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आंगनवाड़ी केंद्रों का राशन गबन करने मे कार्यालय के बाबू भी आगे

बहराइच जनपद मे बाल विकास व पुष्टाहार विभाग द्वारा आंगनवाड़ी केन्द्रो पर पंजीकृत बच्चो और गर्भवती महिलाओ व किशोरियों को दिया जाने वाला ड्राई राशन व रिफाइंड को कार्यालय के बाबू ही डकार गए हैं। राशन को लेकर लिपिक व आंगनबाड़ी के बीच हुए विवाद पर पोल खुली तो डीपीओ ने इस मामले की जांच कराई। इस जांच में 136 कुंतल राशन व 1427 किलोग्राम रिफाइंड के गबन होने की पुष्टि हुई है। शुरुवाती जांच के आधार पर परियोजना कार्यालय के दोनों बाबुओ को तत्काल प्रभाव से स्थानांतरित कर दिया गया है। जबकि इस मामले मे डीएम की ओर से भी कार्रवाई की संस्तुति कर इसकी रिपोर्ट शासन को भेजी गई है।

बाल विकास व पुष्टाहार विभाग द्वारा आंगनवाड़ी केन्द्रो पर हर माह गर्भवती महिलाओं व किशोरियों को कुपोषण से बचाने के लिए चना दाल, गेहूं की दलिया व फोर्टिफाइड रिफाइंड तेल का वितरण किया जाता है। जिले की परियोजना कार्यालयों पर स्थित गोदामों से राशन व रिफाइंड का वितरण हो रहा है। जनपद की मिहींपुरवा परियोजना में इन बाबुओ द्वारा कुछ चुनिंदा आंगनबाड़ी वर्करो को ही ड्राई राशन व रिफाइंड का वितरण किया था जबकि 13 समूहों को राशन नहीं दिया गया। राशन न मिलने के कारण आंगनवाड़ी वर्करो द्वारा कई माह से परियोजना गोदाम पर पहुंचकर राशन की मांग की गई थी ।

राशन न मिलने का मामला जब डीपीओ के संज्ञान में आया तो उन्होने सीडीपीओ मिहींपुरवा व सुपरवाइजरों की टीम गठित कर इस राशन न मिलने की जांच कराई जांच मे गोदाम व अभिलेखों में दर्ज आंकड़े देखकर जांच अधिकारी के होश उड़ गए। इस परियोजना मे गर्भवती और किशोरियों के वितरण को आने वाले 5577.5 किलोग्राम चना दाल, 2419 किलोग्राम दलिया, 407.68 किलोग्राम रिफाइंड मे काफी हेरा फेरी मिली इस कुल राशन मे 3360 किलोग्राम दलिया, 2270 किलोग्राम चना दाल, 1019 किलोग्राम रिफाइंड तेल गोदाम से गायब था अब इसका वितरण कहां किया गया या ये राशन कहा भेजा गया इसका कोई रेकॉर्ड या इससे जुड़े अभिलेख भी लिपिक व गोदाम प्रभारी उपलब्ध नहीं करा पाए। राशन गड़बड़ी की जांच में बड़े पैमाने पर ड्राइ राशन व रिफाइंड के गोलमाल करने की पुष्टि होने पर कनिष्ठ लिपिक नितिन श्रीवास्तव को महसी व राजूचंद्र को तेजवापुर स्थानांतरित कर दिया गया है।

अवगत हो कि बाल विकास विभाग की ओर से कराए गए सर्वे में जिले की 448 किशोरी एनीमिया से पीड़ित पाई गई थी। एनीमिया व कुपोषण के शिकार से बचाने के लिए इन किशोरियों को वितरण के लिए वर्ष 2022 अक्टूबर, नवंबर, दिसंबर व जनवरी कुल चार माह के लिए चना दाल, दलिया व रिफाइंड परियोजना मोतीपुर को भेजा गया था। किशोरी के हिस्से का ड्राई राशन भी घोटाले के भेंट चढ़ गया है।शासन द्वारा भेजा गया राशन कागज में ही आया और कागज में वितरित कर दिया गया। ड्राई राशन वितरण के लिए जिले की सभी परियोजनाओं को सर्वे के हिसाब से उपलब्ध कराया गया था। मोतीपुर परियोजना के तहत किशोरियों के हिस्सा का राशन कागज में रिसीव किया गया और कागज में ही वितरण कर दिया गया है। जांच में सामने आए तथ्य ने अफसरों के होश उड़ा दिए हैं।इस मामले की दो बार जांच की गयी लेकिन दोनों बार ही अभिलेख को नहीं दिखाए गए

जनपद बहराइच के डीपीओ राजकपूर डीपीओ का कहना है कि पूर्व में मिली शिकायतों की जांच करने के लिए वह खुद भी मिहींपुरवा परियोजना कार्यालय गए, लेकिन गोदाम की जांच के दौरान न तो लिपिक सामने आए और न ही कोई अभिलेख प्रस्तुत किए। इसको लेकर स्पष्टीकरण भी तलब किया गया। शंका होने पर जांच कराई गई।मिहींपुरवा के परियोजना गोदाम में डंप ड्राई राशन व रिफाइंड वितरण में अनियमितता की पुष्टि पर दो लिपिकों को स्थानांतरित किया गया है। शासन को रिपोर्ट भेजकर कार्रवाई की संस्तुति भी की गई है। 

सीडीपीओ मिहींपुरवा की ओर से जांच आख्या रिपोर्ट में दर्शाया गया है कि जांच के दौरान ड्राई राशन के भंडारण, वितरण से जुड़े कई महत्वपूर्ण अभिलेखों को लिपिक व गोदाम प्रभारी की ओर से प्रस्तुत नहीं किया गया है। इससे आगे की जांच नहीं की जा सकी है। इसी के चलते दोनों को परियोजना से हटाया गया है, ताकि जांच सही तरीके से की जा सके।

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