईकोर्ट ने कहा कि प्रोन्नति से संबंधित अगर कोई नियमावली सरकार के आदेश दिनांक 15 सितंबर 2015 से 1 अगस्त 2022 के संबंध में बनाई गई हो तो उसे भी कोर्ट में प्रस्तुत किया जाए। कोर्ट ने पदोन्नति मामले की सुनवाई के लिए दो मार्च की तारीख तय की है।
आंगनवाड़ी पदोन्नति मे गड़बड़ी को लेकर 24 वर्करो द्वारा कोर्ट मे याचिका डाली गयी है याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता अभिलाषा पांडेय ने कोर्ट को बताया कि भारत सरकार की तरफ से जारी दिशा निर्देश में भी सुपरवाइजर पद के लिए जरूरी शैक्षिक योग्यता रखने वाली आंगनबाड़ी वर्करो को ही पदोन्नत करने का प्रावधान है। इसके लिए राज्य सरकार से नियमावली को संशोधित करने के लिए भी कहा गया था लेकिन अभी तक राज्य सरकार की तरफ से इसका कोई अनुपालन नहीं किया गया है। और बिना अनुपालन किए सरकार पदोन्नति मे आंगनवाड़ी वर्करो का सत्यापन करा रही है
याचिकाकर्ता का कहना है कि केंद्र सरकार द्वारा जारी निर्देश के पदोन्नति मे जरूरी अर्हता होने के बावजूद विभागीय स्तर पर दसवीं पास आंगनबाड़ी वर्करो को सुपरवाइजर के पद पर प्रोन्नत किया जा रहा है। ऐसे में योग्यतम अभ्यर्थियों को पदोन्नति से वंचित करने का सीधा असर विभागीय योजनाओं के क्रियान्वयन पर पड़ सकता है। न्यायमूर्ति राजन राय की एकल पीठ ने इन 24 आंगनवाड़ी वर्करो की तरफ से दाखिल याचिका की सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया है कि अगर राज्य सरकार ने आंगनवाड़ी पदोन्नति के सम्बंध मे कोई नियमावली बनाई हो तो दो मार्च तक कोर्ट मे प्रस्तुत करे